कोरोना वायरस से भारत को बचाएगा आयुर्वेद, इन चार आयुर्वेदिक दवाओं का मरीजों पर शुरू हुआ परीक्षण

वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ दवा और वैक्सीन बनाने की लगातार कोशिश हो रही है। इस बीच भारत में भी कई दवाओं को लेकर परीक्षण चल रहा है। अब आयुष मंत्रालय भी आयुर्वेद की चार दवाईयों के जरिए कोरोना मरीजों पर ट्रायल की तैयारी कर रहा है। 12 सप्ताह का यह ट्रायल 1000 मरीजों पर किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहाकि कोविड-19 के खिलाफ पूरी दुनिया में जंग चल रही है। अब भारत का आयुष मंत्रालय सीएसआईआर और आईसीएमआर के तकनीकी समर्थन के साथ स्वास्थ्य कर्मियों और सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्र में काम कर रहे लोगों पर अश्वगंधा,यष्टिमधु,गुरुच पीप्ली,आयुष 64 का क्लिनिकल ट्रायल गुरुवार से शुरू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहाकि आयुर्वेद में जो ताकत अंतर्निहित है,उसका वास्तविक इस्तेमाल,जो देश या दुनिया के लिए होना चाहिए,वो शायद हो नहीं पाता है। देश दुनिया के सामने आयुर्वेद की श्रेष्ठता को अब भारत आधुनिक तरीके से सिद्ध करके पेश करेगा।
आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटिया ने इस बारे में बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय,आयुष मंत्रालय व सीएसआईआर ने संयुक्त रूप से तीन तरह की स्टडी की है। इसी के तहत चार दवाईयों को लेकर ट्रायल शुरू किया जा रहा है। उन्हें कहाकि जो क्वारंटीन में हैं या जहां हाई रिस्क पापुलेशन है वहीं यह स्टडी की जा रही है। इसमें सेंपल साइज 5 लाख का है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ने इम्युनिटी को लेकर जो सलाह आयुष मंत्रालय को दी है,उसका असर का निर्धारण 50 लाख लोगों पर किया जा रहा है।
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