हर महिला को पता होना चाहिए इन बीमारियों के बारे में, समय रहते पहचानना और इलाज करवाना होता है जरूरी

वैजाइना में इरिटेशन, स्वेलिंग होना कॉमन है। लेकिन अगर ये समस्या ज्यादा दिन तक बनी रहे तो यह गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। वहीं आपको बता दें कि वैजाइन इंफेक्शन कई तरीके के होते हैं। यह एक नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं। जिसे हर महिला को पता होना जरूरी है। क्योंकि इसके लक्षण सही समय पर पहचानना और इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। इसी बीच आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
इतनी तरह के होते हैं वैजाइनल इंफेक्शन
- यीस्ट इंफेक्शन
- बैक्टीरियल वैजिनॉसिस
-ट्रायकोमोनियासिस
-क्लैमिडिया
- गोनोरिया
- नॉन-इनफेक्शियस वैजिनाइटिस
यीस्ट इंफेक्शन
यह एक कॉमन फंगस कैंडिडा के कारण होने वाला एक इंफेक्शन है। जो हॉर्मोनल इंबैलेस के कारण से होता है।
बैक्टीरियल वैजिनॉसिस
वैजाइना में गुड बैक्टीरिया लैक्टोबैसिलाई की संख्या कम और गार्डनेरेला बैक्टीरिया बढ़ने पर यह संक्रमण हो सकता है। इसके कारण सफेद पानी आता है, जिससे मछली जैसी बदबू आती है।
ट्रायकोमोनियासिस
यह महिलाओं को इंटरकोर्स के दौरान होने वाला यह सबसे आम इंफेक्शन है, जो ट्रायकोमोनास वैजिनैलिस नाम के पैरासाइट से होता है। इसकी वजह से वैजाइना में जलन, सूजन और लालपन की शिकायत होने लगती है।
क्लैमिडिया
क्लैमिडिया एक सेक्शुएली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन जो वैजाइना में इंफ्लेमेशन के कारण होता है। अगर सही समय पर इसका इलाज ना करवाया गंभीर बीमारी होने का डर रहता है। आपको बता दें कि 26 साल की उम्र में बार हर महिला को यह टेस्ट एक बार जरूर करवाना चाहिए।
गोनोरिया
यह बीमारी नीसीरिया गोनोरिया नाम के एक बैक्टीरिया से होती है। इसके बैक्टीरिया मुंह, गले, आंख, योनि में बढ़ते हैं।
नॉन-इनफेक्शियस वैजिनाइटिस
यह एक तरह की एलर्जी होती है। जिसके कारण वैजाइना में काफी परेशानी होती है। यह इंफेक्शन ज्यादातर स्किन सेंटेड पैड्स, खुशबूदार साबुन या फैब्रिक सॉफ्टनर के कारण हो जाती है।
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