मानसून में क्यों होती हैं पेट से जुड़ी समस्याएं, जानें डॉक्टर की सलाह और इसके बचाव

मानसून की दस्तक गर्मी से निजात का सुकून लेकर आती है लेकिन साथ ही संक्रमण वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, जिनमें पेट संबंधी समस्याएं सबसे ज्यादा होती हैं। इस बार का मानसून कई मायनों में अलग भी है। कोविड के संक्रमण के डर से बहुत सारे लोग घर से बाहर नहीं निकलते हैं। उनकी जीवनशैली और शारीरिक गतिविधि भी प्रभावित हुई है। ऐसे में खान-पान पर सही ध्यान न देने से भी पेट की समस्याएं सामने आ रही हैं।
इसलिए बढ़ती है प्रॉब्लम
मानसून में पेट संबंधी समस्याएं बढ़ने के बारे में धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल, दिल्ली के कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर महेश गुप्ता कहते हैं, 'मानसून के दौरान लोग चाय का सेवन ज्यादा करते हैं। दफ्तर जाने वाले लोगों में सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य और चाय पीने की आदत ज्यादा होती है। लेकिन ध्यान रखें इस मौसम में यह आदत घातक हो सकती है क्योंकि प्राय: उनके बर्तन अच्छी तरह साफ नहीं होते हैं। इस मौसम में जरूरत से ज्यादा चाय पीना डाइजेशन के लिए हार्मफुल है। साथ ही तला भुना खाने के शौकीन को स्टमक इंफेक्शन, फूड प्वॉयजनिंग, वॉमिट, हैजा हो सकता है। इनसे बचने के लिए खाना बनाने से पहले सब्जियां अच्छी तरह से धोएं, अधपका या देर तक रखा हुआ भोजन न खाएं।'
बचाव के उपाय
मानसून के दौरान पेट की बीमारियों से बचाव के बारे में बता रहे हैं डॉक्टर मृदुल सी दास, जो गुरुग्राम स्थित नारायणा अस्पताल में कंसल्टेंट-पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट हैं।
स्वच्छ जल का इस्तेमाल: सबसे पहले ध्यान रखना होगा कि स्वच्छ पानी का प्रयोग बहुत-सी पेट की बीमारियों से बचाता है और अशुद्ध और कंटेमिनेटेड पानी बेहद गंभीर बीमारियां दे सकता है, इसलिए बाकी किसी भी हिदायत का पालन करने से पहले ध्यान रखें कि आप शुद्ध पानी प्रयोग में लाएं, पानी को उबाल कर ठंडा करके पिएं या वाटर फिल्टर का इस्तेमाल करें।
मौलिक साफ सफाई: खान-पान के साथ-साथ बहुत से संक्रमण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि आपके आस-पास कितनी साफ सफाई बरती जाती है, क्योंकि मौलिक साफ सफाई के बिना संक्रमण तेजी से फैलता है। ऐसे में साफ-सफाई बनाकर रखें।
बैलेंस्ड डाइट लें: अपने खाने में स्वाद के साथ-साथ पोषण और इम्यूनिटी पर ध्यान दें क्योंकि यह शरीर में रोगों से लड़ने में भी मदद करेगा। एक समय की मील में कार्बोहाइड्रेट 60 फीसदी, 20 से 30 फीसदी फैट और 10 से 20 फीसदी प्रोटीन मात्रा रखें। भोजन में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिन्स, मिनरल्स के साथ-साथ फाइबर जैसे पोषक तत्व भी होने चाहिए।
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तुरंत करें कंसल्ट: अकसर देखा गया है लोग पेट दर्द आदि के संबंध में मामूली घरेलू उपचार करके संतुष्ट हो जाते हैं लेकिन इन्हें गंभीरता से लिया जाना बेहद आवश्यक है, क्योंकि एक तरफ हमारे सामने मामूली पेट की गड़बड़ियां हैं, लेकिन इसी कड़ी में वायरस जनित ऐसी बीमारियां हैं, जिनका संक्रमण लिवर फेलियर तक ले जाता है। इसलिए वॉमिटिंग, दस्त, वॉमिट के साथ चक्कर आना, कुछ भी न पच पाना जैसे लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। केवल कोविड-19 से ही नहीं पेट की बीमारियों से बचने के लिए भी खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
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