Health Tips: खराब इम्युनिटी को दर्शाते हैं ये लक्षण, जानें इसे बेहतर करने के उपाय

Health Tips: हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम (Immune System) हमें हानिकारक बैक्टीरिया से बचाने और शरीर में रोग पैदा करने वाले परिवर्तनों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कमजोर इम्यूनिटी (Weak Immunity) वाला व्यक्ति अपने आसपास के अन्य लोगों की तुलना में इंफेक्शन (Infection) के प्रति अधिक संवेदनशील (Extra Sensitive) होने के कारण बार-बार बीमार पड़ सकता है। कम इम्यूनिटी वाले व्यक्ति में ऑटोइम्यून विकार, एनीमिया, पेनुमोनिया, ब्रोंकाइटिस, स्किन इंफेक्शन, पाचन संबंधी समस्याएं और विकास में देरी भी देखी जा सकती है। यहां हम आपको कमजोर इम्युनिटी के लक्षण और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उपाय बताएंगे...
लक्षण (Symptoms)
- बार-बार सर्दी लगना कमजोर इम्युनिटी का संकेत है, जिसका मतलब है कि आपका शरीर मौसमी संक्रमणों से लड़ने में सक्षम नहीं है।
- पाचन संबंधी परेशानियां इस बात का संकेत देती हैं कि आपका इम्यून सिस्टम उस तरह से काम नहीं कर रहा है जैसा उसे करना चाहिए।
- अगर आपके शरीर के घाव प्राकृतिक उपचार से जल्दी नहीं भरते, तो यह भी एक इशारा है कि आपकी इम्युनिटी कमजोर है।
- यदि शरीर का इम्यून सिस्टम बाहरी बैक्टीरिया, वायरस और हानिकारक पदार्थों से लड़ने में सक्षम नहीं है, तो व्यक्ति को बार-बार संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है।
- क्या आप हर समय थके रहते हैं? यह कमजोर प्रतिरक्षा के कारण भी हो सकता है।
कैसे करें इसे मजबूत (How to improve Immunity)
- आप जो खाते हैं उसके बारे में सावधान रहें। कोशिश करें कि संतुलित आहार लें।
- आठ घंटे की अच्छी नींद लें। क्योंकि जब हम सोते हैं तो हमारा शरीर ऊर्जा को बहाल करता है और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है।
- नियमित रूप से व्यायाम करें क्योंकि यह न केवल आपकी इम्युनिटी को मजबूत करता है और स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि हमारे शरीर में हैप्पी हार्मोन भी उत्पन्न करता है, जो मूड लिफ्ट करते हैं और तनाव से लड़ने में सहायता करते हैं।
- अपने हाथों को हमेशा नियमित अंतराल पर धोते रहें। कीटाणु हमारे शरीर में ज्यादातर अशुद्ध हाथों से प्रवेश करते हैं।
- तनाव के स्तर को कम करने के लिए माइंडफुलनेस और कृतज्ञता का अभ्यास करें।
- धूम्रपान को ना कहें क्योंकि यह हमारी इम्युनिटी को कमजोर करता है। इससे कई प्रतिरक्षा और ऑटोइम्यून विकारों का खतरा बढ़ जाता है।
नोट: यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है, इसे विशेषज्ञ की सलाह के तौर पर न लें।
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