Monkeypox: दुनिया में बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मरीज, यहां जानें बच्चों में इसके लक्षण और बचाव

Monkeypox: दुनिया में बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मरीज, यहां जानें बच्चों में इसके लक्षण और बचाव
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Health Tips: पिछले कई दिनों से हम एक बीमारी के बारे में बहुत ज्यादा सुन रहे हैं और वो है मंकीपॉक्स। अब जबकि यूके और कुछ अन्य देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए वायरल जूनोटिक बीमारी के लक्षणों से अवगत होना महत्वपूर्ण है। यहां हम आपको इस बीमारी के लक्षण और बचावों के बारे में बता रहे हैं।

Health Tips: पिछले कई दिनों से हम एक बीमारी के बारे में बहुत ज्यादा सुन रहे हैं और वो है मंकीपॉक्स (Monkeypox)। यूं तो ये बीमारी काफी पुरानी है, लेकिन इससे पहले ये अफ्रीका (Africa) के बाहर तक कभी नहीं फैली। अब जबकि यूके (UK) और कुछ अन्य देशों में मंकीपॉक्स के मामले (Monkeypox Cases) बढ़ रहे हैं, इसलिए वायरल जूनोटिक बीमारी (Viral Zoonatic Disease) के लक्षणों (Symptoms) से अवगत होना महत्वपूर्ण है। बच्चों में, विशेष रूप से, कुछ मंकीपॉक्स चिकन पॉक्स (Chiken Pox) जैसे चकत्ते, बुखार और दर्द के समान हो सकते हैं।

हालांकि बच्चों में मंकी पॉक्स के इंफेक्शन (Monkeypox Infection) का जोखिम कम और हल्का होता है, लेकिन इसके लक्षण सामान्य चिकन पॉक्स की तरह ही हैं। लॉकडाउन में ढील के साथ, माता-पिता को इन वायरल संक्रमणों के बारे में अधिक सतर्क रहने के लिए सलाह दी जा रही है।

मंकीपॉक्स इंफेक्शन में लिम्फ नोड इंफ्लेमेशन और गंभीर थकावट भी होती है। दाने अजीबोगरीब होते हैं, जो चेहरे से उभरे हुए स्थान के रूप में शुरू होते हैं और बाद में हथेलियों और पैरों तक फैल जाते हैं और तरल पदार्थ से भरे छाले में बदल जाते हैं और अंत में पपड़ी बनकर गिर जाते हैं। ये लक्षण 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं। दाने आमतौर पर तीसरे या चौथे दिन से शुरू होते हैं और धीरे-धीरे संक्रमण में चले जाते हैं। बच्चों में थकावट और कमजोरी के लक्षण अधिक होते हैं। उन्हें ज्यादातर सिरदर्द की शिकायत नहीं होती है। इसलिए, बच्चों के लिए बुखार की दवा के साथ हाइड्रेशन और शरीर में द्रव का प्रबंधन आवश्यक है।

मंकीपॉक्स के बचाव

  • सबसे महत्वपूर्ण निवारक उपाय हाथ की स्वच्छता है, इसलिए बाहर से आकर अच्छे से हाथों को साबुन से धोएं या सेनिटाइज करें।
  • जानवरों से इंसानों में संक्रमण की रोकथाम होनी चाहिए।
  • मांस को अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
  • रैशेज वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
  • किसी बीमार मरीज के किसी भी तरल पदार्थ या वस्तु के संपर्क में आने से बचें।

नोट: यहां दी गई जानकारी सामान्य लेखों पर आधारित है, इन्हें विशेषज्ञ की सलाह के तौर पर न लें।

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