Summer Disease : गर्मी में डिहाइड्रेशन, डायरिया, घमौरियां से हैं परेशान, तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार

Summer Disease :  गर्मी में डिहाइड्रेशन, डायरिया, घमौरियां से हैं परेशान, तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार
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Summer Disease : गर्मी के मौसम में वातावरण का तापमान बढ़ जाने के कारण डिहाइड्रेशन, डायरिया, घमौरियां, लू लगने या नकसीर जैसी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से लोग परेशान रहते हैं। इनसे बचाव और उपचार के लिए कुछ आसानी से उपलब्ध होने वालीं आयुर्वेदिक औषधियां कारगर हैं। इन्हीं आयुर्वेदिक उपायों के बारे में विस्तार से जानिए।

Summer Disease : गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप, लू (गर्म हवा) अपने साथ लेकर आता है-पसीना और उससे होने वाली स्किन प्रॉब्लम। इसके साथ ही डायरिया और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। कुछ एहतियात बरत कर इन पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। आयुर्वेद में इनके लिए कुछ सरल उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अमल में लाकर राहत मिल सकती है।




डायरिया और डिहाइड्रेशन

डायरिया, डिहाइड्रेशन होने की स्थिति में सुबह-शाम डेस्ट्रॉल और एमीबिका टैबलेट लें। 15-20 मिली. कुटजारिष्ट बराबर मात्रा में पानी में मिलाकर लें। उल्टियां होने पर अमृतधारा की 1-6 बूंदें पानी में घोल कर पिलाएं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए जूस या लिक्विड डाइट लें। शरीर को ठंडक प्रदान करने वाले खाद्य-पदार्थो जैसे-खीरा, तरबूज, फालसा और शीतल पेय या जूस जैसे-नारियल पानी, आम पना, खसखस, ठंडाई, नीबू पानी, लस्सी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। तरबूज, खरबूजा, अंगूर, पपीता जैसे फल खाएं।

-मूंग दाल की पतली खिचड़ी और दही या दही-चावल खाएं।

-दही में भुना-पिसा जीरा और नमक मिलाकर सुबह-शाम देना फायदेमंद है। दही में मैश किया या कटा केला मिलाकर खाना असरदार होता है। दही की लस्सी में एक-एक चुटकी पिसा जीरा, सोंठ और काली मिर्च का पावडर मिला कर लें। छाछ में पुदीना के कुछ पत्ते क्रश कर मिलाकर लेना भी लाभदायक होता है।

- कार्बोहाइड्रेट से भरपूर और सुपाच्य चावल का पानी पिएं।

- नमक और चीनी मिलाकर नीबू पानी पिएं।

- मिनरल्स से भरपूर नारियल पानी पिएं।

-रेडिमेड ओआरएस का घोल लें। घर में ही पानी में नमक-चीनी का घोल बना कर उपयोग कर सकते हैं।

-पुदीने के पत्ते क्रश कर निकले एक चम्मच रस में एक चम्मच शहद और नीबू का रस अच्छी तरह मिलाएं। यह मिश्रण दिन में 2-3 बार लें।

-एक छोटा चम्मच भुना-पिसा जीरे में एक चम्मच मिश्री मिलाकर पानी के साथ लें।

- सोंठ या मेथी का काढ़ा लें।

- ठंडे दूध में पानी मिलाकर पतला कर लें। इसमें चीनी और नमक मिलाकर पिएं।

-संतरे औैर अनार का जूस भी दिया जा सकता है। नमक लगाकर केला खाना भी फायदेमंद है।

-घिया या लौकी की रसदार सब्जी या जूस पीना फायदेमंद है।

-ठंडी तासीर वाला बेल का शर्बत और मुरब्बा भी ले सकते हैं। बेल, दस्त को रोकने में प्रभावी है।

-फ्रिज के पानी के बजाय घड़े का पानी पिएं।




घमौरियां

-पसीना आने पर उसे अच्छी तरह साफ करें। हो सके तो दिन में 2-3 बार नहाएं।

-किसी रूमाल में बर्फ के दो-तीन टुकड़े लेकर पैक बना लें। इसे प्रभावित जगह पर दिन में तीन-चार बार 5 मिनट के लिए लगाएं।

-चंदन का महीन पावडर, खसखस और थोड़ा-सा गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें। प्रभावित जगह पर दिन में दो बार लगाएं, सूखने पर ठंडे पानी से धो लें। चंदन पावडर में बेकिंग सोडा मिलाकर बना पेस्ट नहाने से आधे घंटे पहले लगाएं।

-मेंहंदी या नीम की पत्तियों को पीस कर शरीर पर लगाएं।

-नीबू के रस को पानी के साथ मिलाकर लगाने से आराम मिलेगा।

-कद्दूकस किए खीरे में एलोवेरा का रस मिलाकर पेस्ट बना लें। घमौरियों वाली जगह पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद धो लें। खीरे के रस में थोड़ा-सा नीबू का रस मिलाकर लगाएं।

-एलोवेरा का रस, गुलाब जल और नीबू का रस बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह मिलाकर लगाएं। 15 मिनट बाद धो लें।

- नहाने से आधा घंटा पहले, पानी मिलाकर बने आम की गुठली का चूर्ण उपयोग करें।

-थोड़े-से पानी में मुल्तानी मिट्टी 5-6 घंटे भिगोकर मुलायम पेस्ट बनाएं। इसमें 2-3 चम्मच गुलाब जल मिलाकर नहाने से पहले प्रभावित जगह पर कम से कम आधा घंटा लगाएं।

-ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। धूप में निकलने से पहले एक गिलास पानी जरूर पिएं।

फोड़े- फुंसियां

- खदीरारिष्ठ सिरप और पानी 4-4 चम्मच मिलाकर दिन में दो बार लें।

- पाव ग्राम मंजिष्ठादि चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लें।

- 50 ग्राम चिरायता, 50 ग्राम कुटकी को अलग-अलग पीस कर पावडर बना लें। इस पावडर को 4 दिन के लिए रात भर के लिए अलग-अलग भिगोएं। सुबह इस पानी को छान कर पिएं। ऐसा तकरीबन एक महीने तक करें।

-खटाई, मसालेदार भोजन और कब्ज करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

लू लगना

-सूती कपड़ा भिगोकर शरीर के चारों ओर लपेट लें और पंखे के सामने बैठें। इससे लू लगने पर आराम मिलेगा।

-प्याज या खीरे का रस पिएं।

-125 मिली. दूध, 375 मिली. पानी, बारीक पिसा 20 ग्राम खरबूजा अच्छी तरह मिलाएं। 30-30 मिनट के अंतराल पर मिश्री मिलाकर पिएं ।

-आम का पना पिएं।

-मिश्री मिलाकर दही का पानी या छाछ पिएं।

-मेहंदी के पत्ते पीस कर सिर पर लेप लगाने से आराम मिलेगा।

नकसीर

-चार सूखे हुए आलू बुखारा, 5 ग्राम इमली का पल्प, 5 ग्राम मिश्री को एक हांडी में रात भर के लिए एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह मसल कर छना हुआ पानी पिएं।

-गर्म तासीर के खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें। चाय-कॉफी, गुड़, सूखे मेवे जैसी चीजे न खाएं।

लेखिका - रजनी अरोड़ा

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