बाल कटाने में लोगों को लग रहा डर, घर से ला रहे तौलिया और कंघी

देशभर में नियम और शर्तों के साथ शहर में सैलून और ब्युटी पार्लर खुलने लगे हैं। इस बीच ग्राहक और संचालक भी संक्रमण से बचने सावधानी बरते नजर आए। बाल कटाने के दौरान कोरोना वायरस फैलने का डर सता रहा है। ऐसे में घर से तौलिया और कंघी लेकर पहुंच रहे हैं।
दूसरी तरफ बड़े ब्युटी पार्लर और सैलून में अपॉइंटमेंट के आधार पर काम किए जा रहे हैं, ताकि लोगों एक साथ जमा ना हो। ब्यूटी पार्लर संचालक मीनाक्षी टुटेजा ने बताया, सुबह 10 से शाम 5 बजे तक 60 पुरुष और 30 महिलाएं पहुंची। इन दिनों बेसिक हेयर कटिंग, सेविंग, थ्रेडिंग जैसे काम ही किए जा रहे हैं। स्पा, फेशियल समेत अधिक समय लगने वाले कार्य नहीं किए जा रहे हैं। उनका कहना है, पहले दिन 200 से अधिक लोगों ने दो दिनों के लिए अपॉइंटमेंट ले लिया है।
अब अपॉइंटमेंट लेने वालों को दो दिन बाद का समय दिया जाएगा। पार्लर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। इसके अलावा पार्लर में एक व्यक्ति के लिए उपयोग में लाया गया कपड़ा का इस्तमाल दूसरी बार नहीं किया जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को घर से तौलिया लाने काे कहा जा रहा है। टेम्परेचर जांच के बाद पार्लर में प्रवेश दिया जा रहा है।
सैलून किराया निकलना मुश्किल
दो महीने तक सेलून बंद होने से संचालकों की आर्थिक समस्या बढ़ गई है। वर्तमान में अपने काम से सैलून का किराया निकाल पाना मुश्किल हो गया है। मरीन ड्राइव स्थित एक सैलून के संचालक संजीव वर्मा का कहना है, पहले 10 लोग एक साथ काम करते थे। अभी वे अकेले काम कर रहे हैं। लाॅकडाउन की वजह से काफी लाेग घर में है। उनका कहना है, इन दिनों हेयर कटिंग और सेविंग का काम ही किया जा रहा है।
पहले 10 बजे के बाद सैलून खोलता था। अब 8 बजे से खोलता हूं ताकि अधिक संख्या में लोग पहुंच सके। एक हेयर कट में 25 मिनट का समय लग जाता है। ऐसे में दिनभर 40 से 50 लोगों का काम हो पाता है। मंगलवार को शाम 5 बजे तक लोग पहुंचते रहे। समय हो जाने के कारण 30 लोगों को कल का नया समय दिया गया है। हेयर कटिंग और सेविंग पुराने रेट में किया जा रहा है। वर्तमान में काम अधिक है, लेकिन समय कम पड़ रहा है। ऐसे में सैलून का किराया निकाल पाना मुश्किल हो गया है।
चार्जर और मोबाइल कवर की बिक्री अधिक
लाॅकडाउन लगने के बाद पहली बार खुले माेबाइल दुकान में चार्जर और मोबाइल कवर लेने अधिक संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान दुकानदार ग्राहक द्वारा फोन छूने के बाद सेनेटाइजर से स्क्रीन को बार-बार साफ करते नजर आए। दुकान संचालक संदीप विश्वकर्मा का कहना है, पहले दिन 165 फोन बनने को आए हैं, जिसे ठीक करने में 20 से अधिक दिन का समय निकल जाएगा।
सामान्य दिनों में 50 फोन रिपेयर के लिए आते थे। उन्होंने बताया, दिनभर में नए फोन खरीदने वाले ग्राहक कम मिले। अधिक ग्राहक चार्जर और मोबाइल कवर के थे। लंबे समय से घर में रहने से काम करने का मन हो रहा था। दुकान खोलने समय से पहले पहुंच गया था। शाम के 5 बजने पर पहली बार समय जल्दी निकल गया ऐसा लगा।
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