ये हैं चीनी खाने के नुकसान, कम सेवन करके इन खतरों को कर सकते हैं कम

ये हैं चीनी खाने के नुकसान, कम सेवन करके इन खतरों को कर सकते हैं कम
X
चीनी के कम या नियंत्रित सेवन के कई फायदे हैं। चीनी के अधिक सेवन से ब्लड में हार्मफुल ब्लड फैट्स, ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाते हैं। इनसे स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ता है। चीनी का कम सेवन करके आप इस खतरे को कम कर सकते हैं। डाइट में रिफाइंड शुगर शामिल करने से मीठे के प्रति एडिक्शन बढ़ जाता है। मिठाई ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है। इसलिए वेट लॉस प्रोग्राम को सक्सेसफुल बनाना है तो रिफाइंड शुगर का सेवन छोड़ दें या बहुत कम लें।

चीनी के फायदे बहुत होते हैं और बहुत से लोगों को मीठा खाना बहुत पसंद भी होता है। हालांकि शरीर को मीठे के रूप में ग्लूकोज की जरूरत होती है लेकिन मीठे का अधिक सेवन करना लाभदायक नहीं होता है बल्कि इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ने लगता है। चीनी के कम या नियंत्रित सेवन के कई फायदे हैं। चीनी के अधिक सेवन से ब्लड में हार्मफुल ब्लड फैट्स, ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाते हैं। इनसे स्ट्रोक और हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ता है। चीनी का कम सेवन करके आप इस खतरे को कम कर सकते हैं। डाइट में रिफाइंड शुगर शामिल करने से मीठे के प्रति एडिक्शन बढ़ जाता है। मिठाई ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है। इसलिए वेट लॉस प्रोग्राम को सक्सेसफुल बनाना है तो रिफाइंड शुगर का सेवन छोड़ दें या बहुत कम लें। जिन्हें डायबिटीज मेलिटस की शिकायत है, उन्हें शुगर फ्री डाइट लेनी चाहिए। इससे पैंक्रियाज अधिक इंसुलिन उत्पादन नहीं करेगा, ब्लड का ग्लूकोज लेवल भी मेंटेन होगा।

- चीनी को क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का कारक माना जाता है। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। चीनी का सेवन कम करके आप एलर्जी और अस्थमा जैसे रेस्पीरेटरी डिसऑर्डर्स से भी राहत पा सकते हैं।

- सोने से पहले मीठी चीजें, आइसक्रीम आदि खाना छोड़ दें। चीनी से स्ट्रेस हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं, जो अनिद्रा का सबब बन जाते हैं। नियमित मिठाई खाने की आदत छोड़कर आप इस समस्या से बच सकते हैं।

Also Read: पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए अपनाएं यह आयुर्वेदिक उपाय, नहीं पड़ेगी पेनकिलर खाने की जरूरत

- हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्वीट डिशेज ज्यादा खाने से लॉन्ग टर्म में डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मीठा जितना कम खाएंगे, मिजाज उतना ही अच्छा रहेगा और आप मेंटली फिट रहेंगे।

- शुगर इनटेक कम करते ही आपके रक्त प्रवाह में ग्लूकोज का लेवल कम होता है। इससे समय पूर्व एजिंग का सबब बनने वाले क्रॉनिक इंफ्लेमेशन का जोखिम भी कम हो जाता है। इंफ्लेमेशन से स्किन ढीला होने लगता है और झुर्रियां भी होने लगती हैं।

- हर किसी को पता है कि कैविटीज का प्रमुख कारण चीनी यानी मीठी टॉफी, चॉकलेट, मिठाइयां खाना होता है। इनसे बैक्टीरिया बढ़ते हैं और मुंह में अम्ल तैयार करते हैं, जो दांतों के सड़न का सबब बन जाता है। मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन न करके आप दांतों को साफ, स्वस्थ और सुंदर रख सकते हैं और सांसों की ताजगी को भी बरकरार रख सकते हैं।


Tags

Next Story