Coronavirus: एम्स ने कहा- प्लाज्मा थेरेपी जरूरी नहीं, सब मरीजों पर करें कार्य

Coronavirus: एम्स ने कहा- प्लाज्मा थेरेपी जरूरी नहीं, सब मरीजों पर करें कार्य
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भारत की बात करें तो संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के करीब पहुंच गया है (Coronavirus In India)। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1408 नए मामले आए हैं। जबकि 484 मरीज बीमारी से ठीक हुए हैं। वहीं लोगों को ठीक करने के लिए प्लाजमा थेरेपी का इस्तेमाल भी किया रहा है(What Is Plasma Therapy)।

Coronavirus: कोरोना वायरस (Coronavirus) दुनिया के ज्यादातर देशों में खतरनाक रूप ले चुका है। वहीं पूरी दुनिया में यह खतरनाक वायरस थमने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है (Coronavirus Outbreak)। पूरी दुनिया में 28.30 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं (Coronavirus Cases)। जबकि 2 लाख के करीब लोग अपनी जान गंवा चुके हैं (Coronavirus Death)। वहीं अगर भारत की बात करें तो संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के करीब पहुंच गया है (Coronavirus In India)। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1408 नए मामले आए हैं। जबकि 484 मरीज बीमारी से ठीक हुए हैं। वहीं लोगों को ठीक करने के लिए प्लाजमा थेरेपी का इस्तेमाल भी किया जा रहा है(What Is Plasma Therapy)।

प्लाज्मा थैरेपी काेई जादू की गाेली नहीं है

जहां राजधानी के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal On Covid) कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी के नतीजे उत्साहवर्धक बताए। वहीं एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि प्लाज्मा थैरेपी काेई जादू की गाेली नहीं है। इसके साथ ही उनका कहना है कि जरूरी नहीं है कि ये थेरेपी सभी मरीजों पर काम करे।

पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बन पाते हैं

इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी बस इलाज का एक तरीका है। ऐसा जरूरी नहीं है कि इसका असर सभी मरीजों पर हो। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना के इंफेक्शन से ठीक होने के 14 दिन बाद प्लाज्मा दान करने वाले लाेगाें की बॉडी में अच्छी मात्रा में एंटीबाॅडीज हाेने चाहिए। कई बार कोरोना से ठीक हुए मरीज की बॉडी में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बन पाते हैं।

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क्या है प्लाज्मा थेरेपी ?

यह थेरेपी पहली बार फर्स्ट वर्ल्ड वार के बाद साल 1918 में स्पेनिश फ्लू के फैलने के दौरान इस्तेमाल की गई थी। वहीं तभी से यह इंफेक्टेड बीमारियों को खत्म करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है। वहीं जो शख्स कोरोना वायरस के इंफेक्शन से उबर जाता है। उस शख्स का खून कोरोना वायरस के मरीज के शरीर में डालकर उसे इस खतरनाक वायरस से ठीक किया जा सकता है। इस थेरेपी के यूज करने के बाद पीड़ित 3-7 दिनों में एकदम ठीक हो जाता है।

ऐसे करता है प्लाज्मा थेरेपी काम।

जो शख्स कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो जाता है। उस व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद उसके शरीर में एंटीबॉडीज बन जाते हैं। जिस कारण उसकी इम्युनिटी सिस्टम काफी मजबूत हो जाता है। इस इम्युनिटी सेल्स से प्रोटीन एमीट होने लगते हैं। जो प्लाज्मा में मिलते हैं। वहीं अगर ठीक हुए ऐसे 1 व्यक्ति के खून का प्लाज्मा 4 और कोरोना मरीज में डाला जाए तो चारों मरीजों के शरीर में मौजूद वायरस का खात्मा किया जा सकता है।

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