कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान घर पर ऐसे रह सकते हैं फिट, इन नियमों का करें पालन

कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है। हमारे देश में भी इसके लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 31 मई तक लॉकडाउन को जारी रखने की घोषणा की है। रेड जोन क्षेत्रों में तो काफी पाबंदियां हैं। जिम, स्पा भी बंद हैं। वायरस के प्रकोप को देखते हुए पार्क में रनिंग, वॉकिंग, साइकलिंग और स्विमिंग जैसे आउटडोर वर्कआउट कर पाना भी संभव नहीं है। इस स्थिति में लोगों का जीवन चारदीवारी में सीमित हो गया है। ऐसे माहौल में खुद को स्वस्थ और फिट बनाए रखना एक चुनौती बन गया है। लेकिन कुछ बातों पर अमल करके आप हेल्दी-फिट रह सकते हैं।
ऐसी हो डाइट
इन दिनों आपकी शारीरिक गतिविधियां सीमित हो गई हैं। गर्मी का मौसम चल रहा है और मस्तिष्क पर लगातार एक तनाव बना हुआ है। ऐसे में आपको अपने खान-पान को लेकर विशेष सतर्क रहना चाहिए, ताकि आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहे, आपका मस्तिष्क कूल रहे और आपका वजन भी न बढ़े।
संतुलित, पोषक, हल्के और सुपाच्य भोजन का सेवन करें।
टमाटर, नीबू और सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करें ताकि शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स मिल सकें।
अंकुरित अनाज का सेवन करें, क्योंकि इसमें विटामिन बी होता है, जो छाती की जकड़न, खांसी, सांस लेने में कठिनाई की समस्या को दूर करता है।
अधिक तले-भुने और मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें, इन्हें पचाना कठिन होता है और इनसे गैस और कब्ज की शिकायत होती है।
कैफीन शरीर में ऊष्मा की मात्रा बढ़ाता है और इसके अधिक सेवन से अनिद्रा की समस्या भी हो जाती है, इसलिए एक दिन में 2-3 कप से अधिक चाय-कॉफी का सेवन न करें।
बासी और ठंडे भोजन का सेवन न करें।
घर पर हैं, इसका मतलब यह नहीं कि कभी भी कितनी भी मात्रा में खाते रहें। रोज नियत समय और उचित मात्रा में ही खाना खाएं।
लगातार बैठे न रहें
केवल घर तक ही सीमित रहने से शारीरिक सक्रियता काफी कम हो गई है। 30 मिनट से अधिक बैठने से मेटाबॉलिज्म 90 प्रतिशत धीमा हो जाता है। एंजाइम्स जो बैड फैट्स को धमनियों से मांसपेशियों तक लाते हैं, जहां ये बर्न हो सकती हैं, धीमे हो जाते हैं। शरीर के निचले भाग की मांसपेशियां टर्न ऑफ हो जाती हैं। दो घंटों तक लगातार बैठे रहने से, अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है। लगातार बैठे रहना टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोगों, कैंसर तथा समयपूर्व मृत्यु होने की आशंका बढ़ा देता है। अगर आप हर आधे घंटे में केवल पांच मिनिट का ब्रेक लें और खड़े हो जाएं तो चीजें फिर से सामान्य होने लगती हैं।
जरूर करें वर्कआउट
रोज सुबह घर पर ही योग या एक्सरसाइज करें। बिना काम के ही अपनी बिल्डिंग की सीढ़ियों पर 2-3 पर चढ़-उतर लें। यह एक बेहतरीन कार्डियो एक्सरसाइज है। अगर आपके फ्लैट में टहलने का स्पेस है तो लंच और डिनर के बाद थोड़ी देर टहल लें, फ्लैट छोटा है तो कॉरिडोर में भी टहल सकते हैं। घर पर ट्रेड मिल है तो कम से कम पंद्रह मिनट उस पर रनिंग जरूर करें। काम के बीच में भी लगातार ब्रेक लेते रहें। हर 30 मिनट में 5 मिनट का ब्रेक लें। खड़े हो जाएं और हिले-डुलें या घर में ही इधर-उधर चहल-कदमी कर लें। अगर आप इतनी जल्दी-जल्दी ब्रेक न ले सकें तो हर दो घंटे में तो 15 मिनिट का ब्रेक अवश्य ही लें। इस दौरान स्ट्रेचिंग भी करें; अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें, जब तक कि आप अपने पैरों की अंगुलियों पर न खड़े हो जाएं। वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं और धीरे-धीरे अपनी गर्दन को गोल-गोल घुमाएं ताकि कंधे की मांसपेशियां स्ट्रेच हो जाएं।
अपनाएं अनुशासित जीवनशैली
अपनी जैविक घड़ी को दुरस्त रखने के लिए जितना हो सके अपने जीवन को संतुलित रखने का प्रयास करें। भले ही आप पूरा दिन घर पर हैं, आपके काम का समय निश्चित नहीं है, लेकिन आप अनुशासित जीवनशैली का पालन करें। रोज नियत समय खाना खाएं और सोएं। ये शेड्यूल बॉडी क्लॉक को मेंटेन रखने में सहायता करेगा।
न करें सेहत की अनदेखी
अगर आप पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या के शिकार हैं तो नियत समय पर अपनी दवाइयां लें। डॉक्टर के पास नहीं जा पा रहे हैं तो विडियो कॉलिंग के द्वारा कंसल्टेशन प्राप्त कर सकते हैं। समय को देखते हुए घर पर जरूरी दवाइयों का स्टॉक जरूर रखें।
गैजेट्स से बचें
आप अपने ऑफिस के काम करने के बाद घर पर गैजेट्स के अधिक इस्तेमाल से बचें। लगातार स्क्रीन को घूरने से आंखें लाल हो जाना, उनमें खुजली होना और धुंधला दिखाई देना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। लंबे समय तक कंप्यूटर और लैपटॉप का उपयोग करने से स्पाइन मुड़ जाती है। इससे गर्दन की जो स्प्रिंग की तरह की कार्यप्रणाली है, वह प्रभावित होती है। इससे तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त भी हो सकती हैं। अपने परिवार के साथ समय बिताएं या कुकिंग, म्यूजिक गार्डनिंग, पेंटिंग आदि जैसे अपने दूसरे शौक पूरे करें।
(एकेडमी ऑफ फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष-डॉ. रमन कुमार से बातचीत पर आधारित)
टेंशन से रहें दूर
लगातार चारदीवारी में रहना, हमेशा मस्तिष्क पर एक खौफनाक बीमारी का खतरा मंडराना और भविष्य की चिंता केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है बल्कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा बढ़ने की आशंका भी है। ऐसा माहौल मोटिवेशन लेवल को कम कर देता है और आप डल और उदास महसूस करते हैं। ऐसे में अनावश्यक तनाव न पालें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस भयावह स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। मानसिक शांति के लिए प्रतिदिन कम से कम 15-20 मिनट ध्यान लगाएं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS