नियमित करें योगाभ्यास हृदय रहेगा स्वस्थ

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए योग एक कारगर उपाय है। स्वस्थ व्यक्ति ही नहीं, हार्ट डिजीज से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी नियमित तौर पर कुछ सरल आसन करना लाभकारी है। ये आसन खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हैं, हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बैलेंस रखते हैं, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखते हैं, हार्ट टिशूज को हेल्दी रखते हैं, हार्ट आर्टरीज और वॉल्व की समस्याओं को कम करने में सहायक हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम :कमर सीधी करके बैठ जाएं। बाएं नासा छिद्र से धीरे-धीरे लंबी सांस अंदर लें और दाईं तरफ से सांस धीरे-धीर बाहर छोड़ें। इसे 10 बार करें। फिर इसे दूसरी तरफ से करें। दिन में 3-4 बार करें।
ताड़ासन
पहले सीधे खड़े हो जाएं। हाथ सिर के ऊपर धीरे-धीरे ले जाएं और पैरों की एड़ी उठाकर पंजों के बल खड़े हो जाएं। इनके साथ ही धीरे-धीरे गहरी सांस लेते जाएं। हाथ ऊपर पहुंचने पर 5-10 सेकेंड के लिए सांस रोक कर रखें। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस आ जाएं। बड़ी उम्र के लोग या बीमार व्यक्ति अगर पंजों के बल नहीं खड़े हो सकते, सीधे खड़े होकर आसन कर सकते हैं।
अर्द्ध कटिचक्रासन
यह आसन खड़े होकर या बैठकर कर सकते हैं। दोनों हाथों को कमर पर रखें। ध्यान रखें कि अंगूठा पीछे की तरफ हो। गर्दन को धीरे-धीरे पीछे की तरफ उतना झुकाएं, जितना बॉडी बैलेंस रखते हुए आराम से कर पाएं। धीरे-धीरे सांस लेते हुए गर्दन से शुरू करते हुए कमर तक पीछे की ओर झुकाएं। 5-10 सेकेंड तक सांस रोकें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस पहली पोजिशन में आ जाएं।
भुजंगासन
पेट के बल लेटकर दोनो हाथों को कंधे के नीचे कोहनी मोड़ कर रखें। दोनो कोहनियों को शरीर से सटाकर रखें। सांस अंदर लेते हुए गर्दन धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाएं और ऊपर एक पाइंट पर देखते रहें। कमर तक स्ट्रेच करते हुए उठें। कुछ देर इसी पोजिशन में रहें और डीप ब्रीदिंग करें। धीरे से सांस छोड़ते हुए वापस आएं।
गोमुखासन
वज्रासन या आराम से बैठ जाएं। कमर सीधी रखें। दायां हाथ ऊपर कंधे से पीठ की तरफ ले जाएं और बायां हाथ नीचे कमर से पीठ की तरफ लेकर जाएं। दोनों हाथ पकड़ें।
वक्रासन
कमर सीधी रख कर बैठ जाएं। पैर सामने फैलाएं। दायां घुटना मोड़ कर टांग थोड़ी ऊपर लाएं। दायां हाथ पीठ के पीछे जमीन पर रखें। सांस अंदर लेते हुए बाएं हाथ को घुटने के ऊपर से घुमाते हुए पूरे शरीर को पीछे रखे। दाएं हाथ की तरफ मोड़ें। 5-10 सेकेंड रुकें, फिर धीरे-धीरे पहली पोजीशन में आ जाएं, फिर दूसरी तरफ करें।
ओम उच्चारण
आखिर में ओम का उच्चारण करना बहुत जरूरी है। यह एक तरह का मेडिटेशन है। ओम को 3 हिस्सों में बांटकर आसन करें-आ, ऊ और म। आ और ऊ हार्ट के लिए महत्वपूर्ण है। किसी भी पोजिशन में कमर सीधी रखकर आराम से बैठ जाएं। लंबी सांस लेकर पूरा पेट फुला लें। आ का उच्चारण करते हुए सांस बाहर निकालें और पेट को अंदर खींचें। ऊ करते हुए छाती को रिलेक्स करते हुए म के उच्चारण के साथ वापस पोजिशन में आ जाएं।
बरतें सावधानी
-योगासन करने में जल्दबाजी न बरतें। धीरे-घीरे करें।
-ये आसन योगाचार्य की देख-रेख में ही करने चाहिए।
-हार्ट को हेल्दी रखने के लिए रोजाना करीब आधा घंटा योगासन करना फायदेमंद है। दिन में आप किसी भी समय कर सकते हैं, बशर्ते खाना खाने के बाद या पहले कम से कम ढाई घंटे का अंतराल जरूर हो।
-सर्दी के मौसम में कम तापमान की वजह से होने वाली हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए यथासंभव दो बार योगासन करना बेहतर है।
-वे हृदय रोगी, जिनकी पिछले 6-7 दिन पहले हार्ट सर्जरी होती है या एक सप्ताह के बाद हार्ट सर्जरी होने वाली हो। अगर मरीज की हार्ट आर्टरीज में ब्लॉकेज ज्यादा है, तो उन्हें ये योगासन अवायड करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति की हाल-फिलहाल में कोई दूसरी सर्जरी भी हुई हो, तो उन्हें ये योगासन नहीं करने चाहिए।
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