दीपिका कक्कड़ को हुआ Gestational Diabetes, जानें इसके लक्षण और बचाव

Gestational Diabetes: टीवी जगत की प्रसिद्ध एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ इब्राहिम इन दिनों अपने प्रेग्नेंसी को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। वो अपनी डेली रूटीन को ब्लॉग्स के जरिये अपने फैंस और चाहने वालों के साथ शेयर भी करती हैं। अब उन्होंने स्वयं को लेकर जो खबर शेयर की है, उसके बारे में पढ़कर आप भी मायूस हो जाएंगे। दरअसल, दीपिका प्रेगनेंसी के दौरान एक बीमारी का सामना कर रही हैं, जो डायबिटीज का एक प्रकार है। इसे गर्भकालीन मधुमेह मेलिटस, जिसे Gestational Diabetes या जीडीएम (GDM) कहते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि गर्भकालीन मधुमेह मेलिटस क्यों होता हैं, इस बीमारी में कैसे देखभाल करनी चाहिए और अपने डाइट में क्या खाना चाहिए, यह भी सब नीचे बताने जा रहे हैं।
क्यों होता है जेस्टेशनल डायबिटीज
Gestational Diabetes गर्भवती महिलाओं को होता है। ये गर्भवती महिलाओं में तब होता है, जब उनके शरीर में इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाती है। इंसुलिन हमारे अग्नाशय में बना एक हार्मोन होता है, जो ग्लूकोज का प्रयोग करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और रक्त में शर्करा के स्तर को सही बनाए रखता है।
Gestational Diabetes के लक्षण
कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान Gestational Diabetes के हल्के लक्षण होते हैं, जैसे-
1. बार-बार पेशाब आना
2. बार-बार थकान का महसूस होना
3. अत्यधिक प्यास लगना
4. अत्यधिक प्यास लगना
5. खर्राटे लेने
6. वजन बढ़ने
कैसे करें देखभाल
गर्भावस्था में होने वाले डायबिटीज को Gestational Diabetes कहते हैं। इस दौरान आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा।
1. अपने वजन का खयाल रखें
गर्भावस्था के दौरान वजन पर विशेष ध्यान देना होता है। वजन ज्यादा भी न हो और कम भी न हो। हर 15 दिनों के अंतराल पर वजन की जांच करते रहनी चाहिए।
2. व्यायाम करें
गर्भावस्था के दौरान सहज व्यायाम करने चाहिए जिससे गर्भवती महिला और शिशु पर कोई गलत असर न पड़े। अगर आप असहज हों, तब डाँक्टर के सलाह पर ही व्यायाम करें।
3. अच्छा खाना खाएं
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने खाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए की वो अपने खाने में ज्यादा मिर्च-मसाला और तेल वाली चीजें नहीं खाएं। अगर आप डॉक्टर से डायट चार्ट बनवा लें, तो वो ज्यादा बेहतर रहेगा।
4. समय समय पर चिकित्सकीय परामर्श लें
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को नियमित रूप से डॉक्टरों से मिलकर चिकित्सकीय परामर्श अवश्य करना चाहिए। डॉक्टरी सलाह के मुताबिक जो भी जांच कहें, उनकी अनदेखी न करें। विश्वसनीय जगह पर ही चिकित्सकीय जांच कराएं।
5. रिस्क फैक्टर से बचें
गर्भवस्था के दौरान ऐसा कोई भी काम न करें जिससे आपको और आपके बच्चे पर कोई गलत असर पड़े। भारी सामान न उठाएं।
Gestational Diabetes में क्या खाना चाहिए
1. सिंघाड़ा
2. स्ट्रॉबेरी
3. मौसमी
4. माल्टा
5. अमरूद
6. अंजीर
7. मेथी
8. सरसों का साग
9. सीताफल
10. शलजम, ग्वार की फली, गाजर
Gestational Diabetes से सिजेरियन प्रसव की संभावना
जी हां, प्रीक्लेम्पसिया और औसत से बड़े भ्रूण के वजह से प्रसव समय से पहले हो जाता है। इन परिस्थतियों में कई महिलाओं की योनि प्रसव के जगह सिजेरियन प्रसव होता है।
गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स में बदलाव
गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव के कारण खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसी वजह से गर्भवती महिलाओं में Gestational Diabetes का खतरा काफी बढ़ जाता है। यदि किसी गर्भवती महिला को Gestational Diabetes हो जाता है, तो इस कारण से गर्भावस्था में कई प्रकार की समस्या हो सकती है। ऐसे में महिलाओं को इस बीमारी को लेकर बेहद सजग रहने की जरूरत है।
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