Health Tips : दिखने में लगती है जंगली घास जैसी, लेकिन बहुत काम की चीज है ये जड़ी बूटी

Shatavari Health Benefits : शतावरी (Shatavari) के बारे में ज्यादा जानकारी आम लोगों को नहीं है। लेकिन जंगलों में उगने, फलने-फूलने लहलहाने वाली यह औषधीय बूटी बहुत उपयोगी है, जो अनेक बीमारियों में कारगर है। इसे सतावर, सतमूली, नारायणी, तालमूली जैसे कई नामों से जाना जाता है। शतावरी को आप पंसारी की दुकान या जड़ी-बूटी बेचने वालों से ले सकते हैं।
क्या होता है शतावरी
शतावरी में वसा, प्रोटीन, थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी6, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, जिंक पाया जाता है। जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होते हैं।
शतावरी के फायदे
1- वजन कंट्रोल : शतावरी से वजन कंट्रोल में मदद मिलती है, इसका सेवन करने से आपको काफी लाभ मिलेगा।
2-ह्रदय और मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी : शतावरी में सल्फोराफेन, कैंसर रोधी गुणों से भरपूर होता है। इसका सेवन ह्रदय और मधुमेह रोगियों के लिए भी उपयोगी है।
3-प्रतिरोधक क्षमता- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी शतावरी का खूब इस्तेमाल होता है।
4-हड्डिया मजबूत बनाने में सहायक -इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है।
5- शारीरिक क्षमता -जड़ी-बूटियों में प्रमुख स्थान रखने वाली शतावरी शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है।
ऐसे करें सेवन
-रोज एक-एक चम्मच सुबह-शाम शतावरी का सेवन असमय झड़ते बालों की रोकथाम कर चेहरे पर पड़ी झुर्रियों को मिटाता है।
-चेहरे पर दाग धब्बे, झाइयां मिटाने के लिए कच्चे दूध में इसका चूर्ण मिलाकर उबटन की तरह चेहरे पर लगाने से उक्त परेशानी दूर हो चेहरे पर निखार आता है।
-सभी प्रकार के चर्म रोगों से छुटकारा पाने के लिए इसका चूर्ण देशी घी या शहद में मिलाकर लगाना लाभकारी है।
-शतावरी पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। पेट में दर्द रहता हो तो शतावरी के चूर्ण को मधु या मिश्री के साथ लेना हितकर है।
-आधासीसी (अधकपारी) के दर्द में आराम के लिए इसकी ताजा जड़ को कूट कर रस निकाल बराबर मात्रा मे तिल का तेल मिला कर खूब उबाल कर ठंडा कर सिर पर लगाने से आराम मिलता है।
-नाक की सभी बीमारियों में आराम के लिए एक ग्लास दूध में एक चम्मच इसका चूर्ण डाल कर उबालें फिर मिश्री मिला कर ठंडा कर पिएं।
-बुखार के लिए ताजा शतावरी और गिलोय को कूटकर रस निकाल कर जरा-सा गुड़ मिला कर पिएं।
-बवासीर में आराम के लिए इसके एक चम्मच चूर्ण को रात में दूध के साथ लेना चाहिए।
नोट : शरीर को बलवान बनाने में सक्षम शतावरी का यदि अधिक मात्रा में सेवन कर लिया जाए तो ह्रदय और गुर्दे संबंधी परेशानी हो सकती हैं। इसलिए यहां बताए गए किसी भी उपाय या उपचार को प्रयोग करने से पहले अपने वैद्यजी या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें।
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