Multiple Pregnancy: कैसे होता है जुड़वा बच्चों का जन्म, चीन में तेजी से बढ़े मल्टीपल प्रेगनेंसी के मामले

Multiple Pregnancy: कैसे होता है जुड़वा बच्चों का जन्म, चीन में तेजी से बढ़े मल्टीपल प्रेगनेंसी के मामले
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Multiple Pregnancy Increases In China: इस वजह से चीन में जुड़वा बच्चों का जन्म ज्यादा होने लगा है। यहां पढ़िए ट्विन्स कैसे पैदा होते हैं।

Know What Is Multiple Pregnancy: आपने अपने आसपास कुछ ऐसी महिलाओं को देखा होगा, जिन्होंने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया होगा। मेडिकल की भाषा में एक से ज्यादा बच्चों को जन्म देने वाली प्रक्रिया को मल्टीपल प्रेगनेंसी कहा जाता है, जिसका मतलब होता है कि किसी महिला के गर्भ में दो या उससे ज्यादा बच्चे हैं। बता दें कि भारत के केरल में एक ऐसा गांव है, जहां सिर्फ जुड़वा बच्चों का ही जन्म होता है। इसके अलावा अब मल्टीपल प्रेगनेंसी के मामले भारत के पड़ोसी देश चीन में भी बढ़ने लगे हैं। बता दें कि चीन में जनसंख्या को लेकर बहुत सख्त कानूनों का पालन किया जाता है। वहां बढ़ती जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए One Child Policy लागू की गई थी। इस वजह से वहां की जनसंख्या जरूरत से ज्यादा कम होने लगी।

चीन में बढ़ रहे मल्टीप्ल प्रेगनेंसी के मामले

ऐसे में चीन ने अपनी जनसंख्या की नीति में ढील देनी शुरू की है। वहां मल्टीप्ल प्रेगनेंसी के मामले में बढ़ोतरी देखी गई है, क्योंकि आबादी बढ़ाने की इस पहल के बीच देश में अलग ही ट्रेंड शुरू हो गया है। वहां महिलाएं तकनीक के जरिए ट्विन्स को जन्म देना चाहती हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक, वहां के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस बात को स्वीकार किया है कि पिछले कुछ समय से देश में मल्टीप्ल प्रेगनेंसी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। उनके मुताबिक चीन के शहरी इलाकों में 20 प्रतिशत मामले मल्टीपल प्रेगनेंसी के हैं। नेचुरल बर्थ के सिर्फ 1 प्रतिशत मामलों में हैं, वहीं अगर बात करें ट्रिपलेट्स या इससे ज्यादा बच्चों की, तो इसके मामले ना के बराबर ही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन में माताएं ज्यादा बच्चों को जन्म देने की कोशिश में टेक्नोलॉजी का सहारा ले रही हैं।

नेचुरल तरीके से किस तरह जन्म लेते हैं जुड़वा बच्चे

जैसा कि हमने आपको बताया कि केरल के गांव में जुड़वा बच्चों का ही जन्म होता है। यह एक नेचुरल प्रक्रिया के कारण होता है। इस गांव में कपल किसी भी तरह की तकनीक का इस्तेमाल नहीं करते हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि मल्टीप्ल प्रेगनेंसी में भी दो तरह के जुड़वा बच्चे होते हैं। इसमें से एक प्रक्रिया के तहत जुड़वा बच्चे एक ही अंडे से पैदा हो सकते हैं, वहीं दूसरी प्रक्रिया में अलग-अलग अंडे से जुड़वा बच्चों का जन्म होता है।

बता दें कि अलग-अलग अंडे से पैदा होने वाले बच्चे फ्रैटरनल कहलाते हैं। ये स्थिति तब होती है, जब दो या उससे ज्यादा अंडे अलग-अलग स्पर्म से फर्टिलाइज होते हैं। अगर किसी महिला के घर में पहले से ही फ्रेटरनल ट्विन्स होते हैं, तो इस स्थिति की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं, जब जुड़वा बच्चे एक ही अंडे से पैदा होते हैं, तो उन्हें आइडेंटिकल बच्चे कहा जाता है। हालांकि ऐसे मामलों की संख्या बहुत कम होती है। इस तरह के बच्चे दिखने में बहुत हद तक सेम ही होते हैं।

तकनीक की सहायता से कैसे हो रहे जुड़वा बच्चे

इस तरह की फर्टिलाइजेशन के दौरान मैच्योर एग्स को ओवरीज से बाहर निकालकर लैब में रखा जाता है, जिसके बाद स्पर्म के साथ इन्हें फर्टिलाइज करवा जाता है। इसी प्रक्रिया के दौरान कभी-कभी एक से ज्यादा एग फर्टिलाइज हो जाते हैं। इस वजह से जुड़वा बच्चों का जन्म संभव हो पाता है। बता दें कि कई बार इस प्रक्रिया को जानबूझकर भी अंजाम दिया जाता है।

बता दें कि इस तरह तकनीक की सहायता से नेचुरल प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ करने के बुरे प्रभाव भी होते हैं। जैसे कि गर्भ में 2 बच्चों के होने के कारण समय से पहले डिलीवरी होने की संभावना रहती है। बच्चों का सही तरह से विकास नहीं हो पता है, कई बार इस तरह के बच्चों का जन्म किसी गंभीर बीमारी के साथ ही होता है। इसके साथ ही ऐसे मामलों में स्टिलबर्थ होता है यानी मृत शिशु का जन्म हो सकता है।

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