कैंसर से बचाव के लिए बनें सजग-रहें सुरक्षित

कैंसर से बचाव के लिए बनें सजग-रहें सुरक्षित
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आमतौर पर लोग कैंसर को लाईलाज मानते हैं। जबकि सच यह है कि कुछ सावधानियां बरत कर इससे बचा जा सकता है। साथ ही शुरुआती दौर में पता चलने पर इसका ट्रीटमेंट भी संभव है।

आमतौर पर लोग कैंसर को लाईलाज मानते हैं। जबकि सच यह है कि कुछ सावधानियां बरत कर इससे बचा जा सकता है। साथ ही शुरुआती दौर में पता चलने पर इसका ट्रीटमेंट भी संभव है। वैसे तो कैंसर के 200 से भी ज्यादा प्रकार हैं और इनके अलग-अलग लक्षण होते हैं। लेकिन ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ओरल कैंसर, लंग कैंसर, बोन कैंसर, ब्लड कैंसर कॉमन हैं। इस बारे में पीएसआरआई अस्पताल, दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार-सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. विवेक गुप्ता कहते हैं, 'कैंसर से बचने के लिए इसके बारे में जागरूक होना और अपनी जीवनशैली में पर्याप्त बदलाव लाना जरूरी है। कैंसर से बचाव के लिए आपको कुछ बातों पर अमल करना होगा।

-तंबाकू, धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।

-वजन को नियंत्रण में रखें।

-नियमित रूप से व्यायाम करें।

-जंक फूड से परहेज करें।

-हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें।

•-किसी भी चीज को लेकर ज्यादा तनाव ना लें।

-नियमित रूप से अपने शरीर की जांच करवाते रहें।

-कैंसर का पता चलते ही डॉक्टर से कंसल्ट कर सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के माध्यम से ट्रीटमेंट करचाना चाहिए।

अगर कैंसर हो जाए तो भी बगैर चिंता किए इलाज कराना चाहिए। इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के माध्यम से किया जा सकता है। सर्जरी के दौरान डॉक्टर कोशिकाओं के असाधारण रूप से बढ़ने वाले हिस्से को निकाल देते हैं। इस प्रक्रिया को बायोप्सी तकनीक से किया जाता है। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट तकनीक हैं। कीमोथेरेपी में विशेष दवाओं से असामान्य रूप से बढ़ रही कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है और रेडियोथेरेपी के दौरान गामा रेडिएशन की मदद से ट्यूमर को नष्ट किया जाता है। मरीज का उपचार कौन-सी प्रक्रिया से किया जाएगा यह कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है।'

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