सावधान! पेट से जुड़ी दिक्कतें दे रहीं कोरोना का संकेत, नए लक्षण देख साइंटिस्ट की चिंताएं बढ़ी

कोरोना वायरस के कहर को एक साल हो चुका है। लेकिन अभी तक इसका कोई सटीक इलाज सामने नहीं आया है। इसके केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। वहीं हाल ही में कोरोना के ऐसे नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद से डॉक्टर और साइंटिस्ट की चिंता और भी बढ़ गई हैं।
खतरे की बात साबित हो सकती है
आपको बता दें कि बुखार, गले में खराश, खांसी - जुकाम के साथ साथ नए नए लक्षण सामने आ रहे हैं। जोकि खतरे की बात साबित हो सकती है। देश में मरीजों में पेट से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं। जिसमें पेट दर्द, डाइजेशन में दिक्कत आदि परेशानियां शामिल हैं। यूपी के गोरखपुर जिसा अस्पताल के डॉ. के अनुसार तकरीबन 20 प्रतिशत मरीजों में पेट संबंधी परेशानियां देखने को मिल रही हैं।
मरीज पेट से जुड़ी समस्याओं का शिकार थे
मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना मरीजों में लीवर के साथ साथ दस्त की भी समस्याएं हो रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर में कोरोना के चलते दम तोड़ने वाले 325 पीड़ितों में से 10-15 प्रतिशत मरीज पेट से जुड़ी समस्याओं का शिकार थे।
मरीजों को शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस
वहीं अमेरिका के रिसर्चर्स ने भी 509 कोरोना मरीजों के डेटा ऐनालिसिस किया था। जिससे पता चला कि शुरूआती अवस्था में 43 प्रतिशत मरीजों ने न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का सामना किया था। वहीं रिसर्च में सामने आया कि कोरोना मरीजों को शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस जैसी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा रहा है।
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बॉडी में खून के थक्के जमने लगते हैं
इसके अलावा कोरोना के मरीजों के दिमाग की नसों में खून के थक्के भी बन रहे हैं। ऐसे में साइंटिस्ट ब्रेन फॉग के लिए ब्लड क्लॉट को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। इस वजह से लोगों को पहले फेफड़ों और गले में सूजन की समस्या होती है। इसके बाद खून गाढ़ा होने लगता है। ऐसे में पीड़ितों को पता तक नहीं चलता है कि कब उनकी बॉडी में खून के थक्के जमने लगते हैं।
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