महिलाओं के लिए ज्यादा जरूरी है मेडिटेशन

वॉरेन अल्बर्ट मेडिकल स्कूल ऑफ ब्राउन यूनिवर्सिटी के मनोचिकित्सक, मानव व्यवहार विभाग ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि मेडिटेशन महिलाओं को ज्यादा फायदा पहुंचाता है। अध्ययन में 77 अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को 12 हफ्ते तक हफ्ते में तीन बार 30 मिनट के मेडिटेशन सेशन अटेंड करने को कहा गया। जिसमें पुरुष-महिला दोनों शामिल थे।
बाद में तुलनात्मक अध्ययन में विशेषज्ञों ने पाया कि महिलाओं में जहां अपराध बोध और चिढ़न जैसी नकारात्मक भावनाएं पुरुषों की तुलना में कम थीं, वहीं उनकी एकाग्रता में भी इजाफा देखा गया। मेडिटेशन के सिर्फ यही फायदे नहीं, कई और फायदे भी हैं, इसलिए इसे आपको अपनी नियमित जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
मल्टीटास्किंग में मददगार
महिलाओं को अकसर बहुत सारे काम करने पड़ते हैं। इसके लिए उन्हें अपने दिमाग को बहुत ज्यादा एक्टिव रखना पड़ता है। पल भर में उन्हें कई बातें, एक साथ सोचनी पड़ती हैं। जैसे एक तरफ किचन में दूध गर्म हो रहा है, एक तरफ सब्जी पक रही है, उधर बच्चा होमवर्क कर रहा है और पानी की टंकी भरने पर मशीन बंद करनी है, तो इसी तरह कई सारे काम एक साथ साधने के लिए दिमाग को कितना सक्रिय रखना पड़ता है, यह अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में मेडिटेशन महिलाओं के दिमाग को कूल, एक्टिव रख सकता है।
एजिंग पर असर
हार्मोंस की उथल-पुथल, बहुत ज्यादा मानसिक-शारीरिक श्रम, मेंस्ट्रुअल साइकल जैसे कारणों से पुरुषों की तुलना में महिलाओं का शरीर जल्दी बूढ़ा होने लगता है। ऐसे में मेडिटेशन का सहारा लेने पर उनका मन शांत रहता है। चिड़चिड़ापन कम होता है और साथ ही ब्रेन में डोपामाइन हार्मोन का लेवल बढ़ता है। इतना ही नहीं मेडिटेशन से नींद भी दुरुस्त होती है। ये सारे पॉजिटिव इफेक्ट मन के साथ तन को भी स्वस्थ रखते हैं।
इंप्रूव होता इमोशनल-इंटेलीजेंस कोशेंट
मेडिटेशन दिमाग को शांत रखता है लेकिन यह कभी इसे मंद और कुंद नहीं होने देता। रोजाना मेडिटेशन करने पर दिमाग जागृत अवस्था में रहता है। जिससे इमोशनल कोशेंट और इंटेलीजेंस कोशेंट भी इंप्रूव होते हैं। महिलाओं के लिए दिमाग का एक्टिव रहना बेहद जरूरी है, क्योंकि उनको दोहरी जिम्मेदारियां निभानी पड़ती है। ससुराल और मायके के बीच, ऑफिस और घर के बीच, पति और बच्चों के बीच बैलेंस बिठाना पड़ता है। ऐसे में मेडिटेशन उनके लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।
स्प्रिचुअल बनने में हेल्पफुल
खुद को स्प्रिचुअल बनाने के लिए मन की शांति और बाहरी दुनिया से कुछ देर के लिए पूरी तरह दूर रहना जरूरी है। दिमाग को यह ताकत मेडिटेशन से ही मिल सकती है। जो महिलाएं रोज मेडिटेशन करती हैं, वे स्प्रिचुअल एनर्जी से आसानी से जुड़ सकती हैं।
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