Children's Day 2021: अगर आपके बच्चे की भी उम्र है 8-12 तो बाल रोग विशेषज्ञ से जानें किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

सभी पैरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे (Children) पूरी तरह स्वस्थ रहें, उन्हें कभी किसी तरह की कोई स्वास्थ्य संबंधी (Health Related) समस्या न हो। इसके लिए जरूरी है कि बचपन से ही उनका पूरा ध्यान रखा जाए। खासकर बढ़ती उम्र यानी 8-12 साल के बच्चों का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। असल में इसी उम्र को ग्रोइंग एज (Growing Age) कहा जाता है। इस दौरान बच्चों की डाइट (Diet), लाइफस्टाइल (Lifestyle) और आउटडोर एक्टिविटी (Outdoor Activity) का ध्यान रखा जाए तो उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा, अच्छी ग्रोथ होगी।
डेली रूटीन सेट करें
बच्चों का डेली रुटीन सेट करना बहुत जरूरी है। उन्हें हमेशा 'अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज, मेक्स ए मेन हेल्दी, वेल्दी एंड वाइज' पर अमल करना सिखाएं। बचपन से ही रात में दस से साढ़ दस बजे तक सोने और सुबह 6-6.30 बजे तक उठने की हैबिट डलवाएं। 7-8 घंटे की साउंड स्लीप (गहरी नींद) लेने से बच्चे दिन भर एक्टिव रहते हैं। इससे उन्हें पढ़ाई में मन लगाने में मदद मिलेगी। नींद की ही तरह खान-पान का समय भी निर्धारित होना चाहिए। खासकर डिनर सोने से कम से कम 2 घंटे पहले जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से खाना आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है और उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। इसी तरह बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी के लिए भी मोटिवेट करें। गेम्स खेलने से बच्चे फिजिकली स्ट्रॉन्ग होते हैं, स्ट्रेस या टेंशन रिलीज होता है। एक्टिविटी न करने से बच्चों में मोटापा या अन्य बीमारियां उन्हें घेर सकती हैं।
हाइजीन को लेकर रहें अलर्ट
मौसम चाहे गर्मी का हो या सर्दी का, बच्चों को रोज नहाना और साफ-सुथरी ड्रेसेस पहनने चाहिए। पर्यावरण में मौजूद धूल-मिट्टी के कण और जर्म्स हमारे कपड़ों पर चिपक जाते हैं। यह शरीर की गर्मी से विकसित होकर कई बीमारियों का कारण बनते हैं। इनसे फंगल इंफेक्शन, जलन, खुजली, रैशेज, फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं हो जाती हैं। बालों को फंगल इंफेक्शन से बचाने के लिए सप्ताह में 2-3 बार जरूर धोने चाहिए।
ओरल हेल्थ (Oral Health)
बच्चों को ओरल हाइजीन को लेकर जरूर कॉन्शस रहना सिखाएं। दांतों की सफाई के लिए 2-2-2 का फॉर्मूला फॉलो करने के लिए कहा जाता है। इसका मतलब है दिन में 2 बार (सुबह-रात को सोने से पहले) कम से कम 2 मिनट तक ब्रश करो और पूरे साल में 2 बार डेंटल चेकअप कराना चाहिए। दांतों की सही केयर करने से बच्चों को भविष्य में भी दांत संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आंखों का रखें ध्यान
बच्चों की आई साइट का ध्यान रखा जाना बहुत जरूरी है। अगर उनकी आंखें कमजोर हैं, तो रेग्युलर स्पेक्स पहनने को कहें। पढ़ाई डिजीटेलाइजेशन होने के कारण उनका स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। इसे लिमिट किया जाना जरूरी है। आप इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे न तो लेटकर पढ़ें और न ही टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल देखें। इससे आंखों पर स्ट्रेन पड़ता है। अगर बच्चे कंप्यूटर पर ज्यादा समय बिताते हैं तो उसकी स्क्रीन की ब्राइटनेस और कॉन्ट्रास्ट को एडजस्ट करके रखें। ऐसा ही मोबाइल और टीवी की स्क्रीन के साथ भी करें। ऐसा करने से बच्चों की आंखों को नुकसान कम होगा। कमरे और टेबल पर लाइट की उचित व्यवस्था रखें।
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