जानें क्या है महिला नसबंदी और इसके फायदे- नुकसान, नहीं पड़ेगी गर्भनिरोधक गोलियों की जरूरत

जानें क्या है महिला नसबंदी और इसके फायदे- नुकसान, नहीं पड़ेगी  गर्भनिरोधक गोलियों की जरूरत
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गर्भनिरोधक गोलियां यानि बर्थ कंट्रोल पिल्स, जोकि सेहत के लिए भी काफी हानिकारक होता है। आपको बता दें कि ऐसे में महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए नसबंदी का सहारा भी ले सकती हैं। यह एक बेहतरीन गर्भनिरोधक उपाय है। जिसे ट्यूबेक्टोमी, ट्यूबेक्टोमी, ट्यूबल लिगेशन औरफीमेल स्टरलाइजेशन भी कहा जाता है। वहीं काफी महिलाएं इससे अनजान हैं। ऐसे में आज हम आपको इससे जुड़ी तमाम जानकारी देने जा रहे हैं।

अक्सर महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां खाती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां यानि बर्थ कंट्रोल पिल्स, जोकि सेहत के लिए भी काफी हानिकारक होता है। आपको बता दें कि ऐसे में महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए नसबंदी का सहारा भी ले सकती हैं। यह एक बेहतरीन गर्भनिरोधक उपाय है। जिसे ट्यूबेक्टोमी, ट्यूबेक्टोमी, ट्यूबल लिगेशन औरफीमेल स्टरलाइजेशन भी कहा जाता है। वहीं काफी महिलाएं इससे अनजान हैं। ऐसे में आज हम आपको इससे जुड़ी तमाम जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं महिला नसबंदी के बारे में।

क्या है महिला नसबंदी

यह एक ऐसा उपाय है जिसमें महिला का एक छोटा सा ऑपरेशन होता है। यह ऑपरेशन लोकल या रीजनल एनेस्थेटिक देकर किया जाता है। इसमें अंडे को अंडाश्य से गर्भाशय तक ले जाने वाली ट्यूब को बीच से काट दिया जाता है। जिससे अंडे यूट्रस तक नहीं पहुंच पाते हैं। इस ऑपरेशन के थोड़े समय बाद महिला को छुट्टी दे दी जाती है।

आपको बताते चलें कि यह ऑपरेशन 99 प्रतिशत सफल रहा है। इस ऑपरेशन को सीजेरियन और मिवी लैपरोटोमी टेकनीक द्वारा किया जाता है। वहीं डेवेलप्ड देशों में इसके लिए लैप्रोस्कोपिक नसबंदी और हिस्टोरोस्कोपिक ट्यूबल ओक्लुजन टेकनीक काफी प्रसिद्ध है।

अक्सर महिलाएं यह तब करवाती हैं जब वे इच्छानुसार बच्चे पैदा कर चुकी होती हैं। 30 या 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं इस प्रक्रिया का सहारा लेती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आप यह तरीका तभी चुनें आप शारीरिक और मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हों।

इन सावधानियों का रखें ध्यान

- सर्जन के पास टाइम टू टाइम जाती रहें।

- दवाईयों का कोर्स पूरा करें।

- किसी तरह करी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

- ऑपरेशन होने के बाद कम से कम 7 दिन तक फिजीकल होने से बचें।

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ये हैं फायदे

- गर्भनिरोधक रोकने के लिए यह एक स्थायी उपाय है।

- असफलता के दर बहुत कम होते हैं।

- गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन की तरह साइड इफैक्ट होने का कम खतरा होता है।

- अंडाशय का कैंसर होने का खतरा कम होता है

जानें इसके नुकसान

- स्थायी प्रकिया होने के कारण इसे बदला मुश्किल है।

- ऑपरेशन फैल होने पर गर्भ बाहर ठहरने की आंशका रहती है।

- चीरे वाली जगह इंफेक्शन होने का भी डर रहता है।

- ऑपरेशन फैल होने पर महिलाएं प्रेग्नेंट भी हो सकती हैं।

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