Menstrual Bleeding: पीरियड्स में हो रही हैवी ब्लीडिंग तो हो जाएं सावधान, बढ़ सकता है इन बीमारियों का खतरा

Menstrual Bleeding: पीरियड्स में हो रही हैवी ब्लीडिंग तो हो जाएं सावधान,  बढ़ सकता है इन बीमारियों का खतरा
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भारत में हर महीने पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग ( Periods heavy bleeding) से हजारों महिलाएं प्रभावित होती हैं। इसकी वजह से शरीर में खून की कमी (anemia), कमजोरी (weakness) और किसी भी काम में मन नहीं लगता है।

Menstrual bleeding : भारत में हर महीने पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग ( Periods heavy bleeding) से हजारों महिलाएं प्रभावित होती हैं। इसकी वजह से शरीर में खून की कमी (anemia), कमजोरी (weakness) और किसी भी काम में मन नहीं लगता है। दरअसल, ऐसा मेनोरेजिया (Menorrhagia) की वजह से हो सकता है। यह एक ऐसी मेडिकल प्रॉब्लम है। जिसमें पीरियड्स लंबा या हैवी ब्लीडिंग वाला होता है। इसमें सात दिनों से ज्यादा दिन का भी समय लग सकता है। अगर इससे आपका लाइफ स्टाइल और इमोशनल हेल्थ (emotional health) प्रभावित हो रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

इन कारणों से हो सकता है मेनोरेजिया (Menorrhagia Causes)

1-फाइब्रॉएड (fibroid)

इसे गर्भाशय ट्यूमर के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि यह कैंसर या कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बार बड़ी समस्याएं पैदा कर देता है। गायनोलॉजिस्ट बताते हैं कि फाइब्रॉएड गर्भाशय में एक छोटे बीज की तरह बनना शुरू हो जाता है, जो एक बड़े आकार के गोले तक हो सकता है। फाइब्रॉएड एक से ज्यादा भी हो सकते हैं। यह पसलियों तक पहुंच सकते हैं।

2-पॉलीप्स (Polyps)

जब गर्भाशय में कोशिकाएं एक सीमा से अधिक बढ़ जाती है, तो पॉलीप्स बन जाती है। यह गर्भाशय की लाइन पर बनने शुरू होते हैं और हैवी ब्लिडिंग का कारण बन सकते हैं। यह गर्भाश्य में कैंसर का भी कारण बन सकते हैं।

3- गर्भाशय में ट्यूमर

गायनोलॉजिस्ट का कहना है कि इसे बच्चेदानी में कैंसर, एंडोमेट्रियल कैंसर और यूटेराइन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। कई बार ये इतना फैल जाता है कि बच्चेदानी को ही निकालना पड़ जाता है। ये दो तरह का होता है और चार स्टेज तक बढ़ता है। इसलिए समय रहते महिलाओं को अपना इलाज करा लेना चाहिए।

4- हार्मोन में असंतुलन (Hormonal Disturbances)

गायनोलॉजिस्ट बताते हैं कि हार्मोन में असंतुलन होने पर भी पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। कई बार गर्भाशय में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन की मात्रा में असंतुलन हो जाता है। इसकी वजह से गर्भाशय की अंदरूनी परत बढ़ जाती है और पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होती है।

5- विटामिन ई (Vitamin E)

विटामिन ई शरीर में ब्लीडिंग को कंट्रोल करने का काम करता है। अगर शरीर में विटामिन ई की कमी होती है तो यह भी हैवी ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। इसलिए आपको गायनोलॉजिस्ट की सलाह से विटामिन ई के कैप्सूल खाने की जरूरत है। इसके अलावा आप अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें। जिनसे शरीर में विटामिन ई की पूर्ति हो सकें।

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