केले के फेस पैक से आएगा त्वचा में ग्लो, नीम की छाल के लेप से दूर होंगी फुंसियां

गर्मियों की चिलचिलाती धूप हालत खराब कर देती है। प्रकृति ने हमारे लिए वन संपदा के नाम पर अनेक ऐसे उपाय दिए हैं, जिनकी मदद से हम गर्मियों में अपनी देखभाल स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए अपनी दिनचर्या में पारंपरिक पेय और फलों और कुछ पारंपरिक नुस्खों को सम्मिलित कर लें तो धूप की तपिश से होने वाली समस्याओं पर आसानी से काबू पाया जा सकता है।
गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा लू के थपेड़े ही पड़ते हैं। यदि हम पहले से ही सावधान हो जाएं तो संभव है इस गर्मी के मौसम में काफी हद तक इसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। हर्बल विशेषज्ञ डॉ. दीपक आचार्य ने बताए गर्मियों में त्वचा को सुरक्षित रखने के उपाय।
गर्मी के मौसम में कौन से क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं?
केला त्वचा के लिए एक अच्छा नमी कारक (मॉइश्चराइजर)उपाय है। पके हुए केले को अच्छी तरह से मैश कर लें और चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाएं। करीब 15 मिनट बाद इसे धो लें। चेहरा धुल जाने के बाद चंदन का लेप भी लगाएं। ऐसा करने से चेहरे की त्वचा में नई ताजगी आएगी और लू के थपेड़ों का असर कम होगा।
गर्मी बढ़ने के साथ घमौरियां और सन टैन परेशान करने लगते हैं।
गर्मियों में होने वाली घमौरियों से छुटकारा पाने के लिए नीम की छाल को घिसकर लेप तैयार कर लें। इसे उन हिस्सों पर लगाए, जहां घमौरियां और फुंसिया हो। पानी में थोड़ी सी नीम की पत्तियां डालकर नहाने से भी घमौरियां दूर हो जाती हैं। सन टैन की समस्या से निजात पाने के लिए सेब को कुचल लें। इसमें कुछ मात्रा कच्चे दूध की मिला लें और चेहरे पर लगाएं। यह सूख जाए तो इसे धो लें। सप्ताह में 5 बार ऐसा करने से सन टैन की समस्या में फायदा होता है।
गर्मियों में त्वचा बेजान हो जाती है। इसके लिए क्या कर सकते हैं?
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के रस में थाइमोल तत्व पाया जाता है। इससे त्वचा के रोगों में लाभ होता है। पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार, तुलसी के पत्तों को त्वचा पर रगड़ दिया जाए तो त्वचा पर गर्मियों के दुष्प्रभावों में आराम मिलता है। गर्मियों में घमौरियाें के इलाज के लिए डांग- गुजरात के आदिवासी संतरे के छिलकों को छांव में सुखाकर पाउडर बना लेते हैं। इसमें थोड़ा तुलसी का पानी और गुलाबजल मिलाकर शरीर पर लगाते है, ऐसा करने से तुरंत आराम मिलता है।
गर्मियों में बच्चों को लू जल्दी लग जाती है। धूप में चेहरा भी काला हो जाता है।
कमरख का पेड़ उत्तर और मध्य भारत के वनों में अक्सर देखा जा सकता है। अंग्रेजी भाषा में इसे स्टार फ्रूट के नाम से जाना जाता है। स्वाद में इसके फल काफी खट्टे होते हैं। हालांकि ज्यादा पक जाने पर इनमें थोड़ी मिठास भी आ जाती है। आदिवासियों के अनुसार इसका पका हुआ फल शक्तिवर्धक और ताजगी देने वाला होता है। गर्मियों में इस फल के सेवन से लू की मार नहीं पड़ती। वहीं चेहरों पर बने काले निशान को दूर करने के लिए एक आलू को बारीक पीस लें। इसमें 2 चम्मच कच्चा दूध मिला लें। पेस्ट तैयार हो जाने पर इसे प्रतिदिन सुबह शाम कुछ देर के लिए धूप की मार से बने काले निशानों पर लगा दें और धो लें। इससे शीघ्र ही निशान दूर हो जाएंगे।
शरीर के तापमान को नियंत्रित करने किसका सेवन करें?
पपीता न सिर्फ एक फल है बल्कि कई गुणों का खजाना है। इस फल में पपैन, प्रोटीन, बीटा- केरोटीन, थायमिन, रीबोफ्लेविन और कई तरह के विटामिन्स पाए जाते हैं। गर्मियों के पके पपीते को खाना हितकर माना जाता है, इसके जूस को पीने से शरीर में ताजगी और स्फूर्ति बनी रहती है और चिलचिलाती गर्मी में भी यह शरीर के तापमान को नियंत्रित किए रहता है।
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