सर्दी में जुकाम-बुखार बरतें सावधानी-रहें स्वस्थ

सर्दी में जुकाम-बुखार बरतें सावधानी-रहें स्वस्थ
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तमाम सावधानी बरतने पर भी सर्दियों में अकसर लोग (ज्यादातर बुजुर्ग और बच्चे) जुकाम-बुखार से ग्रस्त हो जाते हैं। कोरोना के इस दौर में जुकाम या बुखार होने पर लोग और डर रहे हैं। आप इनसे बचे रहें, इसके लिए हम आपको बता रहे हैं, सर्दी-जुकाम होने के कारण और बचाव के उपायों के बारे में।

घर के बड़े-बुजुर्ग, छोटे बच्चे ही नहीं सेंसिटिव और लो इम्यूनिटी के यंगस्टर्स को भी सर्दी के मौसम में बार-बार सर्दी, जुकाम और बुखार होने का डर लगा रहता है। हालांकि ये कॉमन डिजीज हैं लेकिन ऐसा बार-बार होने पर प्रॉब्लम बढ़ जाती है। यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि कोरोना के भी कुछ लक्षण कॉमन कोल्ड और फीवर से मिलते हैं, इसलिए तबियत बिगड़ने पर या दो-तीन दिन में ठीक न होने पर डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।

क्यों होता है सर्दी-जुकाम

नाक बहना, सिर दर्द, जुकाम और बुखार का सबसे बड़ा कारण है वातावरण के तापमान का नीचे आना। यह किसी भी तरह के वायरस के फैलने और बने रहने का सबसे अनुकूल मौसम होता है। यह बात कोल्ड और फ्लू के वायरस के साथ भी लागू होती है।

असल में सर्दी-जुकाम के लिए एक नहीं, कई कारण जिम्‍मेदार हैं। कम तापमान से हम सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। साथ ही इस मौसम में वातावरण में मौजूद धूल एवं अन्‍य प्रदूषक तत्‍व भी हवा में फंस जाते हैं। जो सांस लेने के दौरान हमारी नाक और गले में फंस जाते हैं। यह एक तरह का एलर्जिक रिएक्‍शन है, कि उन प्रदूषकों के कारण हमारा श्‍वसन तंत्र प्रभावित होता है और हम जल्‍दी-जल्‍दी बीमार पड़ने लगते हैं।

इनका करें सेवन

इस मौसम में आपको उन खाद्य पदा‍र्थों का सेवन करना चाहिए, जिनकी तासीर गर्म हो। इस बारे में पोषण एवं आहार विशेषज्ञ अंशिका श्रीवास्तव सलाह देती हैं कि हमें इस दौरान अपने उस परंपरागत खान-पान की ओर लौट जाना चाहिए, जिसे हमारी दादी-नानी बनाती-परोसती आईं हैं। सर्दी के मौसम में मसाला चाय, काढ़ा, बाजरा, अदरक, गुड़ आदि का सेवन करना चाहिए। ये ऐसे खाद्य पदार्थ है हैं, जो हमें प्राकृतिक रूप से गर्माहट देते हैं और मौसमी संक्रमण यानी सर्दी-जुकाम से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। इसके अलावा सर्दियों में हल्‍दी का सेवन बढ़ा देना चाहिए। हल्‍दी के सेवन का सबसे आसान तरीका है, उसे दूध में मिलाकर पीना। यह आपकी इम्‍यूनिटी बूस्‍ट करके आपको सर्दी-जुकाम से भी बचाता है।

इन बातों का भी रखें ध्‍यान

छोटे बच्‍चों, बड़े-बुजुर्गों और सुबह-सवेरे या देर शाम घर से बाहर निकलने वाले लोगों के लिए यह जरूरी है कि खुद को गर्म रखें। इसके लिए गर्म और ऊनी कपड़े पहनें। अगर देर शाम बाहर निकलना जरूरी है तो अपने कानों और सिर को अच्‍छी तरह कवर करना आपको सर्दी-जुकाम से बचा सकता है। छोटे बच्‍चों और बुजुर्गों को बिना मोजे पहने न रहने दें। अगर मोजे या डाइपर गीले हो जाते हैं, तो उन्‍हें तुरंत बदलें। इनसे उन्हें सर्दी लग सकती है।

जब लग जाए ठंड

बहुत बचाव के बाद भी अगर आप ठंड की चपेट में आ जाएं तो कुछ घरेलू औषधियों का सेवन आपको राहत दे सकता है।

अदरक : अदरक की एंटी-बैक्‍टीरियल प्रॉपर्टीज सर्दी-जुकाम से बचाव में प्रभावशाली बना देती हैं। सर्दी-जुकाम होने पर आप अदरक की चाय बना कर पी सकते हैं। अगर आपको चाय पीना पसंद नहीं है तो आप अदरक के टुकड़ों को पानी में उबाल कर उस पानी को पिएं। इससे गले की खराश में भी राहत मिलेगी।

तुलसी : तुलसी के औषधीय गुणों के कारण कई दवाओं में भी इसका इस्‍तेमाल किया जाता है। सर्दी या जुकाम होने पर आप अपनी चाय या दूध में तुलसी के पांच से सात पत्ते उबाल कर पी सकते हैं। ध्‍यान रहे कि आपको तुलसी के पतों को अच्‍छी तरह धोकर उबालना है। उन्‍हें चबाना नहीं है।

शहद : शहद का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं। गले में खराश या खांसी होने पर आप इसे अदरक के रस के साथ ले सकते हैं। छोटे बच्‍चों को अगर खांसी है तो आप उन्‍हें रोटी या ब्रेड पर शहद लगाकर भी दे सकते हैं। चीनी की बजाय शहद का सेवन एक स्‍वस्‍थ विकल्‍प भी है।

लहसुन : लहसुन में एंटी माइक्रोब्रियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो आपके शरीर को कुदरती गर्माहट देती हैं। लहसुन को आप दाल या सब्‍जी में डालकर तो खाते ही हैं। पर ठंड लगने पर आप लहसुन की कलियों को भूनकर उसका सेवन करें। इससे आपको सर्दी-जुकाम, गले की खराश और कान के दर्द में भी राहत मिलती है।

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