हर किसी को पता होना चाहिए पेरिटोनियल कैंसर के बारे में, चौंका देगी आपको इसकी ये बात

भारत में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। वहीं यह बीमारी महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नैशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फार्मैटिक्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल कैसर से 6.8 लाख पुरूष और 7.1 लाख महिलाएं प्रभावित हुए हैं। बताया जा रहा है कि साल 2025 तक 7.6 पुरूष और 7.6 महिलाएं कैंसर का शिकार हो सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैंसर 100 तरह के होते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ओवेरियन कैंसर, ओरल कैंसर, कोलोरेक्टर कैंसर के मरीज देखने को मिलते हैं। इन्ही में पेरिटोनियल कैंसर भी शामिल है। इसी बीच आज हम आपको इस बीमारी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं।
यह एपिथील्यल सेल्स की परत में डेवल्प होता है जो कि पेट की भीतरी दीवार को ढकने वाली एक पतली परत होती है। इसे लाइनिंग को 'पेरिटोनियम' कहा जाता है। इसीलिए इस कैंसर को पेरिटोनियल कैंसर कहा जाता है। इसमें ज्यादा हैरानी की बात यह है कि इस बीमारी के बारे में तभी पता लगता है जब मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। यह पेशेंट पेरिटोनियल कैंसर के लास्ट स्टेज में होता है।
यह हैं लक्षण
- पेट में अकसर दर्द रहना
- पेट से खून बहना
- यूरिन में बदलाव
- मल त्याग में परिवर्तन
- वैजाइनल डिस्चार्ज
- ज्यादा खाए बिना पेट भरा रहना
- वेट में बदलाव होना
- खट्टी डकार
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जानें इसके इलाज के बारे में
मिली जानकारी के मुताबिक यह बहुत ही खतरनाक कैंसर होता हो। इसका पहले चरण में पता लगाना बुत ही मुश्किल होता है। समय पर इस बीमारी का पता लग जाने पर ही कैंसर से बचा जा सकता है। इस लिए लोगों को समय समय पर अपना चेकअप करवाते रहना चाहिए।
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