वर्क फ्रॉम होम के दौरान बरतनी होगी सावधानी

वर्क फ्रॉम होम के दौरान बरतनी होगी सावधानी
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एम्स, नई दिल्ली के मनोरोग विभाग में कार्यरत मनोचिकित्सक डॉक्टर राजेश सागर कहते हैं कि वर्क फ्रॉम होम कल्चर के कारण व्यक्ति अधिक समय तक घर में ही रहता है। शारीरिक कार्य करना बंद कर देता है, जिससे उसमें मोटापे, डायबिटीज आदि से जुड़ी शारीरिक समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।

कोरोना महामारी की चपेट में आने से बचने के लिए अधिकांश बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों से घर से ही काम करा रही हैं, लेकिन वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों में कुछ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं। ऐसे में कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है।

एम्स, नई दिल्ली के मनोरोग विभाग में कार्यरत मनोचिकित्सक डॉक्टर राजेश सागर कहते हैं कि वर्क फ्रॉम होम कल्चर के कारण व्यक्ति अधिक समय तक घर में ही रहता है। शारीरिक कार्य करना बंद कर देता है, जिससे उसमें मोटापे, डायबिटीज आदि से जुड़ी शारीरिक समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। दरअसल, पहले जब लोग ऑफिस जाया करते थे तो वे कुछ शारीरिक मेहनत करते थे, लेकिन वर्क फ्रॉम होम के कारण अब वे ऐसी कोई मेहनत नहीं कर रहे हैं। ऐसा होने से उनमें मोटापे और डायबिटीज की संभावना बढ़ रही है। लंबे समय तक घर से काम करने के कारण उनके खाने-पीने का शेड्यूल बिगड़ गया है। इनके साथ ही कई लोग तनाव के शिकार बन रहे हैं। कुछ लोग तनाव से बचने के लिए अधिक मात्रा में भोजन कर रहे हैं, जो उनमें मोटापा उत्पन्न कर रहा है। तनाव और मोटापे के कारण उन्हें दूसरी बीमारियां होने की आशंका भी बढ़ रही है। घर में सीमित रहने के कारण वे चिड़चिड़ेपन के शिकार बन जाते हैं। वे चिंताग्रस्त भी रहने लगते हैं। इनसे बचने के लिए लगातार कंप्यूटर पर काम करने वाले लोगों को बीच-बीच में ब्रेक लेना चाहिए। दो घंटे तक लगातार काम करने के बाद करीब 10 से 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। बीच में अगर टाइम मिले तो हल्का-फुल्का व्यायाम भी कर लेना चाहिए। खाने के मामले में भी सावधानी बरतनी चाहिए। खाने में तैलीय चीजों के सेवन से बचते हुए फलों और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

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