Health Tips: कोरोना के नए वेरिएंट्स के साथ बढ़ रही संक्रमण की आशंका! जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Health Tips: कोरोना के नए वेरिएंट्स के साथ बढ़ रही संक्रमण की आशंका! जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
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Health Tips: ओमिक्रॉन वेरिएंट के बाद अब एक्सई नामक कोविड के नए वेरिएंट का मामला आने से डॉक्टर्स चिंतित हैं। इसके अलावा भी कई वेरिएंट्स विदेशों में एक्टिव हैं। ऐसे में आप किस तरह अवेयर रहकर खुद को सेफ रख सकते हैं, यह जानना बहुत जरूरी है।

Health Tips: यह सच है कि अपने देश में कोविड संक्रमण (Covid Infections) के मामलों में बहुत कमी आ गई है। लेकिन एक सच यह भी है कि अभी भी रोजाना लगभग एक हजार नए संक्रमण (New Infections) के मामले सामने आते हैं। रोज कुछ लोगों की इससे डेथ भी हो रही है। यही नहीं कई अध्ययन आगामी जून में देश में इसकी चौथी लहर (Corona Fourth Wave) की आशंका भी जता रहे हैं। यह आशंका इसलिए डराती है क्योंकि अकसर इस वायरस के नए वेरिएंट्स (Virus New Variants) सामने आ रहे हैं। हाल में एक्सई वेरिएंट (Xi Variant) ने भी देश में दस्तक दे दी है। अभी लगभग दस दिन पहले ही आईसीएमआर (DCMR) ने देश में कोरोना के मामलों के अत्यधिक कम हो जाने से राहत की सांस ली थी कि अचानक 6 अप्रैल को मुंबई में कोरोना के नए एक्सई वेरिएंट के मरीज मिलने से देश भर के चिकित्साविज्ञानियों में चिंता की लहर दौड़ गई है। इस नए वैरिएंट पर हमने बातचीत की है कोलकाता के रवींद्र नाथ टैगोर हॉस्पिटल (Rabindranath Tagore Hospital) के सीनियर फिजिशियन डॉ. अरिंदम विश्वास (Dr. Arindam Biswas) और डॉ. विकास अग्रवाल (Dr. Vikas Aggarwal) से। डॉक्टर्स ने हरिभूमि को इसके बारे में विस्तार से बताया है, जिसे हम आपके साथ शेयर कर रहें हैं।

क्या है एक्सई वेरिएंट

यह कोविड-19 का हाइब्रिड म्यूटेंट स्ट्रेन है। वैज्ञानिकों ने इसे दो ओमिक्रॉन सब वेरिएंट्स बीए.1 और बीए.2 का हाइब्रिड स्ट्रेन बताया है। एक्सई वेरिएंट का पहला मामला 19 जनवरी को ब्रिटेन में पाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी संक्रमण शक्ति के प्रबल और पूर्व वेरिएंट्स से लगभग 10 गुना अधिक होने पर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी तीव्र संक्रमण गति दुनिया भर में कोविड की चौथी लहर का सबब बन सकती है। वहीं कुछ विषेशज्ञों ने इस बात पर राहत भी जताई है कि लक्षणों के आधार पर तुरंत और सही चिकित्सा की जाए तो इसके मरीज को अस्पताल ले जाने की नौबत नहीं आती है।

बन सकता है डोमिनेंट वेरिएंट

कोविड का यह नया रूप आने वाले समय में डोमिनेंट वेरिएंट बन सकता है। इस पर निरंतर अध्ययन किया जा रहा है। वैज्ञानिकों की सबसे बड़ी चिंता वायरस के बार-बार म्यूटेट होने और नए-नए वेरिएंट के साथ फैलने की है। इससे आशंका बढ़ती है कि अभी यह वायरस रूप बदलते हुए लंबे समय तक एक्टिव बना रहेगा।

प्रमुख लक्षण

एक्सपर्ट्स के अनुसार कोविड के इस लेटेस्ट अवतार के लक्षण बहुत गंभीर नहीं होते हैं। लेकिन ये तेजी से मरीज पर हावी होते हैं और उस के माध्यम से जल्दी ही दूसरों तक पहुंच जाते हैं। इसके मरीज थकान, सुस्ती, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, सिर दर्द, गले में खराश आदि लक्षण महसूस करते हैं। शुरुआती दौर में कोरोना वायरस के जो लक्षण मुख्य थे जैसे स्वाद या सुगंध ना आना, वे इसमें बहुत कम देखे जाते हैं। कुछ मरीजों में पेट दर्द और डायरिया जैसी पेट की अन्य समस्याएं भी देखी जा रही हैं। कभी-कभी सीने में दर्द, छाती में भारीपन और सांस लेने में समस्या जैसे लक्षण भी इसके संक्रमितों में देखे गए हैं।

इलाज और बचाव

इस वक्त हमारे पास कोरोना के किसी भी वेरिएंट से बचाव के 3 सबसे बेहतरीन उपाय हैं- भीड़-भाड़ से सुरक्षित दूरी रखना, मास्क पहनना, बार-बार हाथों को धोना या सैनिताइज करना। साथ ही वैक्सीन लगवाना भी बहुत जरूरी है। जो बूस्टर डोज के पात्र हैं, उन्हें बूस्टर डोज भी ले लेना चाहिए। हाल में ही भारत सरकार ने 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को बूस्टर डोज लेने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा आपको अगर तबीयत ठीक ना लगे तो उसे सामान्य जुकाम या पेट की गड़बड़ी ना समझकर किसी अनुभवी चिकित्सक की सलाह से जरूरी टेस्ट करवा ले। एंटीबायोटिक, विटामिन, सिरप या कोई भी दवा अपने मन से ना लें।

ये भी हैं नए वेरिएंट्स

यूके की स्वास्थ्य संस्था यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने एक्सई के अलावा कोविड के दो अन्य रूपों का पता लगाया है। ये हैं एक्सडी और एक्सएफ। एक्सडी डेल्टा और बीए.1 म्यूटेंट का हाइब्रिड है और एक्सएफ यूके डेल्टा वायरस और बीए.1 का मिश्रण है। एक्स डी ज्यादातर फ्रांस, डेनमार्क और बेल्जियम में पाया गया है, जबकि एक्सएफ ब्रिटेन में पाया गया है।

अभी ना छोड़ें मास्क पहनना

हालांकि अब सरकार ने मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म कर दी है लेकिन हमें चाहिए कि खुद को और दूसरों को भी कोविड समेत अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए मास्क पहनते रहें। खासतौर पर फेफड़ों की बीमारी, सांस लेने में तकलीफ, टीबी, मधुमेह, अस्थमा और विभिन्न एलर्जी जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए मास्क पहने रहना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। मास्क लगाने से न केवल इसे पहनने वाले को बल्कि दूसरों को भी सुरक्षा मिलेगी। इस बारे में दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के प्रिंसिपल सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ. त्रिभुवन गुलाटी कहते हैं कि मास्क लगाने से आप कोरोना वायरस के संपर्क में नहीं आएंगे और संक्रमित होने पर आपके गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना कम होगी। यह समुदाय में बड़े पैमाने पर संक्रमण के जोखिम को कम करेगा। अगर आप नाक और मुंह को दोनों तरफ से, यानी वायरस के रिसीवर या ट्रांसमीटर से ढंकते हैं तो आप वायरस के संचरण को रोक देंगे और यह आपके आस-पास के लोगों के लिए फायदेमंद होगा। ना केवल वयस्कों बल्कि बच्चों को भी मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मास्क लगाने से पहले, उतारने के बाद और मास्क को छूने के बाद अपने हाथ धोएं। मास्क के सामने के हिस्से के बजाय ईयर लूप्स का उपयोग करके अपने मास्क को एडजस्ट करने या निकालने का प्रयास करें।

लेखक- शिखर चंद जैन (Shikhar Chand Jain)

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