Ganesh Chaturthi 2019 : गणेश जी को क्यों चढ़ाई जाती है दूर्वा, गणेश चतुर्थी पर जानें दूर्वा के फायदे

Ganesh Chaturthi 2019 : गणेश जी को क्यों चढ़ाई जाती है दूर्वा, गणेश चतुर्थी पर जानें दूर्वा के फायदे
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Ganesh Chaturthi 2019 गणेश चतुर्थी का त्यौहार आज यानि 2 सितंबर से पूरे देश में मनाया जा रहा है गणेश जी की पूजा में दूर्वा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बप्पा को दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है। दूर्वा के बहुत सारे फायदे होते हैं, दूर्वा के फायदे (Durva ke Fayde) की बात करें तो दूर्वा की तासीर ठंडी होती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट,वसा,फेरिलिक एसिड,क्‍यूमरिक एसिड,फाइबर फ्लैवोन, ग्‍लूकोसाइड्स, हाइड्रोकार्बन, मैग्‍नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन, सेलेनियम, सोडियम जैसे पौषक तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको गणेश उत्सव 2019 के मौके पर हम आपको दूर्वा के पौषक तत्व, दूर्वा के फायदे (Benefits Of Grass In Hindi) के बारे में बता रहे हैं।

Ganesh Chaturthi 2019 : 2 सितंबर से गणेश चतुर्थी का उत्सव महाराष्ट्र पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन सभी लोग ढोल नगाड़ों की थाप पर गणपति जी को अपने अपने घरों पर लेकर आते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। गणेश जी की पूजा सामग्री में दूर्वा यानि घास भी चढ़ाई जाती है। दूर्वा आंखों की रोशनी बढ़ाने के अलावा हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाने में सक्षम है। दूर्वा के फायदे (Durva ke Fayde) की बात करें इससे आंखों की रोशनी बढ़ाने, पेट की जलन शांत करने के अलावा हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाने में सक्षम है। ऐसे में गणेश उत्सव 2019 के मौके पर हम आपको हम आपको दूर्वा क्या होती है, दूर्वा के गुण, दूर्वा के फायदे (Benefits Of Grass In Hindi) के बारे में बता रहे हैं।




क्या होती है दूर्वा / What is Durva

'दूर्वा' को आसान भाषा में दूब कहा जाता है। सामान्य घास को हिन्दी में 'दूब' कहते हैं, जबकि संस्कृत भाषा में 'दूर्वा' कहा जाता है। दूर्वा का उपयोग प्राचीन काल से है भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, नियमित रुप से दूब के पानी पीने और दूब पर चलने से आंखों की रोशनी, वजन कम करने के अलावा कई अन्य गंभीर बीमारियों को आसानी से ठीक किया जा सकता है।




भगवान गणेश जी को दूर्वा के चढ़ाने की वजह :

गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के पीछे एक कथा जुड़ी हुई है। जिसके अनुसार प्राचीनकाल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था, जो ऋषि-मुनियों अन्य साधारण लोगों को जिंदा निगल जाता था। इस आत्याचार से परेशान होकर सभी ऋषि-मुनि और इंद्र समेत सभी देवी देवता भगवान शिव के पास गए और अनलासुर से बचाने के लिए प्रार्थना की कि वे अनलासुर का अंत करें।

तब शिवजी ने सभी देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों को भगवान गणेश के पास जाने के लिए बताते हुए कहा कि केवल गणेश जी ही अनलासुर का वध कर सकते हैं। ऐसे सभी की प्रार्थना पर भगवान गणपति ने अनलासुर को उसी की भांति निगल लिया। जिससे उनके पेट में जलन होने लगी।

पेट की जलन को खत्म करने के बहुत से उपाय करने के बाद भी जलन शांत न होने पर, उन्हें कश्यप ऋषि ने दूर्वा यानि घास की 21 गांठें बांधकर गणेश जी को खाने के लिए दीं। गणेश जी के दूर्वा की 21 गांठों का सेवन करने के बाद उनके पेट की जलन शांत हुई। तभी से संसार में भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करने की परंपरा शुरु हुई।




दूर्वा का उपयोग / Durva Uses

दूर्वा का आमतौर पर पूजा पाठ में किया जाता है। इसके अलावा भारतीय चिकित्सा पद्धति में दवाओं का निर्माण करने के लिए किया जाता है। क्योंकि दूर्वा में मौसमी बीमारियों के साथ गंभीर बीमारियों को ठीक करने की क्षमता होती है।

दूर्वा के पौषक तत्व /Durva Nutriroius Value

कार्बोहाइड्रेट

वसा

फेरिलिक एसिड

क्‍यूमरिक एसिड

फाइबर

फ्लैवोन

ग्‍लूकोसाइड्स

हाइड्रोकार्बन

लिग्निन

मैग्‍नीशियम

पाल्मिटिक एसिड

पोटेशियम

प्रोटीन

सेलेनियम

सोडियम

ट्राइटरपेनोइड्स वैनिलिक एसिड

विटामिन ए और विटामिन सी

एसिटिक एसिड

एल्‍कोलोइड

अरुंडोइन

दूर्वा के फायदे / Durva Benefits




1.एक शोध के मुताबिक, रोजाना दूब के पानी का सुबह खाली पेट सेवन करने से सिर्फ तीन दिनों में ही शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली कैंसर कोशिकाओं को 65 फीसदी तक खत्म किया जा सकता है। व्हीटग्रास जूस से ब्रेस्ट कैंसर के अलावा अस्थि मज्जा, कीमोथेरेपी में भी मदद मिलती है।

2.अगर आप बढ़ते कोलेस्ट्राल से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो ऐसे में आप नियमित रुप से दूब के पानी का सेवन करना फायदेमंद होगा। क्योंकि दूर्वा में शरीर के लिए जरुरी 17 अमीनो एसिड में से 8 अमीनो एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट तत्व उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे तनाव और दिल की बीमारियों के होने की संभावना कम हो जाती है।




3.दूर्वा ग्लूटन फ्री होने की वजह से शरीर में रक्त शर्करा को सामान्य रखने में मदद करता है। क्योंकि शरीर में इंसुलिन बढ़ने से तंत्रिका तंत्र को नुकसान के साथ स्किन इंफेक्शन और आंखों की समस्याओं बढ़ जाती हैं।

4. महिलाओं के मासिक धर्म यानि पीरियड्स के समय होने वाले दर्द, सफेद पानी और यूरिन इंफेक्शन को कम करने के लिए दूब का दही के साथ सेवन करना फायदेमंद होता है। सेवन करने के लिए आप दूब को घर में गमले में उगाएं।






5.अगर आपके किसी चोट या किसी अंदरुनी चोट की वजह से शरीर के किसी हिस्से में सूजन है, तो ऐसे में घास यानि दूब को हल्का सा गर्म करके सूजन वाली जगह पर बांधें। रोजाना 2-3 घंटे बांधने से सूजन तेजी से कम होती है।

6.दूर्वा के रस या दूर्वा के पानी को नियमित रुप से पीने से पेट के रोगों खासकर एसिडिटी, गैस बनना और बार-बार पेट फूलने से छुटकारा मिलता है। क्योंकि दूर्वा में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है।




7.दूर्वा के 3 चम्‍मच रस में 4-6 काली मिर्च का पाउडर और 1 चुटकी जीरा पाउडर काढ़ा बनाकर रोजाना सेवन करने से बढ़ते वजन और मोटापे को आसानी से कम किया जा सकता है।

8. दूर्वा के रस का नियमित सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे शरीर मौसमी बीमारियों से खुद को आसानी से बचा पाता है। क्योंकि घास यानि दूब में एंटीवायरल और एंटी-माइक्रोबियल तत्व पाए जाते हैं।








9.घास यानि दूब के सफेद भाग रक्त की अशुद्धियों को शुद्ध करता है। इसके अलावा चोट लगने, पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग को कम करने में कारगर होती है। साथ ही दूब के रस का रोजाना सेवन करने से शरीर में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में मदद मिलती है। जिससे एनीमिया की बीमारी को दूर किया जा सकता है।

10.अगर आप आंखों की समस्या यानि आंखों की रोशनी कम होना, आंखों का इंफेक्शन होने पर दूर्वा के रस का सेवन करने के साथ सुबह के समय घास पर टहलना भी फायदेमंद होता है।




दूर्वा के नुकसान / Grass Side Effects

वैसे तो दूब एक प्राकृतिक औषधी है, जिसके नुकसान तो नहीं होते हैं, लेकिन हर चीज की तरह दूब का अधिक मात्रा में सेवन करने से त्वचा में जलन, स्किन इंफेक्शन और दांतो में दर्द होने की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही ये ग्लूटन फ्री होती है ऐसे में अगर आप ग्लूटन सेसिंटिव हैं, इसलिए हमेशा सीमित मात्रा में ही दूर्वा रस का सेवन करें।

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