Yoga Asanas For Sinus : साइनस की समस्या से हैं परेशान, तो रोजाना करें ये 4 योगासन

Yoga Asanas For Sinus : मानसून आने के बाद से कई बीमारियों के होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। जैसे सर्दी, खांसी, जुकाम, इंफेक्शन और बदन दर्द आदि होने का डर लोगों को सताने लगता है। इस मौसम के आने के बाद से साइनस के मरीजों को भी काफी परेशानी होने लगती है। इसकी वजह से नाक बंद, बलगम, सिर दर्द, नाक से पानी आना और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसलिए कई लोग साइनस की बीमारी से राहत पाने के लिए दवाइयां खाते हैं। इस बात का तो आप सभी को पता होगा कि अधिक दवाई खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है। अगर आप भी साइनस की समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो योग कर सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे योग आसनों के बारे में बताएंगे, जिसकी मदद से साइनस से राहत मिल जाएगी। चलिए तो जानते है कि साइनस से बचने के लिए कौन से योगासन करने चाहिए...
गोमुखासन योगासन करना फायदेमंद
♦ इस व्यायाम को करने के लिए आप सबसे पहले मैट पर दोनों पैरों आगे की तरफ लेकर आएं।
♦ इसके बाद अपने बाएं तरफ के घुटने को मोड़ लें और एड़ी को दाएं तरफ नीचे जमीन पर लेकर आएं।
♦ उसके बाद अपने दाएं पैर को हल्का-हल्का मोड़ें और दाएं पैर की एड़ी को अपने बाएं पैर के पास लाने का प्रयास करें।
♦ इसके बाद अपने हाथों को पीठ के पीछे से ऊपर की तरफ लेकर जाएं।
♦ इन सभी चीजों को करने के बाद दाएं हाथ को अपनी कोहनी से मोड़े और पीछे की तरफ लेकर जाएं।
♦ ये करने के बाद अब अपने दोनों हथेलियों को बंद कर लें।
♦ इस दौरान 3 से 4 बार सांस को अंदर और बाहर करें।
♦ इसको करने के बाद हाथ और पैर दोनों की स्थिति को बदलकर योगासन करें।
♦ जब साइनस की बीमारी से जूझ रहे हो, तो 3 से 5 बार ये योगासन कर सकते हैं।
साइनस के लिए सेतुबंधासन करना चाहिए
♦ इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं।
♦ लेटने के बाद अपने दोनों घुटनों को मोड़े और तलवों को जमीन पर लेकर आएं।
♦ इसके बाद अपने दोनों हाथों की मदद से पैरों की एड़ियों को पकड़ लें।
♦ ऐसा करने के बाद सांस लें और धीमे-धीमे अपने शरीर को ऊपर की ओर लेकर जाएं।
♦ इस अवस्था में कम से कम 1 या 2 मिनट तक रहें।
♦ ऐसा करने के ठीक बाद सांस को छोड़ते हुए पहले की पोजीशन में आ जाएं।
उष्ट्रासन करने से दूर होगी ये बीमारी
♦ अगर आप साइनस की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो उष्ट्रासन योगासन करें।
♦ इसको करने के लिए सबसे पहले घुटने के बल पर लेट जाना चाहिए और दोनों हाथों को अपने कूल्हों पर रखें।
♦ इस दौरान ध्यान रहे कि दोनों घुटने आपके कंधों के समान होने चाहिए।
♦ ये करने के बाद गहरी सांस लेना चाहिए और रीढ़ की हड्डी पर हल्का सा दबाव डालें।
♦ ये पूरा दबाव नाभि की तरफ लाएं।
♦ इसके बाद दोनों हाथों से पैरों को पकड़े और कमर को पीछे की तरफ लाएं और मोड़े।
♦ इस पोजीशन में 30 से 60 60 सेकंड रुकने बाद, फिर पहले की स्थिति में आ सकते हैं।
♦ इस योगासन को 3 से 5 बार किया जा सकता है।
भुजंगासन करना साइनस के लिए लाभदायक
♦ भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं।
♦ लेटने के बाद अपने हाथों की कोहनियों को कमर से चिपका लें और हाथों की हथेलियों को ऊपर की तरफ लेकर आएं।
♦ अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए, अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं।
♦ इसके बाद अपने पेट को ऊपर की तरफ उठाएं और इस स्थिति में कम से कम 3 सेकंड तक रहें।
♦ इस दौरान सांस को छोड़ते हुए छाती, पेट, सिर को धीरे से जमीन की ओर लेकर आएं।
♦ इस पूरी प्रक्रिया को 3 से 5 बार किया जा सकता है।
♦ इस प्रक्रिया को 3-5 बार कर सकते हैं।
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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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