World Heart Day: अपने दिल को रखना चाहते हैं हेल्दी और जवान तो रोज करें ये योगासन, सेहत को भी होगा लाभ

World Heart Day 2022: हेल्दी हार्ट के लिए अच्छी डाइट के साथ ही फिजिकल एक्टिविटी का भी बड़ा रोल होता है। अगर आप कुछ आसनों की रेग्युलर प्रैक्टिस करें तो आपका हार्ट हेल्दी रहेगा। इन आसनों और इनके लाभों के बारे में योगा एक्सपर्ट विकास सबकुछ जानिए। हेल्दी हार्ट के लिए न्यूट्रिशस डाइट के साथ ही फिजिकली एक्टिव रहना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आप अपने डेली रूटीन में कुछ योगासन (tips for healthy heart) शामिल कर सकते हैं। इन योगासनों को रेग्युलर (yoga for better heart) करने से आपका हार्ट हेल्दी रहेगा।
- बितिलासन
विधि : इस आसन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर दोनों घुटनों को टेककर बैठ जाएं। अब सामने की तरफ झुकें और हथेलियों को जमीन पर रखें। इसके बाद कूल्हों को उठाएं। इस स्थिति में आपके हाथ और जांघ दोनों एक ही ऊंचाई पर होने चाहिए। वहीं घुटनों से 90 डिग्री का कोण बनना चाहिए। अब लंबी गहरी सांस लें और सिर को ऊपर की तरफ उठाएं। अपने नाभि को नीचे की तरफ धकेलें। रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से को ऊपर की तरफ ऊठाएं। इसके बाद ठोड़ी से छाती को छूने की कोशिश करें। इस दौरान अपने घुटनों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर रखें। इस स्थिति में आपका पोश्चर गाय की तरफ नजर आएगा।
लाभ : बितिलासन करने से आपका हृदय हमेशा तंदुरुस्त रहेगा। इसके अलावा इससे मन को शांति मिलती है। रीढ़ की हड्डी, पीठ, कमर और पैरों की हड्डियां मजबूत बनती हैं। साथ ही पोश्चर में भी सुधार होता है। इस योगासन को करने से पेट के अंदरूनी अंगों की मसाज होती है। इससे तनाव दूर होता है और नींद अच्छी आती है।
सावधानियां : अगर आपके घुटने का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है, तो इस आसन को करने से बचें। वहीं कंधों, गर्दन, रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- सेतुबंध आसन
विधि : इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने घुटनों को मोड़कर तलवों को मैट पर रख लें। दोनों पैरों के बीच में थोड़ा गैप रखें। अपने दोनों हाथों को सीधा करें और टखनों को पकड़ने की कोशिश करें। इसके बाद अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपनी ठोड़ी से छुएं। अब धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। आप इस पोजिशन में 30-60 सेकेंड तक रुक सकते हैं।
लाभ : सेतुबंध आसन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसकी प्रैक्टिस करने से हार्ट हेल्थ में सुधार हो सकता है। इसको करने से पाचनतंत्र और फेफड़े भी मजबूत बनते हैं। इससे तनाव, चिंता और अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है। गर्दन, रीढ़ और सीने की मसल्स भी स्ट्रेच होती हैं।
सावधानियां : गर्दन में चोट लगने पर इस आसन को करने से बचें। महिलाओं को गर्भावस्था में एक्सपर्ट की सलाह पर ही इस आसन को करना चाहिए। अगर कमर, छाती या पैरों की सर्जरी हुई है, तो इस आसन को करने से बचना चाहिए।
- ताड़ासन
विधि : ताड़ासन को करने के लिए आप जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं। पैरों के बीच थोड़ा गैप रखें। धीरे-धीरे पैरों की अंगुलियों पर खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस लेते हुए हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और स्ट्रेच करें। फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पैरों को जमीन पर ले आएं। आप चाहें तो ताड़ासन में 5 मिनट तक भी बने रह सकते हैं। इस आसन को 2-3 बार दोहरा सकते हैं।
लाभ : ताड़ासन करने से सांस की तकलीफ दूर होती है और ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है। इस आसन को रोजाना करने से हृदय को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। तनाव से राहत मिलती है, साथ ही यह आसन आपको एनर्जेटिक भी बनाता है।
सावधानियां : अगर आपको पैरों या कमर में दर्द है, तो इस आसन को करने से बचें। गर्भावस्था और पीरियड्स के दौरान एक्सपर्ट की राय पर ही इस आसन को करना चाहिए।
प्रस्तुति: ममता
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS