अस्थमा रोगियों में इस वजह से कम हो जाता है कोरोना संक्रमण का डर, रिसर्च में सामने आई वजह

कोरोना संक्रमण के इस बढ़ते दौर में सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है क्योंकि ऐसे लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक माना जाता है। लेकिन हाल ही में इस बारे में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि अस्थमा से पीड़ित रोगियों को कोविड-19 के संक्रमण का खतरा 30 प्रतिशत तक कम होता है। इजराइली विशेषज्ञों द्वारा करीब 37 हजार लोगों के समूह में अस्थमा पीड़ितों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अस्थमा पीड़ितों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इनहेलर की वजह से ऐसा होता है। इनहेलर वायरस को नियंत्रित करने में मदद करता है। दरअसल, कोरोना के प्रभाव को रोकने में इनहेलर का केमिकल प्रभावी हो सकता है। इस तरह अस्थमा से कोरोना वायरस का प्रभाव कम हो सकता है या यह कोरोना से दोहराव में मददगार हो सकता है।
इस अध्ययन में कोरोना पॉजिटिव और कोरोना नेगेटिव पाए जाने वाले दोनों तरह के अस्थमा रोगी शामिल किए गए। अध्ययन में दोनों तरह के रोगियों की तुलना की गई। इस बारे में किए अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि अस्थमा रोगियों के फेफड़ों में कुछ फैक्टर्स ऐसे रहे, जो आम स्वस्थ लोगों की तरह वायरस के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित हुए। यही फैक्टर्स कोरोना संक्रमण के दोहराव को रोकने में भी सफल रहे।
इस अध्ययन से आए निष्कषों के आधार पर विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थमा के रोगियों को कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी दवा इनहेलर लेना जारी रखना चाहिए। इजराइल की तेल-अवीव विश्वविद्यालय के इन विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि पहले से मौजूद अस्थमा के रोगियों में कोविड-19 की संवेदनशालता को कम देखा गया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS