Health Tips: नए वैरिएंट के साथ वापस आ चुका है कोरोना! जानिए क्या है चौथी लहर के लक्षण, उपाय और अन्य खतरे

Health Tips: हालांकि अब देश में कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) का असर ना के बराबर रह गया है, रोजाना कोविड संक्रमण (Covid Infection) के नए केसेस (New Cases) की संख्या एक हजार से भी कम हो गई है, कई वैज्ञानिक अध्ययन भी बताते हैं कि चौथी लहर (Corona Fourth Wave) आने की संभावना कम है और अगर आती भी है तो इसका असर बहुत कम होगा। इसीलिए कोरोना संबंधी पाबंदियां भी हटा ली गई हैं। लेकिन डॉक्टर्स की सलाह है कि हमें अभी पूरी तरह लापरवाह नहीं हो जाना चाहिए। दरअसल, इन दिनों इसकी चौथी लहर से चीन और ब्रिटेन परेशान हैं। चीन में डेली दस हजार से अधिक नए केस सामने आ रहे हैं और कई शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। हरिभूमि ने कोलकाता के सीएमआरआई हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ.राजा धर (Dr. Raja Dhar) और मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप्त शेट्टी (Dr. Pradeepta Kumar Sethy) से बातचीत की और इस नए वैरिएंट के बारे में जाननें की कोशिश की। अपनी इस स्टोरी में हम आपको इसके लक्षण, उपाय और इससे जुड़ी कई अन्य जरूरी जानकारियां देंगे...
नए वेरिएंट के लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक चीन में कोरोना की चौथी लहर ओमीक्रॉन के नए वेरिएंट ba.2 के कारण आई है। यह फेफड़ों की बजाय पेट को निशाना बना रहा है। इसके लक्षणों में पेट दर्द, सीने में जलन, गैस, पेट फूलना, जी मिचलाना, डायरिया जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं बजाय ब्रीदिंग प्रॉब्लम या खांसी के। यूके में हुए एक अध्ययन में भी ऐसा पाया गया है।
पहचानना है मुश्किल
वैसे तो भारत में तीसरी लहर के दौरान भी बीए.2 की उपस्थिति देखी गई लेकिन तब यह नसोफैरिंगल एरिया को ही ज्यादा प्रभावित कर रहा था। नए वेरिएंट ba.2 के लक्षण को देखकर चिकित्सक चकित हैं। उनका मानना है कि इस वेरिएंट के वायरस को क्लिनिकली पहचानना काफी मुश्किल काम है। इसके लक्षण भी काफी अलग और चौंकाने वाले हैं। इसे स्टूल टेस्ट या आरटीपीसीआर टेस्ट आदि से भी पहचानना मुश्किल हो रहा है। इसके केस में अकसर नाक और मुंह की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है जबकि मरीज काफी परेशान रहता है। अब तक कोरोना की जांच मूल रूप से नाक और मुंह पर ही आधारित रही है। इसलिए जांच को अब पाचन तंत्र पर भी केंद्रित करना पड़ेगा और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम पर ध्यान देना होगा। सबसे ज्यादा परेशानी की बात यह है कि बाद में यह पेट से वापस रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट पर भी अटैक कर सकता है। कुछ मरीजों में ba.2 या स्टील्थ ओमीक्रॉन के लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, सिर दर्द, मांसपेशियों में थकान और ढीलापन, बढ़ी हुई हार्ट रेट आदि भी देखे जा रहे हैं।
वीक हो सकता है नया वेरिएंट
हाल ही में कोरोना के ba.1 और ba.2 स्ट्रेंस का मिश्रण भी पाया गया है। ये ओमीक्रॉन के सब वेरिएंट हैं। इसके कमजोर होने की संभावना है। इसके संक्रमण में कॉमन कोल्ड के लक्षण रहते हैं। इसलिए मरीज को हस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन अगर यह तेजी से फैला तो स्थिति बिगड़ सकती है। बुजुर्गों या पहले से कोरोना की मार झेल चुके लोगों के लिए यह घातक हो सकता है। इसके लक्षण बुखार, सिर दर्द और मसल्स डिस्ट्रॉफी है।
फ्लोरोना का भी खतरा
कोरोना की मार से लाखों लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो चुका है। ऐसे लोग बड़ी आसानी से फ्लोरोना का शिकार हो रहे हैं। यह इंफ्लूएंजा और कोविड का डबल इनफेक्शन है। इसमें छाती में इंफेक्शन और दर्द, ब्रीदिंग प्रॉब्लम, भूख ना लगना, बुखार, सिर दर्द आदि देखे जा रहे हैं। यह कोरोना का कोई प्रमाणित वेरिएंट नहीं है, मगर इसका असर गंभीर है।
लेखक- शिखर चंद जैन (Shikhar Chand Jain)
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