Health Tips : जानें आपके शरीर के लिए कितना जरूरी है 'Vitamin D', ऐसे करता है आपकी मदद

Health Tips : जानें आपके शरीर के लिए कितना जरूरी है Vitamin D, ऐसे करता है आपकी मदद
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वैसे तो शरीर के लिए सभी विटामिंस (Vitamins) जरूरी होते हैं। लेकिन इनमें भी विटामिन डी (Vitamin D) बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी कमी से हर उम्र में अलग-अलग तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इसकी इंपॉर्टेंस को समझना जरूरी है।

Health Tips : वैसे तो शरीर के लिए सभी विटामिंस (Vitamins) जरूरी होते हैं। लेकिन इनमें भी विटामिन डी (Vitamin D) बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी कमी से हर उम्र में अलग-अलग तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इसकी इंपॉर्टेंस को समझना जरूरी है। सीनियर कंसल्टेंट-मेडिसिन डॉ. विकास अग्रवाल का कहना है कि आमतौर पर लोगों को यह पता होता है कि विटामिन डी (Vitamin D) की कमी से बच्चों में रिकेट्स नामक हड्डी से संबंधित बीमारी हो जाती है। लेकिन विटामिन डी (Vitamin D) की कमी से कई और बीमारियां भी हो सकती हैं। जाहिर है, विटामिन डी शरीर के लिए बहुत अधिक फायदेमंद है।

1- मसल्स फाइबर्स की ग्रोथ के लिए

यूएस स्थित विटामिन डी काउंसिल के संस्थापक और साइकिएट्रिस्ट डॉ. जॉन कैनल कहते हैं, 'शोधपत्रों से पता चलता है कि गर्मियों में एथलीट्स की परफॉर्मेंस सर्दियों की तुलना में काफी बेहतर होती है। इसकी वजह है सोलर लाइट से विटामिन डी की प्राप्ति। यह विटामिन मसल्स फाइबर्स की ग्रोथ को स्टिमुलेट करता है। रक्त में इसके उच्च स्तर से संतुलन और प्रतिक्रिया की टाइमिंग भी इंप्रूव होती है।'

2- बीमारियों से सुरक्षा

वैज्ञानिकों को कई ऐसे प्रमाण मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि विटामिन डी के जरूरी स्तर की मौजूदगी से उम्र बढ़ने पर डायबिटीज (Diabetes) और हार्ट डिजीज (Cardiovascular disease) जैसी जानलेवा बीमारियों से काफी हद तक सुरक्षा मिल सकती है। बीते साल टाइप-2 डायबिटीज के 90 मरीजों पर किए गए एक महत्वपूर्ण अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी से युक्त योगर्ट लेने वाले मरीजों में ब्लड शुगर और वजन, सामान्य योगर्ट लेने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा जल्दी नियंत्रित हुआ।

3-दर्द से दिलाए राहत

एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि शरीर में विटामिन डी के अच्छे स्तर से धमनियों में कड़ापन आने की आशंका कम हो जाती है, जिससे हृदय रोग की संभावना घटती है। इसके अलावा जिन मरीजों का एस्ट्रोजन-ब्लॉकिंग ड्रग्स से ब्रेस्ट कैंसर का इलाज होता है, उन्हें विटामिन डी सप्लीमेंट देने पर जोड़ों और हड्डियों में दर्द कम हो जाता है।

4-मल्टीपल स्कलेरोसिस से बचाव

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में क्लीनिकल न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर जॉर्ज एबर्स के अनुसार, विटामिन डी की कमी से मल्टीपल स्कलेरोसिस की आशंका बढ़ जाती है। उनकी इस मान्यता का समर्थन दुनिया भर के कई वैज्ञानिक समूहों ने किया है। उन्होंने विशेषकर गर्भवती महिलाओं को विटामिन डी सप्लीमेंट्स देने की सलाह दी है। ब्रिटिश हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. ओलीवर गिली, जो विटामिन के प्रति जागरूकता अभियान चलाते हैं, ने भी शुरू से ही बच्चों को विटामिन डी की जरूरी डोज देने पर जोर दिया है।

5-ईजी डिलीवरी में सहायक

एक ताजा अध्ययन में 500 गर्भवती महिलाओं ने रोजाना 100 माइक्रोग्राम विटामिन डी का सेवन किया। जिन महिलाओं का विटामिन डी लेवल अच्छा था, उनमें प्रीमैच्यौर डिलीवरी या किसी प्रकार के इंफेक्शन जैसी जटिलताएं नहीं देखी गईं। यूएसए स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलीना के शिशु रोग विशेषज्ञ प्रो. ब्रूस होलिस, जो इस अध्ययन के प्रमुख थे, कहते हैं, 'हमने इन महिलाओं में कोई भी विपरीत स्थिति नहीं पाई। इन्हें बेहद सुरक्षित प्रसव हुआ और काफी इंप्रूव्ड नतीजे पाए गए।'

विटामिन डी के स्रोत

वैसे तो सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का आदर्श, अक्षय, प्राकृतिक स्रोत है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली और सूर्य की रोशनी में पर्याप्त एक्जपोजर ना होने की वजह से लोगों में इसकी कमी हो रही है। नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह के अनुसार या इसकी रेकमंडेड डोज लेने (10 से 20 माइक्रोग्राम) के लिए भोजन में दूध, दही, चीज, मछली, अंडे, मशरूम और फोर्टीफाइड अनाज शामिल करने चाहिए। इसकी कमी होने पर डॉक्टर की सलाह पर इसके सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।


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