बुखार के प्रकार, कारण, लक्षण, उपचार और सावधानियां

अगर आप भी सर्दी के मौसम में होने वाले बुखार से परेशान हो जाते हैं, तो आपको बता दें कि कई बार ये बुखार आपको गंभीर इंफेक्शन से बचाने में बहुत मददगार साबित होता है। क्योंकि बुखार शरीर को इंफेक्शन के बुरे प्रभाव से बचाने वाली एक सामान्य प्रक्रिया होती है, इसलिए बुखार को इंफेक्शन से होने वाली बीमारी यानि वायरल फीवर कहा जाता है। वायरल फीवर का असर लगभग एक सप्ताह तक रहता है। दरअसल, बुखार के दौरान शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है, जिससे इम्यून सिस्टम को शरीर में मौजूद वायरस और कीटाणुओं के हानिकारक प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। ज्यादातर लोगों के शरीर का तापमान लगभग 98.6°F (37°C) होता है। इससे 1 डिग्री या उससे अधिक होने पर बुखार माना जाता है। आइए जानते हैं बुखार का इलाज कैसे करें और उससे जुड़ी पूरी जानकारी...
बुखार के प्रकार (Types Of Fever)
1. वायरल - इंफेक्शन से होने वाला बुखार
2. चिकनगुनिया - मच्छर के काटने से होने वाला बुखार
3. कमजोरी से होने वाला बुखार
4. मलेरिया - मच्छर के काटने से होने वाला बुखार
5. दिमागी बुखार - मस्तिष्क में सूजन आने पर होने वाला बुखार
6. डेंगू - मच्छर के काटने से होने वाला बुखार
7. टाइफाइड - दूषित पानी या भोजन का सेवन से होने वाला बुखार
बुखार होने के कारण (Fever Causes)
1. बुखार अक्सर सर्दी, खांसी और जुकाम के बढ़ने पर होता है
2. अगर आप बारिश में भीगते हैं, तो ऐसे में भी आपको बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है
3. मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छर के काटने से भी बुखार होता है
4. दूषित पानी या भोजन का सेवन करने पर होने वाला टाइफाइड बुखार हो सकता है
बुखार के लक्षण (Fever Symptoms)
शरीर का तापमान 103°C या इससे ज्यादा होना
लगातार सिरदर्द रहना
ठंड लगना या कंपकंपी आना
हाथ पैरों में दर्द होना
शारीरिक कमजोरी महसूस करना
मांसपेशियों में खिंचाव या ऐँठन महसूस करना
बुखार के उपचार (Fever Treatment)
1. गिलोय, पपीते और तुलसी के पत्तों वाले काढ़े का दिन में कम से कम 2 बार सेवन करेंं।
2. अगर आपको भी है बुखार, तो इन तरीकों से पाएं आरामआराम करना
3. ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना (सूप, सीमित मात्रा में हर्बल चाय आदि)
4. ठंडे पानी की पट्टियां रखना
5. बुखार की जांच करवाएं
6. डॉक्टर की सलाह पर दवा लें
7. बुखार की जांच के बाद जरूरी टीकाकरण करवाना
8. इलेक्ट्रॉल या नमक चीनी के घोल का सेवन दिन में 2-3 बार करें
बुखार के समय की सावधानियां (Fever Precautions)
हमेशा गर्म कपड़ों से कवर रहें
फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें
ठंडी चीजों से परहेज करें
मच्छर वाली जगह से दूर रहें
हमेशा हाथ धोकर ही खाना खाएं
बच्चों को एस्पिरिन देने से बचें
अधिक मात्रा में पैरासिटामोल और एस्पिरीन लेने से बचें, इससे पेट से खून बहना, लीवर खराब होना या किडनी की समस्या हो सकती है
जानें बुखार में कब लें डॉक्टर की राय (When to Consult Doctor in Fever)
बड़ों की तुलना में बच्चों में बुखार के लक्षण ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए हम आपको उन लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आप ये जान पायेगें कि आपको डॉक्टर की सलाह कब लेनी है
बच्चों की उम्र 0 से 3 महीने आयु - 100.4°F (38°C) या इससे अधिक होने पर
बच्चों की उम्र 3 से 6 महीने आयु - तापमान 102°F (39°C) से अधिक होने के साथ चिड़चिड़े या नींद कम होने पर
बच्चों की उम्र 6 से 24 आयु - 102°F (39°C) से ज्यादा होने पर या एक दिन से अधिक समय के साथ शरीर पर दाने, खांसी, या दस्त होने पर
2 और उससे अधिक उम्र के बच्चे को 104°F (40°C) या बार बार बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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