Health Tips: गठिया से रहना है दूर तो इन चीजों का करें सेवन

Health Tips: गठिया (Arthritis) एक ऐसा रोग है, जिसमें रोगी की हड्डियों में दर्द (Pain In Bones) रहता है। आती जाती ठंड में ये दर्द थोड़ा ज्यादा होता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) एक ऑटोइम्यून बीमारी (Auto Immune) है। अगर आप गठिया के रोगी हैं तो ऐसे मौसम में आपको अपना खास ख्याल रखना होता है। गठिया के मरीजो को हेल्दी डाइट के साथ खुद को एक्टिव रखना पड़ता है। इसके साथ ही ऐसे व्यक्तियों को इंफ्लेमेटरी खाने (Inflammatory Foods) से दूर रहना चाहिए। आप जो खाते हैं उस पर ध्यान देना न केवल आपके गठिया के खतरे को कम कर सकता है बल्कि आपको स्वस्थ और रोग मुक्त जीवन जीने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही हेल्दी डाइट आपको इसके दर्द से भी दूर रख सखती है।अपनी इस स्टोरी में हम आपको ऐसे खाने के बारे में बताएंगे जिनके सेवन से आप गठिया और इसके दर्द से दूर रह सकते हैं।
ओमेगा 3 फैटी एसिड
मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। स्टडी से ये पता चला है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस में मछली का सेवन करने से अच्छे रिजल्ट मिले हैं।
मटर और बीन्स
मटर और बीन्स प्लान्ट प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं जो मांसपेशियों के स्वास्थ्य में मदद करते हैं। इसमें फैट लगभग न के बराबर होता है और एंटीऑक्सिडेंट का स्रोत होते हैं।
नट्स
नट्स स्वास्थ्यवर्धक मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं। आरए वाले लोगों के लिए अखरोट मॉडरेशन में अच्छे होते हैं क्योंकि वे ओमेगा-3 फैटी एसिड में उच्च होते हैं लेकिन कैलोरी में हाई होते हैं।
जैतून का तेल
जैतून के तेल में स्वस्थ मोनोअनसैचुरेटेड फैट और ओलियोकैंथल नामक एक कंपाउंड होता है जो इंफ्लेमेशन को कम करता है लेकिन इसे कम मात्रा में खाना सही रहता है। जैसा कि सभी तेलों के साथ होता है, यह एक फैट है जिससे वजन बढ़ सकता है। परिणाम बताते हैं कि डाइट में बदलाव लंबे समय तक बनाए रखना कठिन होता है और एक या अधिक खाने की चीजों को अपने डाइट से बाहर कर देने से शरीर में कमियां हो सकती हैं।
गठिया के रोगियों को अपनी डाइट में इन पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए
- तरह-तरह के भोजन करें
- फिजीकल एक्टिव रहने के साथ अपने खाए जाने वाले भोजन को बैलेंस करें। इसके साथ ही अपना वजन बनाए रखें या सुधार करें।
- अपने आहार में अनाज, सब्जियों और फलों को चुनें।
- फैट, सैचुरेटेड फैट और कम कोलेस्ट्रॉल वाले खाने को अपनी डाइट में करें शामिल
- डाइट में बढ़ाएं फाइबर की मात्रा
- ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की पूर्ति करें।
- विटामिन सी, बी6, बी12, ई, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम जैसे सप्लीमेंट्स लें, क्योंकि सिर्फ खाने से ये कमियां पूरी नहीं हो पाती हैं।
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