न्यूट्रीएंट्स से भरपूर हो आपकी डाइट, जानें न्यूट्रीशन एक्सपर्ट की राय

सही डाइट शरीर को एनर्जी तो देती ही है, तनाव और विभिन्न बीमारियों से भी सुरक्षित रखती हैं। इसीलिए परिवार के सभी सदस्यों के हेल्दी रहने के लिए सबसे जरूरी है- नियमित रूप से पोषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट का सेवन। बैलेंस डाइट हर उम्र के लोगों के लिए अलग-अलग होता है। ऐसे में अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो परिवार के सभी सदस्य शारीरिक-मानसिक तौर पर स्वस्थ और मजबूत रहेंगे।
सबकी होती है अलग जरूरत
अमूमन एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना 1200-1400 कैलोरी की आवश्यकता होती है। शारीरिक विकास के लिए 10 साल से छोटे बच्चों और बॉडी सेल्स की रिपेयरिंग और मांसपेशियों की मजबूती के लिए 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों को प्रोटीन रिच डाइट की जरूरत होती है। प्रोटीन हमें बीमारियों का सामना करने की शक्ति भी प्रदान करता है। शरीर में खून की कमी को रोकने के लिए महिलाओं और बच्चों के लिए आयरन-कैल्शियम रिच डाइट जरूरी है।
कार्बोहाइड्रेट:आहार में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर साबुत अनाज में गेहूं की रोटी, चावल, पुलाव, ओट्स, उपमा, रागी, जौ, मक्का, बाजरा जैसे अलग-अलग आटे की रोटी या मल्टीग्रेन आटा, दलिया, खिचड़ी, पुलाव, दाल-चावल ले सकते हैं। संभव हो तो आहार में रोटी या चावल की मात्रा थोड़ी कम करें और एक-एक कटोरी दाल-सब्जी, दही जरूर होनी चाहिए।
प्रोटीन:स्वस्थ रहने में मददगार प्रोटीन के खाद्य पदार्थ हरेक मील में शामिल करना चाहिए। प्रोटीन का हिस्सा थोड़ा बढ़ भी सकता है। इसके लिए दाल, दही, साबुत दालें ले सकते हैं। दाल में ही आप छोले, राजमा, काले चने, स्प्राउट्स की चाट भी शामिल कर सकते हैं, जिन्हें चावल के साथ भी खाया जा सकता है। अगर सब्जी न खाना चाहें तो साबुत दाल में घिया, पेठा जैसी सब्जियों का रस मिलाकर भी ले सकते हैं। इससे स्वाद के साथ-साथ पौष्टिकता में भी बढ़ोतरी होगी। नॉन वेजिटेरियन अंडे, चिकन, मटन या फिश ले सकते हैं।
दूध है जरूरी: आप और परिवार का हर सदस्य दिन में दो गिलास दूध जरूर पिएं। इसके लिए दूध और दूध से बने पदार्थ मेन मील का हिस्सा होने चाहिए जैसे- नाश्ते में एक गिलास दूध, लंच या डिनर में पनीर और दही शामिल करें। रात को सोने से पहले भी दूध ले सकते हैं।
विटामिन-मिनरल्स:आहार विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन और मिनरल्स की आपूर्ति के लिए थाली का एक-चौथाई हिस्सा सब्जियों या सलाद का होना चाहिए। इसके लिए लंच-डिनर में एक कटोरी मौसमी सब्जी, सलाद ले सकते हैं। नाश्ते में भी सब्जियां मिलाकर पोहा, उपमा, इडली, जवे, पकौड़े, मैकरोनी, ढोकला, इडली, चिला, अंडा, ऑमलेट जैसी चीजें ले सकते हैं। नाश्ते में अगर ब्रेड संबंधी व्यंजन शामिल कर रहे हैं, तो ब्राउन या मल्टीग्रेन ब्रेड का इस्तेमाल करें।
इनका रखें ध्यान
-बैलेंस डाइट में सभी फूड ग्रुप शामिल होने चाहिए। इसमें एनर्जी गिविंग फूड्स, बॉडी बिल्डिंग फूड्स और प्रोटेक्टिव फूड हों। ध्यान रखें कि आप दिन में तीन बार हैवी खाना खाने के बजाय फिक्स गैप में 5-6 मिनी मील लें यानी ब्रंच टाइम (ब्रेकफास्ट-लंच और लंच-डिनर के बीच)। किसी भी सूरत में ब्रेकफास्ट स्किप नहीं करें और डिनर सोने से करीब तीन घंटे पहले कर लें।
-लंच या डिनर के समय अगर आप फल न लेना चाहें, तो उन्हें खाने से आधा घंटा पहले या नाश्ते में मिल्क शेक के रूप में ले सकते हैं। दिन में मिनी मील या ब्रंच में लेना भी उपयुक्त हैं। लंच या डिनर में फलों का रायता या चाट को सलाद के तौर पर ले सकते हैं।
-सबसे जरूरी है कि खाना बनाने के लिए यथासंभव गुड क्वॉलिटी फैट या ऑयल का इस्तेमाल किया जाए। देसी घी, मक्खन का प्रयोग करें। रिफाइंड ऑयल की जगह सरसों, ऑलिव, तिल या नारियल के तेल में खाना बनाएं तो बेहतर होगा।
ऐसी हो खाने ही थाली
आहार विशेषज्ञों के हिसाब से हेल्दी डाइट के फंडे को समझने के लिए खाने की थाली को 4 हिस्से में बांटना चाहिए। एक-चौथाई हिस्से में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर अनाज, दूसरे हिस्से में मौसमी सब्जियां हों, तीसरे में प्रोटीन फूड हो और चौथे हिस्से में बारहमासी सलाद के तौर पर खाई जाने वाली सब्जियां, मौसमी फल और दूध से बनी चीजें होनी चाहिए। हेल्दी डाइट का यह फंडा मुख्य आहार (यानी ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर) में जरूर लागू किया जाना चाहिए।
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