World Aids Day 2019: विश्व एड्स दिवस की थीम, इतिहास और HIV/AIDS की पूरी जानकारी

World Aids Day 2019: विश्व एड्स दिवस की थीम, इतिहास और  HIV/AIDS की पूरी जानकारी
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  • World Aids Day 2019: विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है। विश्व एड्स दिवस 2019 की थीम 'एचआईवी / एड्स महामारी समाप्त: समुदाय से समुदाय तक' (World Aids Day Theme 2019 Ending the HIV/AIDS Epidemic: Community by Community) रखी गई है।
  • विश्व एड्स दिवस का इतिहास, एचआईवी एड्स के कारण, एचआईवी एड्स के लक्षण, एचआईवी एड्स का उपचार और एचआईवी एड्स की सावधानियों (HIV AIDS Causes, Symptoms, Treatments, Precautions) के बारे में हर किसी को पता होना चाहिए, इसलिए विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
  • हर साल विश्व एड्स दिवस एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने और पीड़ित व्यक्ति के साथ होने वाले भेदभाव को मिटाने के लिए मनाया जाता है। एड्स यौन संक्रामक बीमारी है, जो धीरे-धीरे महामारी का रूप ले रही है। ऐसे में आज हम आपको HIV/AIDS की पूरी जानकारी दे रहे हैं।

World Aids Day 2019 : मानव तंत्र की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाली लाइलाज बीमारी को ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) या एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) कहा जाता है। ये एक जानलेवा संक्रामक बीमारी है, इसलिए हर साल एड्स से जुड़ी जानकारी के प्रति जागरुक करने के लिए फैलाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एचआईवी परीक्षण सप्ताह (16 से 22 नवंबर, 2019) तक चलाया जाता है, जबकि 1 दिसंबर को विश्व स्तर पर सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको एचआईवी क्या है, एचआईवी के कारण और एचआईवी के लिए खुद टेस्ट करने के तरीके बता रहे हैं।


What Is HIV / AIDS ? एचआईवी एड्स क्या है ?

एचआईवी एक जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। जिसे ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है। जबकि इसे आम बोलचाल में एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम बोला जाता है। इस बीमारी में जानलेवा इंफेक्शन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है। जिससे शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी अक्षम होने लगता है। ये तीन चरणों (प्राथमिक चरण, चिकित्सा विलंबता होना और एड्स) में होने वाली बीमारी है।

विश्व एड्स दिवस का इतिहास World Aids Day History

हर साल विश्व एड्स दिवस दिसंबर माह की पहली तारीख यानि 1 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 1988 में WHO में एड्स की जागरुकता अभियान में शामिल दो सार्वजनिक सूचना अधिकारियों जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेट्टर ने एचआईवी के खिलाफ एकजुट होने के उद्देश्य से की थी।

शुरुआती सालों में विश्व एड्स दिवस का विषय बच्चों और युवाओं पर केंद्रित था जबकि इससे हर उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में साल 1996 में HIV / AIDS (UNAIDS) पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभाला और 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर किया गया।

विश्व एड्स दिवस का लोगो World Aids Day Logo

संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व एड्स दिवस के प्रतीक (लोगो) के रुप में लाल रिबन की एक नॉट को मान्यता दी है। इसलिए हमेशा एड्स संबंधी सभी जानकारी और पोस्टर आदि पर रेड रिबन की नॉट जरुर बनाई जाती है।

विश्व एड्स दिवस का महत्व World Aids Day Importance

यूके में 101,600 से अधिक लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं। विश्व स्तर पर, अनुमानित 36.7 मिलियन लोग हैं जो एचआईवी वायरस से पीड़ित हैं। साल 1984 में वायरस की पहचान होने के बाद से अब तक लगभग 35 मिलियन से अधिक लोग एचआईवी यानि एड्स से मर चुके हैं, जो इसे इतिहास में सबसे विनाशकारी महामारी के रुप में स्थापित कर रहा है। एचआईवी की गंभीरता को देखते हुए दुनिया के सभी देश इससे पीड़ित लोगों के लिए बेहतर उपचार व्यवस्था के साथ सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए कई तरह के कानूनों को समय समय पर लागू भी करती हैं। इसके साथ ही विश्व एड्स दिवस वैश्विक स्तर पर लोगों को एड्स पीड़ितों की (धन, शिक्षा और जागरुकता) के माध्यम से मदद करने की याद दिलाती है।


HIV/AIDS Causes एचआईवी एड्स के कारण

1. HIV वायरस वाले खून के चढ़ाने पर

2. समलिंगी और असुरक्षित यौन संबंध

3. HIV वायरस मां के शिशु को जन्म या स्तनपान करवाने पर


HIV/AIDS Symptoms / एचआईवी एड्स के लक्षण

गले में खराश होना

लंबे समय तक खांसी रहना

बार-बार सांस फूलना

लंबे समय तक बुखार रहना

सरदर्द रहना

मांसपेशियों में दर्द रहना

रात को सोते समय पसीना आना

शारीरिक कमजोरी आना

तेजी से वजन घटना

त्वचा पर लाल चकत्ते

लगातार दस्त होना

मुंह के छालें

गर्दन पर सूजन लिम्फ ग्रंथियां

धुंधला दिखाई देना


HIV/AIDS Test Process / एचआईवी एड्स टेस्ट करने का तरीका

1. G.P Test

अगर पिछले कुछ समय से आपके शरीर तेजी से एचआईवी के लक्षण दिखाई देने लगे हैं, तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर नि: शुल्क जीपी एचआईवी टेस्ट करवाएं।इस टेस्ट में आपकी लार और खून का सेंपल लेकर टेस्ट के लिया लैब भेजा जाता है। ये टेस्ट आपके शरीर में एड्स के वायरस होने की पुष्टि करने और आगे के उपयुक्त इलाज को आसान बनाने में कारगर साबित होता है। अगर ये टेस्ट आप इंफेक्शन होने के 72 घंटे के अंदर करवाते हैं, तो दवाओं से इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। आप ये टेस्ट अपने खर्चे परभी प्राइवेट हॉस्पिटल में भी करवा सकते हैं।

2. यौन स्वास्थ्य क्लिनिक पर जाएं

अगर आपको शरीर में यौनि संबंधी समस्या और यौन इंफेक्शन का खतरा महसूस होता है, तो ऐसे में आप एक अच्छे यौन स्वास्थ्य क्लिनिक में जाकर स्टैंड अलोन टेस्ट या एक यौन स्वास्थ्य क्लिनिक पर जाएँ: आप एक यौन स्वास्थ्य क्लिनिक में या तो स्टैंडअलोन परीक्षण या कॉम्प्रेरिहेसिव एसआईटी टेस्ट में क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे इंफेक्शन की जांच करवाएं। इसके अलावा आप चैरिटी में एड्स टेस्ट में भी अपना टेस्ट करवा सकते हैं।

3. घर पर एचआईवी टेस्ट किट

अगर आप किसी हॉस्पिटल या क्लिनिक में जाकर टेस्ट करवाने से झिझक महसूस कर रहे हैं, तो ऐसे में आप घर पर एचआईवी टेस्ट किट के माध्यम से भी आप अपनी लार और खून के सैंपल को पोस्ट के जरिए क्लिनिक भेज सकते हैं और फोन या टेक्स्ट मैसेज से अपना रिजल्ट जान सकते हैं।

HIV / AIDS Precautions / एचआईवी एड्स की सावधानियां

1. एचआईवी इंफेक्शन से बचने के लिए हर बार यौन संबंध बनाने से पहले कंडोम का सही उपयोग करें।

2. यौन संबंध बनाने से पहले या उसके दौरान किसी भी प्रकार की दवाओं को इंजेक्ट न करें।

3. एचआईवी का वायरस पीड़ित व्यक्ति के शरीर में मौजूद तरल पदार्थ में फैलता है ये तरल पदार्थ रक्त, वीर्य, पूर्व-वीर्ययुक्त तरल पदार्थ, मलाशय के तरल पदार्थ, योनि तरल पदार्थ और स्तन के दूध को प्रभावित करता है।

4. एचआईवी का वायरस ट्रांसमिटिड ब्लड या रियूज इंजेक्शन सिंरिंज के जरिए भी फैल सकता है, इसलिए हमेशा ब्लड लेते समय नई सिरिंज का ही उपयोग करें।

5. PrEP उपचार से एचआईवी इंफेक्शन को कम करने में मदद मिलती है। इसमें हर दिन एक विशिष्ट एचआईवी दवा लेना शामिल होता है।

6. एचआईवी वायरस हाथ मिलाने, साथ खाना खाने और साथ रहने से दूसरे में नहीं फैलता है, इसलिए एचआईवी पीड़ित से भेदभाव करने से बचें।

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