जानें कौन सा Cholesterol आपके हार्ट के लिए अच्छा होता है, ऐसे करें कोलेस्टॉल की जांच

जानें कौन सा Cholesterol आपके हार्ट के लिए अच्छा होता है, ऐसे करें कोलेस्टॉल की जांच
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आज हम आपको बताएंगे कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी होनी चाहिए और यह कितनी तरह का हो सकता है। इससे आपको कोलेस्ट्रॉल को समझने में काफी मदद मिलेगी। आइए जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल को लेकर विशेषज्ञ क्या कहते हैं।

Cholesterol : कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) हमारे शरीर के कई कार्यों को करने में अहम भूमिका निभाता है। वैसे तो कोलेस्ट्रॉल को आम समस्या समझा जाता है, लेकिन अगर समय से इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह हार्ट अटैक (heart attack) का प्रमुख कारण बन सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी होनी चाहिए और यह कितनी तरह का हो सकता है। इससे आपको कोलेस्ट्रॉल को समझने में काफी मदद मिलेगी। आइए जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल को लेकर विशेषज्ञ क्या कहते हैं।

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल आपके ब्लड स्ट्रीम (bloodstream) में दो तरह कोलेस्ट्रॉल मिले होते हैं। इनमें एलडीएल (LDL) (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) और एचडीएल (HDL)(ज्यादा घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) दोनों शामिल हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल आमतौर पर 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे माना जाता है। हालांकि, इससे यह नहीं कह सकते हैं कि यह आपके दिल की सेहत को खराब कर सकती हैं।

एचडीएल (HDL) कोलेस्ट्रॉल

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को शरीर के लिए अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है, क्योंकि यह रक्तप्रवाह से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई होने के बावजूद भी दिल की बीमारियों का खतरा कम रहता है। ब्लड में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 60 मिलीग्राम/डीएल होनी चाहिए। अगर यह इससे ज्यादा होता है तो इससे आपके दिल को नुकसान पहुंच सकता है।

एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL) कोलेस्ट्रॉल

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को 'खराब' कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि यह धमनियों में प्लाक के विकास में योगदान देता है। प्लाक के निर्माण से एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। 100 मिलीग्राम/डीएल से नीचे का एलडीएल कोलेस्ट्रॉल स्तर कम जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए अधिकतम माना जाता है, जबकि हाई रिस्क वाले लोगों को 70 मिलीग्राम/डीएल से नीचे के स्तर का लक्ष्य रखने की सलाह दी जा सकती है।

ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides​)

इसके अलावा भी रक्त प्रवाह में एक फैट भी पाया जाता है, जिसका नाम ट्राइग्लिसराइड है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब ब्लड में ट्राइग्लिसराइड का लेवल ज्यादा हो जाता है तो इस दिल की बीमारियां होने के खतरे बढ़ जाते हैं। ट्राइग्लिसराइड का लेवल 150 मिलीग्राम/डीएल से नीचे होना चाहिए। 200 मिलीग्राम/डीएल से ऊपर का स्तर उच्च माना जाता है।

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नोट : ज्यादा जानकारी के लिए आप किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

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