Mother's Day 2022: बढ़ती उम्र में मम्मी की हेल्थ का रखें खास ख्याल, एक्सपर्ट्स से जानिए कैसी हो उनकी डाइट

Mother's Day 2022: उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं (Women) के खान-पान में काफी बदलाव की जरूरत होती है। आमतौर पर हमारी मांएं (Mothers) इस ओर ध्यान नहीं देती हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पचास-पचपन की उम्र पार करने के बाद उनके लिए केवल पोषक तत्वों से भरपूर खाना ही काफी नहीं है, सही मात्रा में डाइट लेना भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में अगर वो अच्छी डाइट नहीं लेती हैं, तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (Heath Related Issues) हो सकती हैं। जैसे कमजोरी महसूस करना, इम्यून सिस्टम वीक होना, कमजोर हड्डियां, सोचने की क्षमता कम होना यानी अल्जाइमर हो सकता है। ऐसी समस्याएं आपकी मां के साथ ना हों, इसके लिए बहुत जरूरी है कि उन्हें न्यूट्रिशस डाइट बैलेंस्ड (Nutritious Balanced Diet) मात्रा में लेने के लिए प्रेरित करें। यहां हम आपके लिए लेकर आएं हैं, लखनऊ (Lucknow) के अपोलोमेडिक्स अस्पताल (Apollomedics Hospital) की न्यूट्रिशनिस्ट (Nutritionist) डॉ. चेतना बंसल (Dr. Chetna Bansal) से डाइट प्लान (Diet Plan) से जुड़ी कुछ खास जानकारियां...
हेल्थ के अनुसार दें डाइट
स्ट्रॉन्ग बोंस के लिए
बोंस की मजबूती के लिए आपको अपनी मां की डाइट में कैल्शियम रिच खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से शामिल करवाएं। जैसे कैल्शियम की आपूर्ति के लिए दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ ज्यादा से ज्यादा दें। इसके अलावा आहार में रागी का आटा, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, राजमा, सोयाबीन, बादाम भी उन्हें दे सकती हैं।
मसल्स के लिए
बढ़ती उम्र में मसल्स भी वीक होने लगती हैं, क्योंकि फिजिकल मूवमेंट कम होने लगती है। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपनी मां को रोज एक्सरसाइज करने के लिए मोटिवेट करें और पौष्टिक खाना खिलाएं, क्योंकि एक्सरसाइज ना करने से उनमें सार्कोपीनिया या मसल्स मास का लॉस हो सकता है। इससे बचने के लिए आप अपनी मां को प्रोटीन रिच डाइट दें। उन्हें रोजाना कम से कम 2 गिलास दूध, 2 कटोरी दाल, सुबह-रात को मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स, चिकन, मछली, अंडे का सफेद भाग खाने को दे सकती हैं।
इम्यूनिटी के लिए
पचास की उम्र के बाद सभी की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, जिसकी वजह से इंफेक्शन जल्दी हो सकता है। अपनी मां के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए आप उनको विटामिन-मिनरल्स और प्रोटीन रिच डाइट जरूरी दें। इसके लिए आप उन्हें रोजाना कम से कम 2 सर्विंग फ्रूट्स-वेजिटेबल्स की दें। अगर आपकी मां को डायबिटीज या किडनी संबंधी संमस्या है, तो उनके लिए डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से कंसल्ट करना बेहतर रहेगा। अपनी मां को हार्ट संबंधी बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें हाई-कार्बोहाइड्रेट, हाई-कैलोरी, हाई-फैट, हाई-शुगर, हाई-सॉल्टेड फूड्स देना अवॉयड करना चाहिए जैसे, मैदे से बने व्यंजन, जूस, फ्राइड खाद्य पदार्थ, प्रीजर्वेटेड, प्रोसेस्ड या फास्ट फूड, चीज, मेयोनीज, सॉस, कैचेप।
स्किन के लिए
बढ़ती उम्र के प्रभाव से स्किन में भी बदलाव आने लगता है। ऐसा नमी की कमी की वजह से हो सकता है। डिहाइड्रेशन और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं से बचने के लिए मम्मी जी को रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए दें। जरूरी नहीं कि आप उन्हें सादा पानी ही पीने को दें, आप उन्हें नीबू पानी, नारियल पानी, लस्सी, मट्ठा, सूप या जूस भी दे सकती हैं।
ये हैं जरूरी न्यूट्रिएंट्स
बढ़ती उम्र में हेल्दी रहने के लिए मां को ऐसी डाइट देना जरूरी है, जिससे उन्हें सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलें।
कार्बोहाइड्रेट-प्रोटीन
कार्बोहाइड्रेट के लिए मां की डाइट में गेहूं, ओट्स, बारले, जौ, ज्वार, रागी जैसे साबुत अनाज शामिल करें। रिफाइंड मैदा, बारीक सूजी अवॉयड करने को कहें। प्रोटीन के लिए आहार में दालें, सोयाबीन, लो-फैट गाय का दूध और दूध से बनें खाद्य पदार्थ दे सकती हैं। अगर आपकी मां नॉन-वेजीटेरियन हैं तो अंडे का सफेद हिस्सा रोजाना दे सकती हैं, कम तेल में बना चिकन, लीन मीट, मछली जैसे मांसाहारी पदार्थ भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं। इनके अलावा आप बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स, सीड्स में अलसी, चिया, फ्लेक्स को मां की डाइट में जरूर शामिल करें।
गुड क्वालिटी फैट
अपनी मां की डेली डाइट में गुड क्वालिटी का फैट शामिल करवाएं। दिन भर में इस उम्र में मांओं को 3 टेबल स्पून या 15 मिली. ऑयल लेना चाहिए। इसमें पूरे दिन में आधा चम्मच देसी घी दे सकती हैं और बाकीबची मात्रा में ऑलिव ऑयल, सरसों का तेल, राइस ग्राइंड ऑयल इस्तेमाल किया जा सकत है। जहां तक हो सके मक्खन, चीज, क्रीम, फ्राइड फूड अवॉयड करवाएं। फ्राई करते समय एक ही ऑयल को दुबारा इस्तेमाल करके उन्हें ना दें। दरअसल, यह ट्रांस फैट में बदल जाता है और शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। बढ़ती उम्र में आपकी मां के आहार में फैट की मात्रा ज्यादा देने से मेटाबॉलिक समस्याएं हो सकती हैं, जिससे उन्हें वजन बढ़ना, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने, हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है।
फाइबर, विटामिन और मिनरल्स
इन न्यूट्रिएंट्स के अलावा मां को रोजाना आहार में समुचित मात्रा में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जरूर दें। इसके लिए दिन में दो बार सलाद (खीरा, मूली, गाजर, टमाटर, चुकंदर) और दो सर्विंग मौसमी फल खाने को दें। साबुत दालें और साबुत अनाज में भी अच्छी मात्रा में फाइबर मिल जाता है। बढ़ती उम्र में डाइजेशन सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है, इससे उन्हें कब्ज, पेट खराब होना, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याएं होने की संभावना रहती है। इसलिए मां को फाइबर रिच आहार जरूर दें। चोकरयुक्त आटा फाइबर का बेहतरीन स्रोत है।
प्रस्तुति : रजनी अरोड़ा (Rajni Arora)
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