अधिक गर्म काढ़ा पीने से हो सकती है गले में परेशानी

अधिक गर्म काढ़ा पीने से हो सकती है गले में परेशानी
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अधिक गर्म पेय या काढ़ा पीने या किसी अन्य वजह से गले या मुंह में छाले या कोई अन्य परेशानी हो सकती है। इनका उपचार आप कुछ घरेलू उपायों से भी कर सकते हैं।

इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए कई लोग गर्म खाद्य और पेय लेने पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए वे कई तरह के काढ़े भी पी रहे हैं। इनके अधिक सेवन से कुछ लोगों को गले में खराश, खुजली और मुंह में छाले, लाल रैशेज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ लोगों के घर पर बनने वाले खाने में मसालों की अधिक मात्रा के कारण भी ये समस्याएं दिखाई दे रही हैं।

मुंह में छाले का तुरंत इलाज करना जरूरी है, क्योंकि मुंह के छाले कभी-कभी गले में भी हो सकते हैं। इस बीमारी को स्ट्रेप थ्रोट इंफेक्शन कहा जाता है। जो बहुत हद तक माउथ अल्सर के समान होता है। ये गले में टोंसिल और दर्द का कारण भी बन सकते हैं।

उपचार के घरेलू उपाय

मुंह और गले की इन परेशानियों के उपचार के लिए आप घरेलू उपाय आजमा सकते हैं।

हल्दी का पानी: हल्दी में ऐसे विशेष गुण मौजूद हैं, जिसका सेवन करने के कारण मुंह के छालों की समस्या को ठीक करने में काफी मदद मिलती है। मुंह के छालों की समस्या को ठीक करने के लिए एक गिलास पानी में आधा चमच हल्दी पावडर को अच्छी तरह उबाल लें और उसके बाद इस पानी से कुल्ला करें। सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले आप इस उपचार को अपनाएं।

शहद: मुंह के छालों पर शहद लगाने से शीतलता महसूस होती हैं। अगर आप शहद का सेवन नियमित करते हैं तो यह पेट के अल्सर को भी ठीक करने की क्षमता रखता है।

बर्फ: मुंह में छाले या रैशेज होने पर दर्द-जलन का अहसास होता है। ऐसे में बर्फ से राहत मिलती है।

अदरक: अदरक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसे मुंह में रखकर चूसें। गले के रोगों के लिए ये बहुत फायदेमंद होता है। एक कप पानी में अदरक उबालकर गुनगुना कर लें। उसमें शहद मिलाकर दिन में दो बार पीने से भी लाभ मिलेगा।

लहसुन: लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, इसलिए यह गले के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। लहसुन की कली को कुछ देर के लिए अपने दांतों के बीच रखें। इसका रस चूसने से लाभ मिलता है।

इन पर भी करें अमल:गर्म तासीर वाले काढ़े शरीर में बहुत अधिक गर्मी पैदा करते हैं, इसलिए इसे ठंडा करने की आवश्यकता है। दही, लस्सी, नीबू पानी का सेवन भी करना चाहिए। मौसम के अनुकूल आहार का पालन करें। आहार में विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और आयरन शामिल करें। नरम खाद्य पदार्थ और सलाद खाएं। बहुत मसालेदार, नमकीन या अम्लीय भोजन न करें। गर्म या अम्लीय पेय पीने से बचें।

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