Immunity System:ऐसे करें पता कि इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है या मजबूत?

Immunity System:ऐसे करें पता कि इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है या मजबूत?
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स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी सिस्टम वायरस, वायरल, बैक्टिरियल इंफेक्शन, फंगस आदि जैसी बीमारियों से बचाती है। वहीं इम्यून सिस्टम मजबूत होने पर फेफड़, किडनी आदि भी गंभीर बीमारी होने के खतरे से बचे रहते हैं। इस कारण ही डॉक्टर, साइंटिस्ट, एक्सपर्ट आदि शुरू से ही कोरोना से बचने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखने की सलाह दी जा रही है।

कोरोना वायरस के आने के बाद से लोगों का सबसे ज्यादा ध्यान अपने इम्यून सिस्टम पर गया है। क्यों कि इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखना। तभी से लोग इम्यूनिटी सिस्टम को लेकर काफी जागरुक हो गए हैं। स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी सिस्टम वायरस, वायरल, बैक्टिरियल इंफेक्शन, फंगस आदि जैसी बीमारियों से बचाती है। वहीं इम्यून सिस्टम मजबूत होने पर फेफड़, किडनी आदि भी गंभीर बीमारी होने के खतरे से बचे रहते हैं। इस कारण ही डॉक्टर, साइंटिस्ट, एक्सपर्ट आदि शुरू से ही कोरोना से बचने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में लोग बात को लेकर भी परेशान हैं कि इस बात का कैसे पता लगाया जाए कि किस शख्स का इम्यून सिस्टम मजबूत है और किसका कमजोर। इसी बीच आपकी मदद के लिए हम आपके इन सवालों का जवाब देते हुए, आपको इससे जुड़ी तमाम जानकारी देने जा रहे हैं।

इंसान के आसपास कई तरह के एलर्जी पैदा करने वाले या संक्रामक तत्व होते हैं

आपको बता दें कि इंसान के आसपास कई तरह के एलर्जी पैदा करने वाले या संक्रामक तत्व होते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है। ऐसे में इंसान को पता भी नहीं चलता है और खान पान के जरिए उन्हें ग्रहण कर लेता है। वहीं प्रदूषण वाले वातावरण में इंसान सांस लेने के जरिए नुकसानदेह को ग्रहण कर लेता है। वहीं ऐसा होने के बाद भी इंसान बीमार नहीं पड़ रहा है, तोसमझ जाएं कि उस शख्स का इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग है।

बॉडी कई तरह के इशारे देने लगती है

वहीं इम्यून सिस्टम कमजोर होने वाला शख्स मौसम में बदलाव या किसी भी तरह की एलर्जी बरदाश्त नहीं कर पाता है। इसके साथ ही बहुत जल्दी जल्दी बीमार पड़ता है। वहीं इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर बॉडी कई तरह के इशारे देने लगती है।

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इस तरह के होते हैं संकेत

- जल्दी जल्दी सर्दी-जुकाम होना

- अक्सर खांसी होना

- जल्दी घाव का न भरना

- बार-बार मसूड़ों में सूजन होना

- मुंह में छाले होना

- गला खराब रहना

- आलस होना

- हर समय थकावट महसूस होना

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