महिलाओं को प्रेग्नेंसी से पहले और डिलिवरी के बाद इन वैक्सीन की होती है जरूरत

महिलाओं को प्रेग्नेंसी से पहले और डिलिवरी के बाद इन वैक्सीन की होती है जरूरत
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वैक्सीन तीन तरह के होते हैं। लाइव वैक्सीन, किल्ड वैक्सीन, टॉक्सॉइड्स। वहीं लाइव वैक्सीन प्रेग्नेंसी के दौरान नहीं लगवाने चाहिए, क्योंकि ये वैक्सीन बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। अब उन वैक्सीन के बारे में जानते हैं जिन्हें प्रेग्नेंसी के पहले, प्रेग्नेंसी के दौरान और प्रेग्नेंसी के बाद महिलाएं ले सकती हैं जिससे उनका बच्चा खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रह सकता है।

कोई भी मां नहीं चाहती है कि उसके बच्चे को कोई भी बीमारी लगे। जिसके लिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिला अपने पेट में पल रहे बच्चे की खास देखभाल करती है। इसके लिए आपको इस दौरान वैक्सीन की भी जरूरत होती है। जिससे आप अपने बच्चे को कई तरह की बीमारियों से बचा सकती हैं। आपके ऐसा करने से बच्चे का भविष्य भी सुरक्षित हो सकता है। आखिर कई बीमारियों को लेकर आपकी सुरक्षा और इम्यूनिटी ही बच्चे के लिए कवच का काम कर सकती है।

आपको बता दें कि वैक्सीन तीन तरह के होते हैं। लाइव वैक्सीन, किल्ड वैक्सीन, टॉक्सॉइड्स। वहीं लाइव वैक्सीन प्रेग्नेंसी के दौरान नहीं लगवाने चाहिए, क्योंकि ये वैक्सीन बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। अब उन वैक्सीन के बारे में जानते हैं जिन्हें प्रेग्नेंसी के पहले, प्रेग्नेंसी के दौरान और प्रेग्नेंसी के बाद महिलाएं ले सकती हैं जिससे उनका बच्चा खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रह सकता है।

प्रेग्नेंसी के पहले वाले वैक्सीन

MMR (मीजल्स, मम्पस और रूबेला)

MMR यानी मीजल्स, मम्पस और रूबेला (खसरा, कण्ठमाला और रूबेला) बहुत ही खतरनाक बीमारियां हैं। प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने में तो इनके कारण गर्भपात भी हो सकता है या फिर बच्चे में जन्म दोष भी हो सकते हैं। क्योंकि ये लाइव वैक्सीन है इसलिए ये बेहतर है कि कोई महिला इसे कंसीव करने के कम से कम एक महीने पहले ले ताकि बच्चे की सेहत को किसी तरह का नुकसान न हो।

चिकनपॉक्स

वैसे तो चिकनपॉक्स को इतनी खतरनाक बीमारी नहीं माना जाता है, क्योंकि इसमें बुखार के साथ रैश होते हैं। लेकिन, प्रेग्नेंसी के दौरान ये बीमारी मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। अगर प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने में कोई महिला इस बीमारी की चपेट में आ जाती है तो ऐसा मुमकिन हो सकता है कि बच्चे को कई तरह के जन्म दोष हों। अगर प्रेग्नेंसी के आखिरी समय में ये बीमारी होती है तो महिला बहुत ज्यादा बीमार हो सकती है और ऐसा भी हो सकता है कि डिलिवरी के दौरान ये बीमारी बच्चे तक पहुंच जाए।

प्रेग्नेंसी के समय

इन्फ्लूएंजा (फ्लू) वैक्सीन

ये वैक्सीन किल्ड वायरस से बना होता है इसलिए ये किसी प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे के लिए सुरक्षित रहता है। वहीं फ्लू सीजन के शुरू होने से पहले ही फ्लू शॉट (वैक्सीन) लेना सही होता है। अगर किसी प्रेग्नेंट महिला को पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है और उसे इन्फ्लूएंजा हो जाता है तो उसे मांसपेशियों का दर्द, सिरदर्द, बुखार, खांसी, थकान और गले में खराश जैसी समस्याओं से भी भी जूझना पड़ेगा। कुछ गंभीर मामलों में इन्फ्लूएंजा बढ़कर निमोनिया में भी तब्दील हो सकता है।

टिटनस टॉक्सॉइड (TT)/ टिटनस/ डिप्थीरिया (Td)

हर प्रेग्नेंट महिला को पहले टिटनस टॉक्सॉइड के दो डोज जरूर दिए जाते थे। वहीं अब सभी प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रेग्नेंसी की शुरुआत में या तो TT का एक डोज दिया जाता है या फिर TD का डोज। दूसरा डोज Tdap वैक्सीन से रिप्लेस किया जा सकता है।

टिटनस / डिप्थीरिया /पर्टुसिस शॉट (Pertussis Shot (Tdap))

क्योंकि ये वैक्सीन टॉक्सॉइड्स से बना होता है इसलिए ये प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित है। सही मायनों में Tdap शॉट को प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीनों में लेना चाहिए। टेटनस एक कट या घाव के साथ आपके खून में प्रवेश कर सकता है और बच्चे की मृत्यु का कारण बन सकता है। डिप्थीरिया सांस संबंधित एक बीमारी है जिसके होने पर लकवा या फिर मौत तक हो सकती है। पर्टुसिस या काली खांसी सांस संबंधित एक खतरनाक बीमारी है जो नवजातों या फिर शिशुओं को अपनी चपेट में लेती है। बच्चे जब तक कुछ महीनों के नहीं हो जाते उन्हें इस तरह की बीमारियों के लिए वैक्सीन नहीं दिया जा सकता है इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को इस तरह का वैक्सीन लेना चाहिए। ऐसे में बच्चे को आपकी इम्यूनिटी मिल सकती है।

अगर स्तिथि गंभीर है और प्रेग्नेंट महिला को इसकी जरूरत है तो हाई-रिस्क वाले कुछ मामलों में हेपिटाइटिस A और B वैक्सीन, न्यूमोकोक्कल वैक्सीन (Pneumococcal vaccine) और पीलिया और रेबीज के वैक्सीन भी लगाए जा सकते हैं। हालांकि, प्रेग्नोंसी के दौरान आम तौर पर इन्हें लगवाने की सलाह नहीं दी जाती है।

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डिलिवरी के बाद-

अगर आपने किसी कारण से किसी तरह के वैक्सिनेशन को मिस कर दिया है तो आप उन्हें डिलिवरी के बाद ले सकती हैं। आपकी इम्यूनिटी आपके बच्चे तक ब्रेस्टफीडिंग के जरिए पहुंचेगी और आप दोनों को ही सुरक्षित रखेगी। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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