International Yoga Day 2019 : पीएम मोदी ने त्रिकोणासन, ताड़ासन, वृक्षासन के बाद बताए अर्धचक्रासन के फायदे

International Yoga Day 2019 : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 (International Yoga Day 2019) 21 जून (21 June) को मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिकोणासन (Trikonasan), ताड़ासन (Tadasan), वृक्षासन (Vrikshasana) के बाद आज शनिवार को अर्धचक्रासन करने का तरीका (Ardha Chakrasana Pose Steps) और अर्धचक्रासन के फायदे (Ardha Chakrasana Benefits) के बारे में बताया। पीएम मोदी ने अपने एनीमेशन वीडियो में अर्धचक्रासन करने का सही तरीका बताते हुए (Ardha Chakrasana Ke Fayde) के बारे में भी बताते हुए लिखा कि अर्धचक्रासन करने से पीठ मजबूत होती है, रक्त परिसंचरण / ब्लड सर्क्युलेशन (better blood circulation) और भी कई हैं अर्धचक्रासन के लाभ... जानिए अर्धचक्रसन का अभ्यास क्यों सहायक होता है। # YogaDay2019
Stronger back, better blood circulation and more…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 8, 2019
Know why practising Ardha Chakrasana is helpful. #YogaDay2019 pic.twitter.com/qbXAaflWus
अर्धचक्रासन क्या है?
अर्धचक्रासन खड़े होकर करने वाले एक योगाभ्यास है। इसका अर्थ समझने के लिए आप इस शब्द को दो भागों में बाँट सकते हैं – संस्कृत भाषा में 'अर्द्ध' का अर्थ होता है आधा और 'चक्र' का अर्थ होता है पहिया। इस आसन में शरीर की आकृति आधे पहिये के समान हो जाती है, इसीलिए इसे अर्द्ध-चक्रासन कहा जाता है। अगर इसके फायदे के हिसाब से देखा जाये तो यह डायबिटीज, शुगर, पेट की चर्बी कम करना इत्यादि के लिए बहुत प्रभावी है।
अर्धचक्रासन की विधि
अब बात आती है की अर्धचक्रासन को कैसे किया जाए जिससे करने वाले को ज़्यदा से ज़्यदा फायदा मिले। यहां इसके करने के सरल तरीके बताए गए हैं जिसको अनुसरण करके कोई भी अपने आप इसका अभ्यास कर सकता है।
पैरों को एक साथ रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ और हाथों को शरीर के साथ रखें।
अपने शरीर के वजन को दोनो पैरों पर समान रूप से रखें।
साँस को अन्दर की ओर खीचें, हाथों को सिर के ऊपर ले जायें और हथेलियाँ एक दूसरे के सामने हों।
साँस छोड़ते हुए नितम्बों को थोड़ा सा आगे की तरफ धक्का दें, हल्का से पीछे की ओर झुक जाएँ, अपने हाथों को कान से सटा कर रखें, कोहनियाँ तथा घुटने सीधे रखें, सिर सीधा रखते हुये अपने सीने को छत की तरफ उठायें।
साँस अन्दर की ओर लेते हुए इस अवस्था को कुछ देर बनाये रखें और फिर धीरे से वापस आ जाएँ।
साँस छोड़ते हुए अपने हाथों को नीचे लायें और विश्राम करें।
अर्धचक्रासन के लाभ | Benefits of the Ardha Chakrasana
यहां पर अर्धचक्रासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है। आप ऊपर बताये गए तरीके का अनुसरण करें करें तो निसंभव ज़्यदा मिलेगा।
अर्धचक्रासन पेट की चर्बी के लिए: इसे अभ्यास करने से पेट साइड्स की चर्बी घटती है।
अर्धचक्रासन डायबिटीज के लिए: इसका नियमित अभ्यास करने से खून में शुगर को कण्ट्रोल किया जा सकता है। यह पैंक्रियास को एक्टिवटे करता है और इन्सुलिन की सही मात्रा खून में बनाये रखने में मदद करता है।
अर्धचक्रासन से गर्दन आराम: इस एक्सरसाइज से गर्दन के दर्द को कम किया जा सकता है।
अर्धचक्रासन पीठ के मांशपेशियों के लिए: यह पीठ की मांसपेशियों में संतुलित खिंचाव लेकर आता है और पीठ में कोई अतरिक्त स्ट्रेन हो तो उसको कम करता है।
अर्धचक्रासन कमर के लिए उपयोगी: यह कमर के लिए बहुत उपयुक्त योगाभ्यास है। अगर आप कमर के दर्द से परेशान हैं तो इस योग एक्सरसाइज का प्रैक्टिस करें और हमेशा हमेशा के लिए कमर दर्द से छुटकारा पाए।
अर्धचक्रासन रीढ़ की हड्डी के लिए: मेरुदंड को रखना चाहते हैं स्वस्थ तो अर्धचक्रासन का अभ्यास करें। यह आपके रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और इस तरह से बहुत सारी परेशानियों से आपको बचाता है।
अर्धचक्रासन हिप्स के दर्द के लिए: यह कूल्हे की दर्द के लिए भी बहुत प्रभावी है।
शरीर को आगे झुकने से रोकना: प्रायः यह देखा गया है कि जब हम बैठते है तो थोड़ा आगे झुक जाते हैं। फिर यह हम लोगों की आदत जाती है। इसको रोकने के लिए अर्धचक्रासन एक उम्दा योगाभ्यास है।
अर्धचक्रासन स्लिप डिस्क के लिए: इस आसन के प्रैक्टिस से स्लिप डिस्क में आराम मिलता है।
अर्धचक्रासन साइटिका के लिए: अगर आप साइटिका परेशान हैं तो इस योग का अभ्यास करें।
अर्धचक्रासन सिटींग जॉब वालों के लिए वरदान: अगर आपका काम बैठ कर करने वाला है तो अर्धचक्रासन आपके के लिए वरदान है। इसका प्रैक्टिस करके के आप कमर से सम्बंधित हर परेशानियों से बच सकते है।
अर्धचक्रासन की सावधानी | Ardha Chakrasana ki Savdhani
जिन व्यक्तियों को कूल्हे तथा रीढ़ की हड्डी में कोई गंभीर समस्या हो; वह लोग इस आसन को न करें
साथ ही जिन्हें उच्च रक्तचाप व मानसिक विकार की समस्या हो वो भी इस आसन को न करें।
जिन्हें आमाशय या ग्रहणी में घाव हो अथवा हर्निया की तकलीफ हो, उन्हें भी इस आसन को नहीं करना चाहिये।
गर्भवती स्त्रियों को भी यह आसन नहीं करना चाहिये।
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