हर दिन ब्रश करने से इतने प्रतिशत कम हो जाता है कैंसर का खतरा, रिसर्च में हुआ खुलासा

हर दिन ब्रश करने से इतने प्रतिशत कम हो जाता है कैंसर का खतरा, रिसर्च में हुआ खुलासा
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कैंसर जैसी घातक बीमारी के मरीजों की संख्या देश में दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की मानें तो मौजूदा समय में देश में करीब 13 लाख से ज्यादा कैंसर के मरीज है। 2025 तक इनकी संख्या 15 लाख के पार पहुंच सकती है। वहीं एक स्टडी में सामने आया है कि हर दिन ब्रश करने वाले लोगों में 52 प्रतिशत तक मुंह और पेट का कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।

आज के दौर में कैंसर (Cancer Patients) के मरीजों की संख्या पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है। यह इतनी घातक बीमारी है कि इसकी वजह से 60 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है। वहीं अगर आप डेली ब्रश (Teeth Brush) करते हैं तो मुंह और पेट के कैंसर से काफी हद तक बचे रह सकते हैं। दरअसल, मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कैंसर होने का खतरा 52 प्रतिशत तक अधिक हो सकता है। यह दावा हार्वर्ड टीएच स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, ये नतीजे लगातार 20 साल तक हुए रिसर्च के बाद सामने आए हैं।

20 साल की रिसर्च में हुआ खुलासा

शोधकर्ताओं के अनुसार, ऐसे लोग जिनमें मसूड़ों की बीमारी का इतिहास रहा है, उनमें ईसोफेगल और गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा 52 प्रतिशत ज्यादा रहता है। शोध के नतीजे बताते हैं कि जिन लोगों के दांत गिर चुके हैं, वो कैंसर के लिए हाई रिस्क में होते हैं। इतना ही नहीं 22 से 28 साल तक की उम्र के लोगों में ईसोफेगल कैंसर के 199 और गैस्ट्रिक कैंसर के 238 मामलों का अध्ययन किया। अध्ययन में सामने आया कि मसूड़ों की बीमारी होने पर 43 प्रतिशत ईसोफेगल कैंसर के और 52 प्रतिशत गैस्ट्रिक कैंसर का अधिक खतरा रहता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि जिन लोगों ने अपने एक या दो दांत खो दिए थे, उनमें ईसोफेगल कैंसर का खतरा 42 प्रतिशत और गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा 33 प्रतिशत ज्यादा था।

यह बैक्टीरिया बन सकता है कैंसर की वजह

शोधकर्ताओं के अनुसार, इसकी वजह मुंह में पाया जाने वाला टेनेरेला फॉसेथिया और पॉरफायरोमोनाज जिंजिवेलिस बैक्टीरिया हो सकता है। इन बैक्टीरिया के पनपने का अन्य कारण दांतों की सफाई ना होना और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पिछले साल एक शोध में दावा किया था कि मसूड़ों की समस्या होने पर भविष्य में अल्जाइमर होने का खतरा भी बढ़ सकता है।

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