Health Tips: कोरोना रिकवरी के बाद स्वास्थ्य का रखें पूरा ध्यान, हेल्दी रहने के लिए अपनाएं ये टिप्स

Health Tips: कोरोना रिकवरी के बाद स्वास्थ्य का रखें पूरा ध्यान, हेल्दी रहने के लिए अपनाएं ये टिप्स
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Health Tips: हालांकि अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत धीमी हो गई है। नए आने वाले केसेस की संख्या काफी कम हो गई है और इससे संक्रमित अधिकांश रोगी तेजी से रिकवर भी हो रहे हैं। लेकिन कोरोना रिकवरी के बाद भी किसी तरह की लापरवाही खतरनाक हो सकती है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि रिकवरी के बाद अपनी हेल्थ की प्रॉपर केयर कैसे की जानी चाहिए?

Health Tips: पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कई वैरिएंट्स ने देश- दुनिया में करोड़ों लोगों को बीमार किया। इससे लाखों लोगों ने अपनी जान भी गंवाई। हाल में अपने देश में इसके ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) से भी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और कम संख्या में ही सही अभी भी लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि इससे संक्रमित हुए अधिकांश लोग रिकवर (Corona Recovery) हो रहे हैं लेकिन इस वायरस को कमजोर मानकर रिकवरी के बाद लावरवाही बरतना हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है। दरअसल, ओमिक्रॉन वैरिएंट भले ही लंग्स के अंदर नहीं जाता, लेकिन बाकी शरीर पर यह कई तरह के दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। इसमें स्पाइक प्रोटीन का एस-1 प्रोटीन, ब्लड क्लॉटिंग और पोस्ट कोविड प्रॉब्लम्स के लिए जिम्मेदार होता है। इस प्रोटीन से उत्पन्न होने वाली टॉक्सिसिटी आगे चलकर लॉन्ग कोविड (Long Covid) या पोस्ट कोविड इलनेस (Post Covid Illness) का कारण बन सकती है। अपनी इस स्टोरी में हम आपके लिए नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर फिजीशियन-डॉ. मोहसिन वली (Dr. Mohsin Wali) और इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट-डॉ. विनी कांतरू (Dr Viny Kantroo) से कोरोना रिकवरी के बाद सामने आने वाले लक्षण और उनसे बचाव के कुछ टिप्स लेकर आएं हैं। इन्हें फॉलो करके आप पोस्ट कोविज या फिर लॉन्ग कोविड जैसे समस्याओं से दूर रह कर हेल्दी रह सकते हैं।

दिख सकते हैं ये लक्षण

लॉन्ग कोविड से प्रभावित मरीज में कोरोना के कई लक्षण बने रह सकते हैं और उसे कई समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कुछ लोगों को 2-6 सप्ताह तक थकान, कमजोरी, मांसपेशियों और सिर में दर्द, दिल की धड़कन का बढ़ जाना, सांस लेने में कठिनाई, स्किन में बदलाव आना, बाल गिरना, डायरिया, नींद में कमी जैसी समस्याएं होती हैं। कुछ लोगों का कार्डियो-पल्मोनरी प्रोफाइल प्रभावित होता है। लंग्स में ऐसे बदलाव आते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है या थोड़ा-सा चलने पर सांस फूलने की समस्या होती है। हार्ट के कॉर्डिएक पैरामीटर-पेरिकराइटिस, मॉयोकराइटिस, इंडोकराइटिस में बदलाव आता है, जिससे कोरोना से रिकवर व्यक्ति की सांस फूलने लगती है। कई मामलों में व्यक्ति की ब्लड क्लॉटिंग की समस्या का पता नहीं चल पाता। ब्लड क्लॉटिंग से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की समस्या भी सामने आ सकती है। गैस्ट्रोएंटेस्टाइनल ट्रैक प्रभावित होने पर मरीज को पेट में दर्द, उल्टी, लूज मोशन होते हैं। मरीज में मूड स्विंग, डिप्रेशन, स्ट्रेस, ब्रेन फॉग, डर जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं, जिसे पोस्ट कोविड साइकोसिस या कोविड फोबिया कहा जाता है।

कैसे होता है डायग्नोज

लॉन्ग कोविड की पहचान के लिए थ्रंबोइलास्टोग्राफी स्कैन किया जाता है, जो बहुत स्पेशलाइज लैब में किया जाता है। इससे ब्लड में छुपे हुए वायरस की जांच होती है। इसके लिए डी डाइमर, सीआरपी, ब्लड काउंट जैसे टेस्ट भी किए जाते हैं, लेकिन उनसे लॉन्ग कोविड का सटीक तरीके से पता नहीं चल पाता है।

रिकवरी के बाद रहें एक्टिव

पोस्ट कोविड कमजोरी दूर करने के लिए 108543210 नंबर याद रखें और इस पर अमल करते हुए तरह एक्टिव रहें।

  • 10 यानी रिकवरी के बाद डेली कम से कम 10 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठें। ताजी हवा और धूप में कुछ समय बिताएं। इससे पेशेंट एनर्जेटिक और पॉजिटिव फील करेंगे। अपनी क्षमतानुसार एक्सरसाइज शुरू करें। शुरू में कमरे में टहलें, हल्का-फुल्का व्यायाम करें। एकदम से थका देने वाली और फास्ट एक्सरसाइज ना करें। घर पर ही ब्रीदिंग, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। 5-10 मिनट का वॉक घर पर ही कर सकते हैं। कंफर्टेबल होने पर ही धीरे-धीरे समय बढ़ाएं या बाहर जा सकते हैं। शुरुआत में बेहतर है कि ब्रिस्क वॉक, दौड़ने या जॉगिंग करने की जगह वॉक करें, जिसका टाइम और स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाएं। अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी प्राणायाम करें।
  • 8 यानी रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें। ऐसी हैबिट हार्मोनल मेटाबॉलिज्म रिजेनरेट करने, एनर्जी लेवल और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है।
  • 5 का मतलब है, रोजाना 5 तरह की फल-सब्जियों का सेवन करें। इनका सेवन ब्रेकफास्ट, ब्रंच या स्नैक्स के तौर पर कभी भी कर सकते हैं। इंफेक्शन से बचने के लिए खाली पेट नहीं रहना चाहिए और हाइड्रेट होना जरूरी है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से अगर खाना अच्छी तरह नहीं खा पा रहे हों, समुचित अंतराल पर स्मॉल मील लेना बेहतर है।
  • 4 यानी रोजाना हाई प्रोटीन-रिच पॉवर मील (ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर, बेड टाइम या ब्रंच टाइम में) का सेवन करें। लो कार्बोहाइड्रेट और लो फैट वाली चीजें लें। कोविड इंफेक्शन में होने वाले साइटोकाइन लॉस से बचाने में विटामिन सी मदद करती है। इसलिए सिट्रस फल, नीबू, अनानास ज्यादा लेने चाहिए। जंक फूड, फास्ट फूड, शर्करायुक्त बेकरी आइटम जैसे अनहेल्दी फूड अवॉयड करें।
  • 3 यानी दिन में कम से कम 3 लीटर शुगररहित लिक्विड का सेवन करें। हाइड्रेशन अच्छा होने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहतर है और ब्लड क्लॉट की संभावना कम होती है।
  • 2 यानी पूरे दिन भर में स्क्रीन टाइम 2 घंटे से भी कम रखें।
  • 1 यानी रोजाना घर पर ही अपने बच्चों के साथ कम से कम एक घंटा क्वालिटी टाइम बिताएं। परिवार के सदस्यों की भावनात्मक और व्यावहारिक सपोर्ट लें यानी अपने फैमिली मेंबर्स के साथ अच्छा समय बिताएं, और आपसी संबंध मजबूत करें। अपने को बिजी रखें और कोरोना के बजाय रचनातमक बातें करें। संभव हो तो कोविड से रिकवर हुए लोगों के साथ संपर्क करें और भयमुक्त होकर रिलैक्स करें।
  • 0 यानी हाई फैटी, सॉल्टेड फूड्स, सिगरेट-एल्कोहल का सेवन बिल्कुल ना करें। इनके सेवन से ब्लड प्रेशर ओर हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

लॉन्ग कोविड से बचने के उपाय

  • अगर आप कोरोना संक्रमण से हाल में या कुछ समय पहले रिकवर हुए हैं तो लॉन्ग कोविड से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। निश्चित टाइम के बाद रेग्युलर चेकअप जरूर करवाना चाहिए। गंभीर बीमारी के कारण कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों को रिकवरी के बाद 2-3 महीने तक रेग्युलर फॉलोअप और सेल्फ मॉनिटरिंग करें। पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल की जांच करते रहें। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट पेशेंट कोविड रिकवरी के बाद भी इसकी मेडिकेशन लगातार जारी रखें। कोविड से रिकवर होने के बाद कुछ समय के लिए कमजोरी, खांसी, सांस फूलना, हल्का बुखार हो सकता है, इससे घबराना नही चाहिए। खांसी अगर 10 दिन में ठीक ना हो, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। थर्मो-रेग्युलेटरी डिस्फंक्शन या इंफ्लेमेशन होने की वजह से वायरस ब्रेन के हाइपोथैलेमस में पहुंच सकता है, जिससे मरीज के शरीर का टैंपरेचर एक डिग्री ज्यादा यानी 97.4 से 98.4 डिग्री बढ़ जाता है। जो असल में बुखार नहीं होता है। पोस्ट कोविड में बुखार 3 महीने बाद नॉर्मल हो जाता है।
  • कोरोना रिकवर होने के बाद भी अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 से कम हो रहा है, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। यह फेफड़ों में पोस्ट कोविड क्लॉटिंग का संकेत हो सकता है। ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर को संपर्क करें।
  • पोस्ट कोविड साइकोसिस, ब्रेन फॉग दूर करने के लिए अपनी सोच पॉजिटिव रखें। पोस्ट कोविड स्ट्रेस को दूर करने और शरीर को रिलैक्स करने के लिए नियमित तौर पर मेडिटेशन करें। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड सेनिटाइजेशन का ध्यान रखें।

लेखक-रजनी अरोड़ा (Rajni Arora)

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