Female Fitness: जिम नहीं जा पा रही हैं तो न हों परेशान, महिलाएं घर पर रहकर ऐसे रख सकती हैं खुद को फिट

Female Fitness: जिम नहीं जा पा रही हैं तो न हों परेशान, महिलाएं घर पर रहकर ऐसे रख सकती हैं खुद को फिट
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Female Fitness: कोरोना के आतंक को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन है। जिसके कारण सभी दुकानें, पार्लर और जिम भी बंद हैं। वहीं फिटनेस का ख्याल रखते हुए महिलाओं ने घर पर ही एक्सरसाइज शुरू कर ही है। जिनमें से कुछ महिलाओं के एक्सपीरियंस हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं। जिसकी मदद से आप भी घर पर जिम वाली फिलिंग फील कर सकती हैं।

Female Fitness: लाइफ स्टाइल संबंधित बीमारी आने के बाद लोगों में फिटनेस को लेकर जागरुकता बढ़ी है। कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो महामारी के पहले से ही अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हैं। लेकिन कोरोना ने जिम पर भी ताले लगवा दिए हैं। इस कारण विगत लंबे समय से जिम जाकर कसरत करने वाली महिलाएं अपने घरों पर ही अपनी फिटनेस का ख्याल रख रही हैं। महिलाओं का कहना है कि हम जिम में जितना वक्त बिताते हैं उतना ही समय घर पर भी कसरत के लिए देते हैं। जिम जाने के वक्त हम अपने आप को मुश्किल से घरों पर रोक कर रखते हैं और उसी समय पर कसरत शुरू करते हैं। महिलाएं इन दिनों अपने जिम को बहुत ही मिस कर रही हैं और घर पर ही मौजूद विभिन्न उपकरणों और जुगाड़ के माध्यम से अपनी कसरत जारी रखे हुए हैं।

फिजिकल एक्टिव रहना जरूरी

शहर की पूजा रहेल जोशी बताती हैं मैं टीन एज से ही जिम जा रही हूं। लॉकडाउन के समय भले ही जिम जाकर कसरत नहीं कर पा रही हूं, लेकिन उतना ही समय घर पर ही कसरत करती हूं। जिम में सभी प्रकार के सामान रहते हैं लेकिन घर पर नहीं। बहुत सी चीजों से भी आसानी से अपनी कसरत की जा सकती है। पूजा बताती हैं मैं हमेशा की तरह डेढ़ घंटे का समय इसके लिए निकाल रही हूं। फर्श, सीढ़ी, रस्सी, स्ट्रेचिंग बैंड, दुपट्टे व अन्य चीजों से मैं अपनी कसरत पूरी कर रही हूं। जिम और घर में सिर्फ सामान का अंतर होता है। हमारा लक्ष्य शारीरिक गतिविधि होना चाहिए। अपने कसरत को लंबे समय के लिए ब्रेक करने से हम काफी पीछे हो जाते हैं। पूजा शहर में एक जिम का संचालन भी करती हैं।

खुद के साथ बेटे को भी कसरत करवा रही

शीतल उपाध्याय बताती हैं कि मैं पिछले 10 सालों से लगातार जिम जा रही हूं। अभी जिम के बजाए घर पर ही एक्सरसाइज कर रही हूं। हालांकि जिम जाने के समय के दौरान मैं बहुत मुश्किल से अपने आप को घर पर रोक पाती हूं। सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक मैं जिम में ही अपना समय बिताया करती थी। अब भी उतना ही समय अपने घर पर कसरत कर रही हूं और अपने बेटे को भी करवा रही हूं। शीतल बताती हैं कि जिम में सामान ज्यादा होता है और वहां जाने से लोगों को देखकर मोटिवेट होते हैं। लेकिन घर में इसके लिए स्वत: मोटिवेट होना पड़ता है। इस दौरान मैं वेट ट्रेनिंग के लिए ईंट, स्कूल बैग जैसे चीजों का इस्तेमाल करती हूं। साथ ही स्ट्रैचिंग के लिए बैंड, रस्सी व अन्य चीजों का उपयोग करती हूं। घर पर जिमिंग करते हुए मैं पहले की तरह की रूटीन फॉलो कर रही हूं, जिसमें कॉर्डियो, बैक, चेस्ट व अन्य कई तरह की कसरत शामिल है। शीतल उपाध्याय जेसीआई वामा कैपिटल में पदाधिकारी भी हैं।

घर में भी जिम जितनी कसरत

पचपेड़ी नाका निवासी श्वेता देवांगन एमबीए स्टूडेंट हैं। वे बताती हैं कि मैं बहुत समय से जिम जा रही हूं, लेकिन लॉकडाउन के कारण घर पर ही अपने फिटनेस का ध्यान रख रही हूं। श्वेता बताती हैं पहले की तरह अब भी उतना ही समय अपने कसरत के लिए दे रही हूं, जितना जिम में देती थी। इस दौरान में कई एनर्जेटिक कसरतों के साथ स्ट्रैचिंग, चेस्ट, बैक, कॉर्डियो व अन्य सभी तरह के वर्कआउट कर रही हूं। इसके लिए घर पर ही रखे कुछ सामानों का उपयोग कर रही हूं, जिससे मैं एक्टिव रहूं।

ऑनलाइन माध्यम से परिचितों को सीखा रही योग

सड्डू निवासी ज्योति साहू एक योग एक्सपर्ट हैं और सामान्य समय में पार्क में जाकर सामूहिक तौर पर योग किया करती थीं। लॉकडाउन ने उनकी भी दिनचर्या को थोड़ा प्रभावित किया है, लेकिन उनके योग को अधिक प्रभावित नहीं कर पाया है। ज्योति अब अपने घर पर ही हर दिन की तरह योग करती हैं और घर के सदस्यों को भी इसके लिए प्रेरित करती हैं। वे बताती हैं कि मैं सुबह पार्क में अन्य लोगों के साथ योग किया करती थी। लेकिन अब घर पर ही कर रही हूं, साथ ही ऑनलाइन माध्यम से भी अपने परिचितों को योग सीखा रही हूं।

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