दंग कर देंगे आपको सहजन के फायदे, जानें इसके इस्तेमाल करने का तरीका

दंग कर देंगे आपको सहजन के फायदे, जानें इसके इस्तेमाल करने का तरीका
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सहजन, अनोखी सब्जी वाला पेड़ है। इस पेड़ का विशेष आकर्षण इसकी हरी-हरी लंबी फलियां हैं, जिसे सब्जी के रूप में खाया जाता है। यह स्वास्थ्यरक्षक गुणों का खजाना है। सहजन के पत्ते, फूल, फलियां, बीज, छाल आदि सभी औषधीय रूप में काम आते हैं। इसके पत्ते शरीर को ऊर्जावान तो बनाते ही हैं, शरीर में एकत्रित विषैले तत्वों से भी छुटकारा दिलाते हैं। उत्तर भारत में यह पेड़ खासकर जाड़े के बाद फलियां देता है। इसमें प्रोटीन, आयरन, वीटा-कैरोटीन, एमीनो एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, बिटामिन ए, सी और बी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह पाचन तंत्र को मजबूत कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

सहजन, अनोखी सब्जी वाला पेड़ है। इस पेड़ का विशेष आकर्षण इसकी हरी-हरी लंबी फलियां हैं, जिसे सब्जी के रूप में खाया जाता है। यह स्वास्थ्यरक्षक गुणों का खजाना है। सहजन के पत्ते, फूल, फलियां, बीज, छाल आदि सभी औषधीय रूप में काम आते हैं। इसके पत्ते शरीर को ऊर्जावान तो बनाते ही हैं, शरीर में एकत्रित विषैले तत्वों से भी छुटकारा दिलाते हैं। उत्तर भारत में यह पेड़ खासकर जाड़े के बाद फलियां देता है। इसमें प्रोटीन, आयरन, वीटा-कैरोटीन, एमीनो एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, बिटामिन ए, सी और बी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह पाचन तंत्र को मजबूत कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसकी फलियों की सब्जी, अचार, चटनी बनाए जाते हैं। सांभर में भी इसका प्रयोग होता है।

ऐसे करें उपयोग

-वात और कफ रोगों में इसकी छाल का काढ़ा, शहद मिलाकर सेवन करना उपयोगी है।

-गठिया, वात रोग, लकवा एवं जोड़ों के दर्द के लिए इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीना हितकर है।

-कान दर्द के लिए इसके ताजा पत्तों का रस दो-दो बूंद कान में डालने से आराम मिलता है।

-रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) में इसकी फलियों का रस लेना लाभकारी है।

-मोटापे से दुखी लोग प्रतिदिन इसकी पत्तियों का रस पिएं तो लाभ होगा।

-बच्चों के पेट के कीड़ों के लिए इसकी पत्तियों का रस आयु और मात्रा के अनुसार देना लाभकारी है।

-दांत दर्द के लिए इसकी छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करना आरामदायक है।

-कब्ज दूर करने के लिए इसके नए कोमल पत्तों की सब्जी बना कर खाना लाभकारी है।

-सिरदर्द के लिए इसके पत्तों को पीसकर सिर पर लेप करें और पत्तों को मसल कर सुंघाने से लाभ होगा।

-मोच आने या गुम चोट लगने पर इसकी पत्तियों को पीस कर लुगदी बनाकर जरा-सा सरसों का तेल मिलाकर गर्म कर दर्द वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।

-गर्भवती महिलाओं को इसका रस पिलाने से प्रसव के समय होने वाली पीड़ा से बचाव होता है।

-बुढ़ापे में आंखों की रोशनी के लिए इसकी सब्जी का अधिकाधिक प्रयोग करना हितकर है।

-खून साफ करने और खून बढ़ाने के लिए इसके पत्तों का सूप पीना लाभकारी है।

- सांस की नली में होने वाली सूजन के कारण या अस्थमा (दमा) के लिए इसके पत्तों का रस पीना लाभकारी है।

उक्त उपचारों में से किसी का प्रयोग करने से पहले अपने वैद्य या अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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