कोरोना वायरस: महामारी से बचने के लिए चाणक्य ने बताए थे खास पांच मंत्र, ध्यान में रखेंगे ये बात तो नहीं होगा नुकसान

दुनियाभार में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दहशत का तांडव मचा रखा है। अब तक इसकी चपेट में पूरे विश्व के लाखों व्यक्ति आ चुके हैं। इसके साथ ही अब तक 10 हजार पीड़ित कोरोना के चलते जिंदगी की जंग हार गए हैं। कोरोना को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पैंडेमिक घोषित कर दिया है। यह महामारी तेजी से मानव सभ्यता पर खतरा बनकर उभर रहा है। जहां इसको रोकने के लिए सरकारें और स्वास्थ्य संगठन (Government and Health Organisation) कई उपाय कर रहे हैं। वहीं, हम आपको आचार्य चाणक्य के महामारी को लेकर कुछ खास मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।
चाणक्य ने महामारी के विस्तार पर काबू पाने के लिए मनुष्य को धैर्य और सजगता बरतने की बात कही है। उनका मानना था कि ऐसे संकट के वक्त ही मनुष्य की सही पहचान सामने आती है।
भारत के गिनती श्रेष्ठ विद्वानों में से एक आचार्य चाणक्य कौटिल्य (Chanakya) के नाम से भी जाने जाते हैं। अर्थशास्त्र, राजनीति के क्षेत्र में महारथी चाणक्य योग्य शिक्षक और समाजशास्त्री भी थे। अपनी चाणक्य नीति में उन्होंने समाज और मनुष्य को प्रभावित करने वाले सभी तत्वों के बारे में काफी गंभीरता से चर्चा की है। आइए जानते हैं उनकी वो पांच नीतियों को जिनसे महामारी को फैलने को रोका जा सकता है।
• चाणक्य का मानना था कि किसी भी तरह की महामारी से बचने के लिए सबसे अहम है मनुष्य की सतर्कता और जागरुकता। उनके अनुसार चिकित्सकों द्वारा महामारी से बचने के लिए जितने भी तरीके बताए जाते हैं वो सभी को अपनाने चाहिए।
• चाणक्य नीति में अगला महत्वपूर्ण बात है जनसंपर्क का रोकथाम। उनका कहना था है कि किसी भी महामारी का खतरा एक दूसरे के संपर्क में आने से काफी अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में महामारी के प्रकोप के कम होने तक जनसंपर्क को टाल देना चाहिए।
• महामारी रोकने के लिए अगली जरूरी बात है राजा (Government) द्वारा बताए नियमों का पालन करना। चाणक्य कहते हैं कि महामारी रोकने के लिए पूरी ईमानदारी दिखानी चाहिए और बताई गई सभी उपायों का पालन करना चाहिए।
• चाणक्य ने भी माना कि महामारी के वक्त संक्रमण के साथ-साथ अफवाहों के फैलने की रफ्तार काफी तेज होती है। ऐसे में सभी को चाहिए कि वो ऐसे अफवाहों को अनदेखा कर इन पर रोक लगाएं। दरअसल, बुरे वक्त में ऐसी अफवाहें स्थिति को काफी और बिगाड़ देती हैं। इसके साथ ही ऐसे समय में अंधविश्वास से भी लोगों को दूर रहना चाहिए।
• चाणक्य ने महामारी के वक्त स्वच्छता पर जोर देने की बात कही है। उनका मानना है कि सफाई को किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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