विश्व रक्तदान दिवस 2020 : एक्सीडेंट से रोज मरते हैं 3700 लोग, समय पर खून मिलने से बच सकती है 2 हजार की जान

विश्व रक्तदान दिवस 2020 : एक्सीडेंट से रोज मरते हैं 3700 लोग, समय पर खून मिलने से बच सकती है 2 हजार की जान
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World Blood Donor Day 2020 : कई मामलों में जीवन बचाने के लिए रोगी को रक्त की जरूरत होती है। लेकिन अकसर पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध नहीं होता है। इसके क्या कारण हैं और इससे जुड़े भ्रम की सच्चाई क्या है?

World Blood Donor Day 2020 : आपको शायद पता न हो कि दुनिया में हर दिन करीब 3700 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। इनमें से करीब 2000 लोग बचाए जा सकते हैं, लेकिन वे इसलिए नहीं बच पाते, क्योंकि दुर्घटना के बाद तुरंत होने वाले इलाज के समय उनमें खून चढ़ाने की जरूरत होती है और खून समय पर मिल नहीं पाता।

हर साल दुनिया में जो 13 लाख 50 हजार लोग रोड एक्सीडेंट के चलते मारे जाते हैं, उनमें से कई लाख बच सकते हैं अगर समय पर उन्हें खून मिल जाए। सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं में ही नहीं तमाम दूसरी बीमारियों में भी रक्त अनुपलब्धता के कारण होने वाली मौतों को देखें तो यह आंकड़ा हैरान करने वाला है। दुनिया में हर दिन करीब 1 लाख 50 हजार लोगों की मौत होती है, जिसमें 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत का कारण खून की अनुपलब्धता से जुड़ी होती है।

रक्तदान की है जरूरत

इन हर तरह की मौतों में रक्तदान बड़े पैमाने पर कमी ला सकता है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी देश में उतना रक्तदान नहीं हो पाता, जितने रक्त की हर समय जरूरत होती है। दुनिया में करीब 10 करोड़ लोग हर साल रक्तदान करते हैं। जबकि भारत में बमुश्किल 50 से 55 लाख लोग ही हर साल रक्तदान करते हैं। देश को हर साल तमाम तरह की बीमारियों और दुर्घटना में घायल लोगों को बचाने के लिए 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा ब्लड यूनिट की जरूरत पड़ती है, लेकिन हर साल करीब 90 लाख यूनिट ही हमारे यहां रक्त एकत्र हो पाता है, जिसका साफ-सा मतलब है कि हर साल करीब 30 लाख लोगों को खून की जरूरत के समय नहीं मिल पाता, इसमें से बड़ी संख्या में लोग मर जाते हैं।

न रहें भ्रम में

रक्तदान से किसी किस्म का नुकसान नहीं होता बल्कि उल्टे इससे कई किस्म के फायदे होते हैं। मसलन जो स्वस्थ लोग साल में एक या दो बार रक्तदान करते हैं, उनको हार्टअटैक की आशंका कम होती हैं। रक्तदान करने से वजन भी कम होता है। इससे शरीर में एनर्जी आती है और लीवर से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। इससे आयरन की मात्रा को बैलेंस कर सकते हैं और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। रक्तदान को लेकर धारणा यह भी बनी हुई है कि गर्मियों में रक्तदान करने से शारीरिक समस्याएं बढ़ जाती हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि देश में रक्तदान को जितना ज्यादा हो सके, प्रमोट करना चाहिए। तभी बड़े पैमाने पर होने वाली असमय मौतों को रोक सकते हैं।

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