मानसून-कोरोना के दौर में स्किन का रखें खास ख्याल

मानसून के दौरान नम और उमस भरा मौसम त्वचा के पोरों को बंद कर कई समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है। बारिश में भीगने से त्वचा संबंधित कई समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। इस साल तो हमें दोगुनी सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि कोविड-19 के कई लक्षण त्वचा की विभिन्न समस्याओं के रूप में भी सामने आ रहे हैं।
त्वचा संबंधित प्रमुख समस्याएं
मानसून में फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन, रैशेज, मुंहासे, एक्जिमा जैसी त्वचा से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं।
फंगल इंफेक्शन: यह त्वचा की सबसे सामान्य समस्या है, जो अकसर गीले कपड़ों और पसीने के कारण होती है। हाथ के बगलों, जांघ के आस-पास, स्तनों के नीचे की त्वचा और पैरों की अंगुलियों के बीच यह संक्रमण सबसे अधिक होता है।
कैसे बचें:अगर आप बारिश में भीग गए हैं तो गीले कपड़े तुरंत बदल लें। नहाने के बाद शरीर को टॉवेल से पोंछकर अच्छी तरह सुखा लें। जिन क्षेत्रों में फंगल इंफेक्शन का खतरा अधिक है, वहां एंटी-फंगल पावडर लगा लें।
मुंहासे: मानसून में वातावरण में उमस बढ़ने से त्वचा की तेल ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। इससे त्वचा पर तेल और गंदगी अधिक मात्रा में जमा होने के कारण रोमछिद्र बंद होने का खतरा बढ़ जाता है। गंदी त्वचा बैक्टीरिया को भी अधिक मात्रा में आकर्षित करती है, जिससे त्वचा पर मुंहासे और फोड़े-फुंसी निकल सकते हैं।
कैसे बचें: त्वचा को हमेशा साफ रखें। चेहरे को दिन में 3-4 बार साफ पानी से धोएं। घर के बाहर चेहरे से अतिरिक्त ऑयल और गंदगी को निकालने के लिए वेट वाइप्स का इस्तेमाल करें।
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एक्जिमा:एक्जिमा में त्वचा लाल हो जाती है, सूजन आ जाती है और उसमें खुजली होती है। जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है, उन्हें अकसर मानसून में इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
कैसे बचें:साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। रोज कुनकुने पानी से नहाएं। त्वचा को सूखा रखें, क्योंकि नमी एक्जिमा को गंभीर बना सकती है। अगर खुजली ज्यादा हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
मानसून में ऐसे करें स्किन केयर
-चेहरे को दिन में 3-4 बार साफ पानी से जरूर धोएं, इससे अतिरिक्त तेल और गंदगी निकल जाएगी, जो रोमछिद्रों को बंद कर मुंहासों की समस्या को ट्रिगर कर सकती है।
-इस मौसम में ज्यादा प्यास नहीं लगती, लेकिन शरीर में जल का स्तर बनाए रखने के लिए रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
-पचने में आसान और पोषक भोजन का सेवन करें। अपनी डाइट चार्ट में साबुत अनाजों, फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें।
-कैफीन युक्त पेय पदार्थों जैसे चाय-कॉफी और तले-भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें, अधिक मात्रा में इनके सेवन से शरीर में हीट और टॉक्सिन की मात्रा बढ़ती है, जिससे त्वचा बेजान और अनाकर्षक हो जाती है।
-मानसून में अपने कपड़े और दूसरी निजी चीजें किसी से साझा न करें, क्योंकि त्वचा की कुछ समस्याएं संक्रामक होती हैं।
-इस मौसम में खुले-खुले फुटवेयर जैसे चप्पल या सैंडल पहनें, जूतों में पानी भरने के कारण फंगल इंफेक्शन और दूसरी समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है।
-हैंड हाइजीन का विशेष ध्यान रखें, जब भी जरूरी हो साबुन पानी से हाथ धो लें या सेनेटाइजर से हाथ साफ करें।
-ऑयल के बजाय वॉटर बेस्ड मेकअप प्रोडक्ट को चुनें, ताकि आपकी त्वचा सांस ले सके।
प्रस्तुति-शमीम खान
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कोविड-19 के त्वचा संबंधी लक्षण
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कई लोगों में त्वचा से संबंधित भी कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में यहां बताए जा रहे लक्षण दिखें तो इन्हें त्वचा संबंधी सामान्य समस्याएं समझकर नजरअंदाज न करें, ये आपके कोरोना संक्रमित होने का संकेत हो सकते हैं।
कोरोना फुट:कोरोना के संक्रमण के कारण कोरोना फुट की समस्या भी हो रही है। इसमें पैरों में रैशेज और चकत्ते पड़ जाना, उनमें दर्द होना, एलर्जी हो जाना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना फुट के लक्षण बच्चों में अधिक दिखाई दे रहे हैं।
कोविड टोज :अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, अभी पिछले कुछ दिनों से कोविड टोज के मामले सामने आ रहे हैं। यह कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे नवीनतम संकेत है, इसमें पैरों की अंगुलियां सूजकर लाल और जामुनी रंग की हो जाती हैं।
स्किन रैशेज:इटली में हुए एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना से संक्रमित 20 प्रतिशत लोगों में त्वचा से संबंधित लक्षण दिखाई दे रहे हैं, इनमें स्किन रैशेज प्रमुख हैं। हमारा शरीर वायरस के संक्रमण के प्रति जो प्रतिक्रिया देता है, उसके कारण स्किन रैशेज की समस्या ट्रिगर हो सकती है।
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