Rhea Chakraborty: सुशांत की बॉडी में ड्रग्स और दवाई लेने से हो रहे थे ये रिएक्शन, रिया ने इस सवाल पर साध ली थी चुप्पी

सुशांत सिंह राजपूत केस में एनसीबी (Narcotics Cotrol Bureau)ने रिया को गिरफ्तार कर लिया है। कई सबूतों के साथ इसके पीछे का कारण यह है कि रिया चक्रवती ने कुबुला है कि वे सुशांत के लिए ड्रग्स मंगवाती थी और वो भी ड्रग्स का सेवन करती थीं। रिया को इस बात की खबर थी कि सुशांत डिप्रेशन में हैं और उनका इलाज चल रहा है। ऐसे में सुशांत का ड्रग्स लेना उनके शरीर पर नेगेटिव असर पड़ रहा था।
इन केमिकल का सेहत पर क्या असर पड़ता है
मिली जानकारी के मुताबिक, रिया से जब पूछा गया कि सुशांता का साइकाइट्रिस्ट्स से इलाज चल रहा है और वो दवाइयां भी खा रहे हैं। इसके बावजूद भी उन्होंने सुशांत के लिए ड्रग्स का इंतजाम क्यों किया। जिसे आप अपना मानती हैं ऐसे में आप उसे दवाई देंगी या ड्रग्स। इस सवाल का रिया के पास कोई भी जवाब नहीं था। ऐसे खबरों के बाद से ही लोग सुशांत की मौत का जिम्मेदार रिया को मान रहे हैं। लोगों को कहना है कि रिया ही सुशांत की मानसिकता हालत बिगड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जो शख्स मेंटल हेल्थ की मेडिसिन ले रहा है और इसके साथ ही अगर वो ड्रग्स का भी सेवन कर रहा है। तो इसका सेहत पर क्या असर पड़ता है।
फ्लूनिल और इटिजोलम की दवा खा रहे थे
सुशांत की मेंटल हालत ठीक नहीं थी। जिसके लिए वे कई दवाओं के साथ फ्लूनिल और इटिजोलम की दवा खा रहे थे। यह दवाएं व्यक्ति के दिमाग में सेरोटॉनिन नामक केमिकल बढ़ाने का काम करती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेरोॉनिन बॉडी में एक न्यूरोट्रांसमीटर की तरह काम करता है। यह दिमाग को शांत रखता है और नेगेटिव सोच तो खत्म करने में मदद करता है। वहीं ड्रग्स हमारे बॉडी में जाकर इस सेरोटॉनिन न्यूरोट्रांसमीटर को कम सकती हैं और डोपामाइन के लेवल को बहुत ज्यादा कर देती है।
दोनों केमिकल एक दूसरे से विपरीत काम करते हैं
ऐसे में सुशांत की बॉडी में एक समय में दो अलग अलग तरह केमिकल जा रहे थे। जिसमें एक दवाई तो दूसरा ड्रग्स के रूप में। ये दोनों केमिकल एक दूसरे से विपरीत काम करते हैं। ऐसे में ये सुशांत के दिमाग में दवाएं सेरोटॉनिन बढ़ा रही थी और ड्रग्स डोपामिन को को जरूरत से बढ़ा रहा था।
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ऐसे में इंसान के लिए यह स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। ऐसे में इंसान रियल लाइफ से दूर इमेजिनेशन लाइफ में जीने लगता है। वहीं उन्हें तरह तरह की आवाजें आने लगती हैं। इस सिच्यूएशन को हेलूशिनेशन (Hallucination) कहा जाता है। वहीं अगर आपके आस पास भी किसी की दिमागी हालत ठीक नहीं है, तो उसका खास ध्यान रखें।
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