World Cancer Day 2022: महिलाओं में कॉमन 5 तरह के होते हैं कैंसर, ये हैं इनके शुरुआती लक्षण, अनदेखी पर बढ़ जाता है खतरा

कैंसर उन घातक बीमारियों में एक है। जिसके होने पर मरीज खुद को मौत के पास मान लेता है। इसकी वजह अक्सर कैंसर का लास्ट स्टेज में पता लगना भी होता है, लेकिन डॉक्टर्स की मानें तो शुरुआत में ही कैंसर का पता लगने पर इसका ट्रीटमेंट (Cancer Treatment) किया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर महिलाएं कैंसर की वजह से होने वाले शारीरिक परिवर्तनों पर ध्यान नहीं देती हैं। जिसकी वजह से यह बढ़ जाता है। महिलाओं की अक्सर इसी अनदेखी को लेकर इस वर्ष वर्ल्ड कैंसर डे की कैंपेन थीम 'क्लोज द केयर गैप' (Close The Care Gap) रखी गई है, जो लोगों में कैंसर के प्रति अवेयर रहने को प्रेरित करती है। हम आपको बता रहे हैं महिलाओं में होने वाले कुछ कॉमन कैंसर और इनके लक्षणों के बारे में।
दरअसल, अधिकतम महिलाएं अपनी सेहत को लेकर लापरवाह होती हैं। दरअसल, उनकी प्राथमिकता में वे खुद नहीं, उनका परिवार और पारिवारिक जिम्मेदारियां होती हैं। इसीलिए वे रेग्युलर हेल्थ चेकअप (Regular Health Checkup) नहीं करातीं। यही नहीं शरीर में कुछ एब्नॉर्मलिटीज दिखने पर भी उसे इग्नोर करती रहती हैं। बीमारियों के बढ़ते दायरे को देखते हुए इनका सही समय पर डायग्नोसिस और उपचार कराना जरूरी है। कैंसर ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय पर डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट ना करने पर यह जानलेवा साबित होती है। इस बारे में हर महिला को पूरी तरह अवेयर होना चाहिए।
क्या होता है कैंसर
शरीर की स्वस्थ और सामान्य कोशिकाएं विकास, विभाजन और नष्ट होने के एक नियमित चक्र से गुजरती हैं। जब कोशिकाएं बीमार हो जाती हैं तो यह चक्र टूट जाता है, तब कोशिकाएं लगातार विकसित और विभाजित होती रहती हैं। ये असामान्य कोशिकाएं एक जगह इकट्ठी होकर ट्यूमर बना लेती हैं, जो एक उभार या गांठ का रूप ले लेता है।
कैंसर के स्टेज
कैंसर ज्यादातर दो प्रकार का होता है, प्राइमरी और सेकेंडरी। जब कैंसरयुक्त ट्यूमर शरीर के जिस भाग में विकसित होता है, वहीं तक सीमित रहे तो इसे प्राइमरी कैंसर कहते हैं। जब कैंसरयुक्त ट्यूमर, शरीर के किसी एक भाग में विकसित होता है और वहां से मूव करके किसी दूसरे भाग में फैल जाता है तो उसे सेकेंडरी या मेटास्टेटिक ट्यूमर कहते हैं। इसी तरह उसके मेटास्टेसिस होकर दूसरे अंगों और भागों तक पहुंचने की कंडीशन को थर्ड और फोर्थ स्टेज कहा जाता है। महिलाओं में होने वाले प्रमुख कैंसर में शामिल हैं -स्तन कैंसर, सर्विक्स कैंसर, ओवरी कैंसर, यूटेरस कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर।
ये हैं शुरुआती लक्षण
कैंसर के उपचार का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम यह है कि शरीर में किसी भी प्रकार की असामान्यता दिखे तो उसे इग्नोर ना करना। आपको इन प्रमुख कैंसरों के शुरुआती लक्षणों को अच्छी तरह जान लेना चाहिए।
स्तन कैंसर
स्तन में गांठ होना, निप्पल से डिस्चार्ज होना, स्तन या स्तनों के आकार में बदलाव होना, बगल में सूजन या गांठ होना, निप्पल के आकार या त्वचा में बदलाव, स्तन या स्तनों की त्वचा पर चकते या खुजली होना, स्तन में दर्द होना।
सर्विक्स कैंसर
शारीरिक संबंध बनाने के बाद, दो पीरियड्स के बीच में या मेनोपॉज के बाद वैजाइना से ब्लीडिंग होना, वैजाइना से चिपचिपा द्रव निकलना जिसमें रक्त हो और तेज गंध हो, पेल्विक एरिया में दर्द होना, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान दर्द होना।
ओवरी कैंसर
पेट में दर्द और पेट फूलना, बिना किसी कारण के वज़न कम होना, थोड़ा सा खाना खाते ही पेट भरा हुआ होने का अहसास होना, थकान और कमर में दर्द होना।
यूटेरस कैंसर
मेनोपॉज के बाद वैजाइना से ब्लीडिंग होना, दो पीरियड्स के बीच में वैजाइना से ब्लीडिंग होना, पेल्विक एरिया में दर्द होना।
कोलोरेक्टल कैंसर
बार-बार कब्ज होना या दस्त लगना, मल में रक्त आना, पेट में मरोड़ होना और गैस बनना, पेट साफ ना होना, थकान और कमजोरी महसूस होना, बिना किसी कारण के ही वजन कम होना। यहां बताए गए लक्षणों के बारे में अच्छी तरह समझ लें और इनमें से कोई भी दिखने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें, ताकि समय पर ट्रीटमेंट शुरू किया जा सके।
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